Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का उल्लंघन होता है । किसी भी व्यवसाय या लेन देन की प्रक्रिया में अनुबंध तैयार किए जाते हैं । इन अनुबंध से दो या दो से अधिक पार्टियां जुड़ी होती हैं । अगर कोई भी पार्टी या व्यक्ति अनुबंध में दिए नियमों की अवहेलना करता है या उसके ठीक विपरीत करता है तो इस ब्रीच ऑफ कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता है ।
अगर आप विस्तार से समझना चाहते हैं कि अनुबंध का उल्लंघन क्या है, इसके लिए कानून में क्या प्रावधान हैं और इससे कैसे बचें तो आपको यह लेख अंत तक पढ़ना चाहिए । Breach of Contract विषय से संबंधित हर जानकारी आपको प्रदान की जायेगी ।
Breach of Contract Meaning in Hindi
Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का उल्लंघन होता है । किसी प्रकार के लेनदेन या व्यवसाय आदि के लिए दो या दो से अधिक पार्टियां की सहमति के आधार पर अनुबंध तैयार किए जाते हैं । इस अनुबंध में लेनदेन या व्यवसाय से जुड़े कुछ नियम होते हैं जिन्हें अगर किसी के द्वारा तोड़ा जाता है तो उसे ब्रीच ऑफ कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता है ।
उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि आप किसी व्यक्ति से कार खरीदते हैं और उसे 3 महीने के अंदर पूरा भुगतान करने का अनुबंध तैयार कराते हैं । आमतौर पर अनुबंध कानूनी रूप से तैयार किए जाते हैं जो साक्ष्य के रूप में व्यवसाय में सम्मिलित सभी पार्टियों के हितों की रक्षा करती है । लेकिन 3 माह पश्चात भी आप कार का पूरा भुगतान नहीं कर पाए तो इसे अनुबंध का उल्लंघन कहा जायेगा ।
अनुबंध के उल्लंघन के पश्चात आपके पास दो ही रास्ते बचते हैं । पहला रास्ता यह है कि आप सामने वाले व्यक्ति से बातचीत करके मामला सुलझाएं । दूसरा रास्ता यह है कि सामने वाला व्यक्ति आप पर मुकदमा दायर कर सकता है जिसके लिए आपको कोर्ट में पेश होना होगा । हालांकि कई बार यह साफ साफ लिखा होता है कि Breach of Contract की स्तिथि में कौन कौन से कदम उठाए जाएंगे ।
Types of Breach of Contract
आपको जानना चाहिए कि Types of Breach of Contract यानि अनुबंध के उल्लंघन के प्रकार क्या होते हैं । इससे आपको इसके बारे में जानने समझने में ज्यादा आसानी होगी । यह जानकारी हो सकता है कि भविष्य में आपके बड़े काम की निकले ।
1. Actual Breach of Contract
Actual Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का वास्तविक उल्लंघन होता है । इसका अर्थ है कि दो पार्टियों की सहमति से बनाए गए अनुबंध के नियमों को पहले ही किसी पार्टी द्वारा तोड़ा जा चुका है । यानि कि अनुबंध से संबंधित किसी पार्टी ने या तो नियत तारीख तक अपने दायित्वों को पूरा करने से इनकार कर दिया या उन्होंने अपने कर्तव्यों को अधूरा या अनुचित तरीके से निभाया है ।
ऐसे में अगर अनुबंध में पहले से यह अंकित है कि अनुबंध के उल्लंघन के पश्चात क्या कार्रवाई की जायेगी, तो दूसरी पार्टी को ज्यादा मशक्कत करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है । पहले से तय कार्रवाई सामने वाले व्यक्ति पर की जाती है और जरूरत पड़ने पर कानूनी मदद भी ली जाती है ।
2. Minor Breach of Contract
Minor Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का मामूली उल्लंघन होता है । ऐसा तब होता है जब किसी अनुबंध के नियमों में से कुछेक नियमों को किसी पार्टी द्वारा पालन नहीं किया जाता है । यानि पार्टी अनुबंध के सारे नियमों का उल्लंघन न करके अनुबंध के कुछ नियमों का उल्लंघन करे तो इसे अनुबंध का मामूली उल्लंघन माना जाता है ।
