शिक्षा के क्षेत्र में Assistant Professor का पद सम्मानीय होता है और हर वर्ष हजारों लाखों छात्र असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की होड़ में लगे रहते हैं । लेकिन सहायक प्रोफेसर बनने के इस रेस में जीत मात्र कुछ ही छात्रों की हो पाती है और इसका असली कारण है सही रणनीति का न होना । अगर आप एक सहायक प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो आपको सब पहले एक मजबूत रणनीति बनानी होगी ।
इसके अलावा इस कैरियर फील्ड से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां भी इकट्ठी करनी होंगी । इसलिए हमने आपकी मदद के लिए यह well researched article तैयार किया है जिसकी मदद से न सिर्फ आप इस फील्ड के बारे में विस्तार से समझेंगे बल्कि सहायक प्रोफेसर बनने की रणनीति भी आसानी से बना सकेंगे । लेख में हम निम्नलिखित विषय पर आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे:
- Assistant Professor क्या होता है
- सहायक प्रोफेसर बनने की योग्यता
- असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बनें
- असिस्टेंट प्रोफेसर का कार्य, उम्र सीमा और सैलरी
- वर्ष 2023 में सहायक प्रोफेसर की भर्ती
- विषय से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर
Assistant Professor क्या होता है ?
Assistant Professor जिसे हिंदी में सहायक प्रोफ़ेसर भी कहा जाता है, जो किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को पढ़ाने का कार्य करता है । इसके अलावा शोध कर रहे छात्रों का मार्गदर्शन करना, सीनियर प्रोफेसर की उनके कार्यों में मदद करना और साथ ही छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करना इनका कार्य होता है ।
अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का सपना देखते हैं तो आपको असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की पूरी रणनीति तैयार करनी चाहिए, जिसकी जानकारी इस लेख में दी जायेगी । आमतौर पर पहले एक सहायक प्रोफेसर बनने का सिर्फ एक ही तरीका था, पीएचडी की डिग्री पूरी करके लेक्चरशिप का विकल्प चुनना । लेकिन अब यूजीसी ने वर्ष 2022 में नए नियमों को लागू किया है ।
नए नियमों के हिसाब से अब कुछ मामलों में पीएचडी और नेट की परीक्षा अनिवार्य नहीं होगी । फिर आप असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बन सकेंगे ? इस प्रश्न का उत्तर हम आगे समझेंगे । एक असिस्टेंट प्रोफेसर की सबसे खास बात यह है कि आमतौर पर वह स्वतंत्र रूप से कार्य करता है और छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री से लेकर परीक्षाएं खुद ही डिजाइन करता है ।
Assistant Professor के कार्य
अगर आप एक Assistant Professor बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप इस पद की जिम्मेदारियों को अच्छे से समझ लें । एक बार जब आप सहायक प्रोफेसर बन जायेंगे तो आपका कार्य इन्हीं जिम्मेदारियों का वहन करना होगा । तो चलिए बिंदुवार ढंग से असिस्टेंट प्रोफेसर का कार्य पर नजर डालते हैं:
- छात्र द्वारा सीखने की क्षमता का आकलन करना, शिक्षण और सीखने की रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना
- लेक्चर देना और ट्यूटोरियल आयोजित करना, छात्रों की परियोजनाओं और असाइनमेंट का पर्यवेक्षण करना
- समय समय पर स्वतंत्र और निष्पक्ष शोध करना और उन शोधों से प्राप्त जानकारियों को प्रकाशित करवाना
- शैक्षणिक और करियर से संबंधित मामलों पर छात्रों को सलाह देना और उनका मार्गदर्शन करना
- साथी प्रोफेसर्स के साथ मिलकर नए शोध करना, उनके साथ तालमेल बिठाना, नए विषयों पर चर्चा करना और छात्रों के लिए जरूरी नीतियों को इंप्लीमेंट करवाना
- पाठ्यक्रम सामग्री का विकास और संशोधन और नए कार्यक्रमों व पाठ्यक्रमों के विकास में योगदान देना
Assistant Professor Eligibility
अगर आप Assistant Professor in Hindi बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इसके योग्य होना होगा । देश के अलग अलग राज्यों में एक सहायक प्रोफेसर बनने की योग्यता अलग अलग है, लेकिन सबसे पहले हम समझेंगे कि असिस्टेंट प्रोफेसर की योग्यता को लेकर यूजीसी का क्या कहना है ।
यूजीसी के मुताबिक 1st July 2023 तक एक असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी डिग्री का होना अनिवार्य नहीं था । यह फैसला यूजीसी ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को ध्यान में रखते हुए लिया था । लेकिन इस तिथि के पश्चात अगर आप भारत में एक असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो आपके पास एक पीएचडी डिग्री होने के साथ ही NET Exam Qualification (UGC NET/ CSIR NET/ ICAR NET) भी अनिवार्य कर दिया गया है ।
यूजीसी के नियमों के मुताबिक भारत में एक Assistant Professor बनने का एकमात्र रास्ता NET Exams से होकर जाता है । यहां तक कि अगर आपके पास पीएचडी की डिग्री है, तब भी आपको यूजीसी नेट की परीक्षा देनी होगी । इसके अलावा अगर बात करें असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की उम्र सीमा तो यह राज्यों के हिसाब से अलग अलग है । अगर आप उत्तर प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो अधिकतम आयु 62 वर्ष तय की गई है ।
Assistant Professor कैसे बनें ?
अगर आप Assistant Professor Kaise Bane प्रश्न की तलाश में हैं तो नीचे दिए बिंदु आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं । हमने नीचे क्रमवार ढंग से पूरी रणनीति तैयार की है जिसकी मदद से आप भारत के एक सहायक प्रोफेसर बन सकते हैं ।
1. अपने पसंदीदा विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करें
अगर आप भारत में एक असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो जुलाई 2023 के पश्चात से आपके पास होनी चाहिए पीएचडी की डिग्री । पीएचडी आप तभी कर सकेंगे जबकि आपके पास अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री होगी । इसलिए सबसे पहले आपको जो विषय सबसे ज्यादा पसंद है, उसे केंद्र में रखते हुए स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करें ।
मान लेते हैं कि आप हिंदी विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की चाह रखते हैं तो जरूरी है कि इसी विषय को केंद्र में रखकर आप स्नातक और फिर स्नातकोत्तर कोर्स करें । आप हिंदी विषय से Honours Degree और फिर Master’s Degree प्राप्त करें, जिससे आपकी विषय पर मजबूत पकड़ बन जायेगी । ध्यान रखें कि एक असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आपका मास्टर्स डिग्री में 55% अंक होने अनिवार्य हैं ।
2. पीएचडी प्रोग्राम में नामांकन करवाएं
वर्ष 2018 से केंद्र सरकार ने भारत में Assistant Professor बनने के लिए पीएचडी डिग्री का होना अनिवार्य कर दिया था । हालांकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को देखते हुए इस फैसले पर 3 वर्ष की रोक लगा दी गई थी लेकिन जुलाई 2023 से दोबारा अब सिर्फ नेट परीक्षा क्वालीफाई करके असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं बना जा सकता है ।
इसके लिए आपके पास पीएचडी की डिग्री भी होनी चाहिए । इसलिए इस वर्ष 2023 के जुलाई महीने के पश्चात अगर आपके पास पीएचडी डिग्री नहीं है तो आप असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं बन सकेंगे । इसलिए सहायक प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाले हर छात्र को पीएचडी की डिग्री हासिल करनी चाहिए ।
3. UGC NET/ CSIR NET/ ICAR NET अनिवार्य
भारत में सहायक प्रोफेसर बनने का रास्ता NET यानि National Eligibility Test से होकर जाता है । इसलिए बिना इस परीक्षा में क्वालीफाई किए आप एक प्रोफेसर नहीं बन सकते, यह एक अनिवार्यता है । नेट की परीक्षा भी तीन प्रकार की होती है:
- UGC NET
- CSIR NET
- ICAR NET
UGC NET की परीक्षा हर स्ट्रीम के लगभग सभी विषयों के लिए आयोजित की जाती है तो वहीं CSIR NET सिर्फ और सिर्फ विज्ञान स्ट्रीम विषयों के लिए आयोजित किया जाता है । CSIR का फुल फॉर्म Council of Scientific & Industrial Research होता है । ICAR NET के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन कृषि विश्वविद्यालयों में लेक्चरर और सहायक प्रोफेसरों के लिए किया जाता है ।
ICAR का फूलफॉर्म Indian Council of Agricultural Research होता है । आपको जिस भी विषय या स्ट्रीम से होकर असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है, आपको उसीके हिसाब से नेट की परीक्षा क्वालीफाई करनी होगी । इनके अलावा आपने SLET के बारे में भी सुना होगा जिसका फुल फॉर्म State Level Eligibility Test होता है और यह परीक्षा भी यूजीसी द्वारा कराया जाता है ।
परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार इस SLET आयोग के सदस्य-राज्यों के अधिकार क्षेत्र में लेक्चरर के पद के लिए आवेदन करने के पात्र होते हैं । यह परीक्षा राज्यस्तरीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लेक्चरर के पद पर उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित किया जाता है ।
4. शिक्षण संबंधित अनुभव हासिल करें
जब आप पीएचडी डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहे होंगे, उसी दौरान शिक्षण सम्बन्धित अनुभव हासिल करना भी आपके लिए बेहतर होगा । पीएचडी के दौरान आप किसी शिक्षण संस्थान में छात्रों को पढ़ा सकते हैं और साथ ही शोध कार्य भी करते रहें । एक असिस्टेंट प्रोफेसर बनने और पीएचडी डिग्री पूरी करने में काफी वक्त चला जाता है इसलिए आप इस समय का उपयोग शिक्षण क्षेत्र में कर सकते हैं ।
इससे आपकी थोड़ी बहुत कमाई भी होगी जिससे आप अपने खर्च निकाल सकेंगे और साथ ही पीएचडी की डिग्री भी हासिल कर सकेंगे । देशभर में कई शिक्षण संस्थान हैं जहां आप Master’s Degree के दम पर 12th कक्षा के छात्रों को पढ़ा सकते हैं । इससे आपको पढ़ाने का अनुभव प्राप्त होगा और एक बेहतर सहायक प्रोफेसर बन सकेंगे । हालांकि यह कई शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य नहीं है ।
Assistant Professor Salary
किसी भी नौकरी में सबसे महत्वपूर्ण होती है सैलरी और खुशी की बात यो यह है कि एक असिस्टेंट प्रोफेसर को अच्छी खासी सैलरी मिलती है । यह सैलरी अलग अलग राज्यों और शिक्षण संस्थानों के हिसाब से भिन्न हो सकती है ।
UGC NET Exam Qualify करने के पश्चात आपकी सैलरी 25,000 रुपए/प्रतिमाह से लेकर 50,000 रुपए/प्रतिमाह की होगी । जहां प्राइवेट कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी कम होती है तो वहीं अगर आप राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होते हैं तो आपकी सैलरी 50,000 रुपए से लेकर 55,000 रुपए होगी ।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी 70,000 रुपए/प्रतिमाह से शुरू होती है । अगर आप अच्छी Assistant Professor Salary चाहते हैं तो आपका लक्ष्य सरकारी कॉलेजों या विश्विद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनना होना चाहिए ।
Assistant Professor, Associate Professor और Professor में अंतर
जब आप NET Exam क्वालीफाई करके कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाने जाते हैं तो उस वक्त आपको Assistant Professor का पद दिया जाता है । इसके पश्चात आप जब सहायक प्रोफेसर के पद पर लगातार 14 वर्ष तक अपनी सेवाएं देते हैं तो आपको Associate Professor के पद पर तैनात किया जाता है । इसके पश्चात कई मानदंडों को ध्यान में रखते हुए अंत में आपको प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन मिलेगा ।
एक Professor बनना आसान नहीं होता है और ज्यादातर असिस्टेंट प्रोफेसर सिर्फ एसोसिएट प्रोफेसर तक ही सीमित रह जाते हैं । एक प्रोफेसर बनने के लिए research work, number of publications, academic performance indicators, number of Masters और PhD guided students, conferences attended, paper जैसे कई मानदंडों को ध्यान में रखकर प्रोफेसरशिप का पद प्रदान किया जाता है ।
एक प्रोफेसर बनने के पश्चात आपकी सैलरी 1 लाख के ऊपर ही होगी । यूजीसी के मुताबिक 10,000 एजीपी वाले प्रोफेसर की सैलरी 1,44,000 रुपए/प्रतिमाह है तो वहीं एचएजी स्केल वाले प्रोफेसर की सैलरी 182,200 रुपए/प्रतिमाह है ।
Assistant Professor Job 2023
अगर आपने ऊपर दिए Assistant Professor Qualification को समझ लिया है और आपने नेट एग्जाम क्वालीफाई भी कर लिया है तो आप इंटरनेट की मदद से आसानी से Assistant Professor Job 2023 की तलाश कर सकते हैं । हालांकि समय समय पर देश के विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार द्वारा सहायक प्रोफेसर की भर्ती निकाली जाती है ।
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आप Sarkari Result पोर्टल की मदद से सहायक प्रोफेसर सरकारी नौकरी 2023 पर नजर रख सकते हैं । इसके अलावा अगर आप प्राइवेट कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी करना चाहते हैं तो नीचे कुछ बढ़िया प्लेटफॉर्म की जानकारी नीचे दी गई है: