भारत के सभी सरकारी और निजी बैंक अपने खाताधारकों से कई प्रकार के शुल्क वसूलते हैं । लोन की EMI समय पर न भर पाने का शुल्क, Check Bounce होने पर शुल्क, SMS शुल्क आदि । लेकिन ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनता है MABCHGS यानि Monthly Average Balance Charges ।
Axis से लेकर ICICI तक, बैंकों ने एक न्यूनतम राशि तय की है जो हर महीने आपके खाते में होनी ही चाहिए । अगर आपके खाते में बैंक द्वारा तय राशि से कम रुपए हैं तो आपको इसका भी शुल्क देना पड़ता है । बैंक चाहते हैं कि ग्राहक अपने खाते में उनके द्वारा निश्चित धनराशि मेंटेन करके रखें । लेकिन क्यों ? MABCHGS कब और कैसे लिया जाता है ? बैंकों द्वारा तय मासिक औसत शेष राशि क्या है ?
इन सभी प्रश्नों का जवाब आपको इस आर्टिकल में दिया जायेगा । साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि आप इस शुल्क से कैसे बच सकते हैं और रिफंड भी प्राप्त कर सकते हैं । तो चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं ।
MABCHGS in ICICI Bank in Hindi
MABCHGS का फुल फॉर्म Monthly Average Balance Charges होता है जिसे देश के बड़े बड़े बैंकों जैसे ICICI, AXIS, HDFC आदि द्वारा वसूला जाता है । आईसीआईसीआई बैंक द्वारा यह शुल्क तब वसूला जाता है जब ग्राहक के खाते में बैंक द्वारा तय मासिक औसत राशि शेष न बची हो यानि उससे कम हो ।
MAB को बैंकों में नीचे दिए Formula से कैलकुलेट किया जाता है । चलिए देखते हैं कि वह फॉर्मूला क्या है और आप किस प्रकार इसे कैलकुलेट कर सकते हैं:
Monthly Average Balance = Sum of closing balance for all days in a month (Day 1 + Day 2 + Day 3 +…… + Day 30) Divided by Number of Days in a month (30)
यानि आपके खाते में हर दिन के Closing Balance को पूरे एक महीने तक जोड़ा जाएगा । जैसे ( ₹7,000 + ₹1,000 + ₹4,000…..+ ₹100) इसके बाद उस महीने के कुल दिन द्वारा भाग दे दिया जायेगा । इस तरह आपका MAB निकल कर आ जायेगा । अब बैंक पहले से ही एक निश्चित मासिक औसत राशि तय कर चुकी है जिससे आपके MAB से मिलान करेगी । अगर आपके खाते में शेष औसत मासिक राशि बैंक द्वारा तय औसत मासिक राशि से कम है तब आपको MABCHGS देना पड़ेगा ।
बैंक MABCHGS क्यों लेते हैं ?
सभी बैंक यह चाहते हैं कि वे व्यक्ति ही खाता खुलवाएं जो लगातार लेनदेन की प्रक्रिया को जारी रख सकें । आपने देखा होगा कि कोई भी बैंक खाता खोलने से पहले काफी पूछताछ करते हैं और Income Source के बारे में भी पूछते हैं । वे नहीं चाहते कि लोग खाता खुलवाकर अपने Short Term Goals पूरा कर लें और इसके बाद बैंक को अकाउंट ऑपरेशन में दिक्कतें आएं ।
ऐसे खाते जिन्हें ग्राहक या उपभोक्ता इस्तेमाल नहीं करते हैं उन्हें Dormant Account कहा जाता है । बैंकों को Dormant खाते बिल्कुल भी पसंद नहीं होते हैं । बैंकों को वे सक्रिय खाताधारक इसीलिए पसंद आते हैं क्योंकि उनकी वजह से न सिर्फ बैंक को अकाउंट ऑपरेशन करने में आसानी होती है बल्कि साथ ही उन्हें लगातार फंड भी मिलते रहते हैं जिन्हें वे मुनाफे के लिए निवेश करते हैं ।
जब आप बैंक खाता खुलवाते हैं तो बैंक आपसे अलग से कोई चार्ज नहीं लेते । वे आपके द्वारा जमा की गई Initial Payment को सीधे आपके खाते में दर्शाते हैं । लेकिन आपको बिल्कुल मुफ्त में Passbook, Chequebook, ATM Card, Manual आदि देते हैं लेकिन उन्हें तो एक तरह से नुकसान ही हो गया । ऐसे में जब आप रेगुलर बेसिस पर खाते में रूपए जमा करते हैं तो बैंक उससे अपनी कमाई करते हैं । इस तरह आप समझ गए होंगे कि बैंक MABCHGS क्यों लेते हैं ।
MABCHGS By Various Banks
देश के लगभग सभी बैंक संस्थान खाताधारकों से MABCHGS वसूलते हैं । लेकिन सभी बैंकों के MAB यानि Monthly Average Balance एक समान नहीं होते हैं और साथ ही उनकी पेनल्टी भी अलग अलग होती है । तो चलिए एक एक करके हम सभी बैंकों के Monthly Average Balance और Charges पर नजर डालते हैं:
1. ICICI Bank
सबसे पहले हम बात करेंगे ICICI Bank MABCHGS की क्योंकि इस बैंक के खाताधारक अक्सर Consumer Forums और Quora पर अपनी शिकायत दर्ज कराते रहते हैं । आईसीआईसीआई बैंक भारत का एक बड़ा और प्रतिष्ठित बैंक है जो ग्राहकों से न्यूनतम बैलेंस शेष न रखने पर शुल्क वसूलता है । चलिए सबसे पहले हम देखते हैं कुछ शिकायतों को:
MAB | Charges if Not Maintained |
---|---|
Metro and Urban locations – Rs.10,000 | Rs. 100 + 5% of the shortfall in required MAB |
Semi-urban locations – Rs.5,000 | Rs. 100 + 5% of the shortfall in required MAB |
Rural locations – Rs 2,000 | Rs. 100 + 5% of the shortfall in required MAB |
Gramin locations – Rs.1,000 | 5% of the shortfall in required MAB |
2. SBI Bank
SBI Bank भी अपने ग्राहकों से Monthly Average Balance न मेंटेन करने पर चार्जेस यानि MABCHGS वसूलती थी । हालांकि आईसीआईसीआई के मुकाबले इसने कम ही MAB तय किया है और साथ ही इसके शुल्क भी कम था ।
लेकिन 11th March, 2020 से बैंक ने Monthly Average Balance को न मेंटेन करने पर Charges लेना बंद कर दिया है । आप बैंक के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल का यह ट्वीट देख सकते हैं जो Savings Account के लिए है:
MABCHGS से कैसे बचें ?
अगर आप MABCHGS से बचना चाहते हैं तो आपके पास मात्र एक ही रास्ता है और वह है कि आपने खाते में बैंक द्वारा तय न्यूनतम मासिक औसत राशि शेष रखें । कोशिश करें कि आप बैंक द्वारा तय न्यूनतम राशि को हरहाल में बैंक में मौजूद रखें ताकि आपको यह शुल्क जमा न करना पड़े ।
अगर आप किसी भी बैंक में खाता खुलवाएं तो उसे Proper Maintain भी करें । Short Term Goals को पूरा करने के लिए अगर आप खाता खुलवाते हैं और सक्रिय नहीं रहते हैं तो आपको काफी शुल्क जमा करना पड़ सकता है । बैंकों के पास कई तरीके हैं जिनसे वे आपसे आसानी से Penalty Amount निकलवा सकती हैं ।
- Consolidated Charges in Axis Bank in Hindi
- TRF in Banking in Hindi
- ATM Card Maint Charges in Hindi
- Debit by Transfer in Hindi
- ICICI Bank History in Hindi
- What is PPS in Banking in Hindi
इसलिए अगर आप बैंक अकाउंट का इस्तेमाल लंबी अवधि से नहीं कर रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि इसे बंद करवा दें । इससे आप Minimum Balance Penalty से बच जायेंगे और बैंकों के चक्कर आपको नहीं काटने पड़ेंगे ।
Conclusion
MABCHGS को अगर आप दो भागों में बांट दें तो आप इसे आसानी से समझ सकते हैं । MAB का फुल फॉर्म है Monthly Average Balance और CHGS का फुल फॉर्म है Charges । यानि अगर बैंक द्वारा आपको कोई संदेश प्राप्त हुआ है जिसमें आपके खाते से MABCHGS लिखकर रुपए काटे गए हैं तो समझ लीजिए कि आपने बैंक द्वारा तय न्यूनतम मासिक औसत राशि को मेंटेन नहीं किया है ।
आपको सलाह दी जाती है कि इस पेनल्टी या चार्ज से बचने के लिए अपने खाते में न्यूनतम राशि को शेष रखें और समय समय पर बैंक स्टेटमेंट देखते रहें । इससे आप अपनी बैंक के गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं । अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें । साथ ही आप अपने विचार या प्रश्न कॉमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं ।
1 Comment
मेरे अकांऊट से दो बार 590/590/
कट हूये हैं/