इस परिस्थिति में दूसरी पार्टी कानूनी सहायता तभी प्राप्त कर पाएगी जब उसे अनुबंध के उल्लंघन की वजह से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है । अगर दूसरी पार्टी को पहली पार्टी द्वारा किए गए उल्लंघन से किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक हानि हुई है तो कानून उसकी पूरी सहायता करेगा ।
3. Material Breach of Contract
Material Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का सामग्री उल्लंघन होता है । इस प्रकार की परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब अनुबंध में अंकित फायदे या परिणाम के विपरीत किसी पार्टी को फायदा या परिणाम प्राप्त होता है । उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि दो पार्टियों एक ऐसे अनुबंध में शामिल है जो किसी एक पार्टी को एक वर्ष के अंत में ₹10,00,000 के मुनाफे का वादा करती है ।
लेकिन वर्ष के अंत में अगर पार्टी को दस लाख रुपए मुनाफे की प्राप्ति नहीं हुई है तो इसे हम Material Breach of Contract कहेंगे । इस परिस्थिति में दूसरी पार्टी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नुकसानों के लिए तैयार रहना होगा और साथ ही उसे हुए नुकसान की भरपाई भी करनी होगी ।
4. Anticipatory Breach of Contract
Anticipatory Breach of Contract का हिंदी अर्थ अनुबंध का प्रत्याशित उल्लंघन होता है । इसे समझने के लिए आपको एक उदाहरण देखना चाहिए । मान लेते हैं कि आपने किसी व्यक्ति को ₹10,000 उधर दिए हैं और अनुबंध के मुताबिक उसे वह रूपये 3 महीने के अंदर लौटाने हैं । लेकिन एक महीने बीतने के पश्चात ही वह आपसे कहने लगेगा, “मैं तुम्हें बाकी के रुपए वापस नहीं करूंगा, जो करना है कर लो ।”
तो ऐसी परिस्थिति में अनुबंध का प्रत्याशित उल्लंघन हुआ है । प्रत्याशित यानि आपको अंदेशा हो चुका है कि अनुबंध को तोड़ा जायेगा । सामने वाला व्यक्ति यह संकेत दे चुका है कि वह अनुबंध को तोड़ देगा । कई बार यह संकेत अप्रत्यक्ष भी होता है । इस परिस्थिति में आप कानून की मदद ले सकते हैं अगर अनुबंध लिखित रूप में आपके पास मौजूद हो या अनुबंध का कोई साक्ष्य हो ।
Remedies for breach of contract
किसी भी अनुबंध के तोड़े जाने का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए जरूरी है कि आप Remedies for breach of contract को भी अच्छे से समझ लें । अगर समाने वाला व्यक्ति अनुबंध के नियमों का उल्लंघन करता है तो आपके पास निम्नलिखित उपाय हैं:
1. अगर सामने वाला व्यक्ति अनुबंध का उल्लंघन करता है तो आप अनुबंध को रद्द कर सकते हैं । भारतीय अनुबंध अधिनियम के धारा 75 में कहा गया है कि अनुबंध को रद्द करने वाली पार्टी हर्जाना और/या मुआवजा पाने की हकदार है । आप विस्तार से Indian Contract Act को पढ़ सकते हैं ।
2. भारतीय अनुबंध अधिनियम के धारा 73 में कहा गया है कि जिस पार्टी को नुकसान हुआ है, क्योंकि दूसरे पक्ष ने वादे तोड़े हैं, उन्हें हुए नुकसान या नुकसान के लिए मुआवजे का दावा कर सकता है । यानि आप कानूनन अपने नुकसान का दावा कर सकते हैं और मुआवजा हासिल कर सकते हैं ।
3. अगर किसी Contract/Agreement की किसी नियम का उल्लंघन किया गया है या सामने वाला व्यक्ति अनुबंध के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो आप कोर्ट की मदद ले सकते हैं । कोर्ट सामने वाले व्यक्ति को अपने कर्तव्य के वहन का आदेश देगी ।
4. अगर आपको किसी बिजनेस या लेनदेन में होने वाले फायदों को प्राप्त करने से रोका जा रहा है तो आप कोर्ट की मदद ले सकते हैं । इसलिए उसे अनुबंध के उस हिस्से के लिए उचित पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा जो उसने पहले ही किया है ।
5. Breach of Contract की परिस्थिति में हो सकता है कि व्यक्ति को जेल की सजा हो । हालांकि ऐसे मामले काफी कम देखे गए हैं जिनमें अनुबंध के उल्लंघन के लिए जेल की सजा काटनी पड़ी हो । कानूनी शब्दों में, अनुबंध का उल्लंघन अपराध या यातना भी नहीं माना जाता है ।
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Solution for Breach of Contract
जब आप किसी Contract को Sign करते हैं तो सामने वाली पार्टी द्वारा अनुबंध के नियमों को तोड़े जाने का खतरा हमेशा बना रहता है । कई बार हम विश्वास करके दूसरो के साथ लेनदेन कर लेते हैं लेकिन बाद में परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है । हमारी मानें तो विश्वास से ज्यादा लिखित अनुबंध पर भरोसा करें । किसी भी प्रकार के लेनदेन या अनुबंध में शामिल होने के लिए बकायदे विस्तृत Legal Agreement तैयार कराएं ।
अगर आप खरीद बेच के क्षेत्र में हैं तो Sale Deed जरूर तैयार कराएं जिसे आमतौर पर बैनामा भी कहा जाता है । ऐसा करने पर आप किसी धोखाधड़ी के शिकार होने पर भी नुकसान की भरपाई करा पाएंगे । अगर अनुबंध की धनराशि या परिणाम काफी बड़ा है तो आपको legal help लेनी चाहिए । आप किसी विशेषज्ञ वकील की मदद से अनुबंध तैयार करा सकते हैं । इसके अलावा आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. यह निश्चित करें कि अनुबंध में दोनों पार्टियां अनुबंध से सहमत हैं और दोनों पूरे होशोहवास में अनुबंध के अंत में अपना हस्ताक्षर करें ।
2. अनुबंध बनाते और हस्ताक्षर कराते वक्त अगर आप दो या दो से अधिक गवाहों को साथ में रखें तो दोनों पार्टियों के लिए बेहतर होगा ।
3. समय समय पर अनुबंध से संबंधित परिणामों की जांच करें और देखें कि परिणाम उम्मीद के मुताबिक आ रहे हैं या नहीं ।
4. किसी भी अनुबंध में शामिल होने से पूर्व उस व्यक्ति के आर्थिक इतिहास पर नजर जरूर डालें । इसके अलावा यह भी पता करने की कोशिश करें कि क्या व्यक्ति पहले भी किसी प्रकार के अनुबंध में शामिल हुआ है ।
5. यह निश्चित करें कि अनुबंध की कम से कम तीन प्रतिलिपियां हों । एक प्रतिलिपि आपके पास, एक दूसरी पार्टी के पास और तीसरी किसी सुरक्षित स्थान या गवाह के पास होनी चाहिए । आज के डिजिटल युग में अपने अनुबंध को ऑनलाइन सुरक्षित भी रख सकते हैं । इसके लिए आप Google Photos या अन्य Cloud Storage Services की मदद ले सकते हैं ।
Conclusion
Breach of Contract यानि अनुबंध का उल्लंघन किसी बाध्यकारी अनुबंध के किसी भी सहमत नियम और शर्तों का उल्लंघन है । अनुबंध के उल्लंघन का सफलतापूर्वक दावा करने के लिए, आपके पास पर्याप्त सबूत होना चाहिए । यह जरूरी है कि अनुबंध तैयार कराने से लेकर उसके पालन तक, आप ऊपर दी गई सारी सावधानियां बरतें ।
अगर आपके मन में इस विषय से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप कॉमेंट करके पूछ सकते हैं । इससे साथ ही अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें ।