जब दो व्यक्तियों, पार्टियों या देशों के बीच वस्तु और सेवाओं का लेन देन होता है तो उसे Trade कहा जाता है । आपने अक्सर यह शब्द अपने पाठ्यक्रम में पढ़ा होगा या टीवी चैनलों पर सुना होगा । आपके मन में भी अक्सर यह प्रश्न उठता होगा कि आखिर यह ट्रेड क्या है ? इसका महत्व क्या है ? यह कैसे वैश्वीकरण का मुख्य अंग है ? आदि ।
इन सभी प्रश्नों का विस्तारपूर्वक जवाब आपको दिया जायेगा । न सिर्फ आप जानेंगे कि Trade Meaning in Hindi क्या है बल्कि इसके अन्य आयामों की जानकारी भी आपको दी जायेगी । अगर आप इस विषय पर नोट्स तैयार करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी की मदद ले सकते हैं ।
Trade Meaning in Hindi
Trade का हिंदी अर्थ व्यापार या धंधा होता है जिसमें दो व्यक्तियों या देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का लेन देन किया जाता है । यह दोनों पक्षों या पार्टियों के लिए काफी लाभदायक होता है । वित्तीय शब्दों में, व्यापार मूल रूप से दो सहमति पक्षों के बीच संपत्ति और प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद को संदर्भित करता है ।
इस शब्द का भिन्न परिस्थितियों में अलग अलग अर्थ होता है । जब हम लेनदेन की बात करते हैं तो ट्रेड का अर्थ दो पार्टियों में वस्तुओं और सेवाओं का लेन देन होता है जिसके लिए आमतौर पर मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है । लेकिन वहीं शेयर मार्केट या वित्तीय दृष्टिकोण से देखें तो इसका अर्थ दो पक्षों के बीच प्रतिभूतियों (Shares) की बिक्री और खरीद हो जाता है ।
Trade Definition in Hindi
नीचे कुछ Trade Definition दिए गए हैं जिन्हें आप पढ़ सकते हैं । ये परिभाषाएं मूल अर्थ या परिभाषा से बिल्कुल अलग नहीं है । आप इनमें से कोई भी परिभाषा याद कर सकते हैं ।
1. व्यापार एक बुनियादी आर्थिक अवधारणा है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री शामिल है, खरीदार द्वारा विक्रेता को भुगतान किए गए मुआवजे के साथ, या पार्टियों के बीच वस्तुओं या सेवाओं के आदान-प्रदान के साथ ।
2. व्यापार से तात्पर्य आर्थिक अभिनेताओं के बीच वस्तुओं या सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान से है । चूंकि लेन-देन सहमति से होते हैं, इसलिए व्यापार को आम तौर पर दोनों पक्षों के लाभ के लिए माना जाता है ।
3. व्यापार अर्थशास्त्र मुख्य रूप से अध्ययन करता है कि वस्तुओं का आदान-प्रदान करते समय आर्थिक भागीदार एक दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं ।
Types of Trade in Hindi
Trade यानि व्यापार मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं, पहला आंतरिक व्यापार और दूसरा अंतरराष्ट्रीय व्यापार । चलिए इन दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं:
1. Internal Trade
सबसे पहले आता है Internal Trade (Home Trade) जिसे हम आंतरिक व्यापार भी कहते हैं । यह किसी देश की राजनीतिक और भौगोलिक सीमाओं के भीतर आयोजित किया जाता है । यह स्थानीय स्तर, क्षेत्रीय स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है ।
उदाहरण के तौर पर अगर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के व्यापारियों के बीच होने वाले व्यापार को हम Internal Trade कहेंगे । यानि ऐसा व्यापार जो देश की राजनीतिक और भौगोलिक सीमा के अंदर किया गया हो । इसके अंतर्गत भी दो प्रकार होते हैं:
1. Retail Trade
इसमें थोक विक्रेताओं से छोटे मात्रा में खरीदना और उपभोक्ताओं को बहुत कम मात्रा में व्यक्तिगत उपयोग के लिए बेचना शामिल है । आप अपने आसपास छोटे छोटे किराना के दुकान देखते होंगे जिन्हें retail store कहा जाता है । ये wholesale sellers से उत्पाद बड़ी मात्रा में खरीदते हैं और इसके बाद उपभोक्ताओं को कम मात्रा में बेचते हैं ।
रिटेल ट्रेड में व्यापारी थोक विक्रेताओं और उपभोक्ताओं के बीच एक संबंध स्थापित करता है । इसमें फेरीवाले, पेडलर्स और जनरल स्टोर की दुकानें आती हैं ।
2. Wholesale Trade
इसमें उत्पादकों या निर्माताओं से बड़ी मात्रा में खरीदना और उपभोक्ताओं को पुनर्विक्रय के लिए खुदरा विक्रेताओं को बड़ी मात्रा में बेचना शामिल है । थोक व्यापारी निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच संबंध स्थापित करता है । आपने अपने शहर में अक्सर थोक विक्रेता की दुकानें देखी होंगी । इनसे अगर आप कुछ रुपयों का सामान खरीदने जायेंगे तो ज्यादातर संभावना है कि आप खाली हाथ लौटेंगे ।
ये बड़ी मात्रा में सामान खरीदते हैं और फिर बड़ी मात्रा में ही खुदरा या फुटकर व्यापारियों को सामान बेचते हैं । थोक व्यापारी उत्पादकों और खुदरा विक्रेताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है ।
2. International Trade
International Trade अंतरराष्ट्रीय सीमाओं या क्षेत्रों में पूंजी, वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान है क्योंकि वस्तुओं या सेवाओं की आवश्यकता होती है । जब एक देश का व्यापारी अपने भौगोलिक और राजनीतिक सीमा को लांघ कर किसी अन्य देश के व्यापारी से व्यापार करता है तो उसे हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार या इंटरनेशनल ट्रेड कहते हैं ।
उदाहरण के तौर पर वर्तमान समय में भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है । यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक सर्वोत्तम उदाहरण है । इसे हम Foreign Trade के नाम से भी जानते हैं । इसके अंतर्गत भी मुख्य रूप से 3 बातें निकल कर सामने आती हैं ।
1. Export Trade
Export Trade का अर्थ निर्यात व्यापार होता है । जब किसी एक देश का व्यापारी किसी अन्य देश के व्यापारी को कोई वस्तु या सेवा बेचता है तो उसे हम निर्यात व्यापार कहेंगे ।
उदाहरण के तौर पर, मुंबई का व्यापारी अगर अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के व्यापारी को अगर कोई उत्पाद बेचता है तो यह Export Trade के श्रेणी में आएगा ।
2. Import Trade
Import Trade का अर्थ आयात व्यापार होता है । जब एक देश का व्यापारी किसी अन्य देश से वस्तु या सेवा खरीदता है तो उसे हम आयात व्यापार कहेंगे ।
उदाहरण के तौर पर, अगर बनारस का कोई व्यापारी जापान के टोक्यो शहर से कोई सामान खरीद कर आयात करता है तो यह Import Trade की श्रेणी में आएगा । आप इससे संबंधित आर्टिकल पढ़ सकते हैं:
3. Entrepot Trade
अंत में आता है Entrepot Trade जिसे हिंदी में पुनर्निर्यात व्यापार कहते हैं । जब माल एक देश से आयात किया जाता है और फिर कुछ Processing करने के बाद पुन: निर्यात किया जाता है, तो इसे एंट्रेपोट व्यापार कहा जाता है ।
उदाहरण के तौर पर भारत के हीरा व्यापारी साउथ अफ्रीका से हीरे का कच्चा माल आयात करते हैं । इसके बाद उसे polish और process करके अन्य देशों में बेच दिया जाता है । इसे हम पुनर्निर्यात व्यापार कहेंगे ।
Benefits of Trade in Hindi
Trade यानि व्यापार के कई फायदे हैं । इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसकी वजह से रोजगार सृजन होता है । इसके साथ ही देश की जीडीपी में भी इसका बहुत बड़ा योगदान होता है । खासकर कि अगर Export Trade की बात की जाए तो आयात से ज्यादा निर्यात जानते वाले देशों की जीडीपी काफी अच्छी स्तिथि में होती है ।
ट्रेड के फायदे कुछ इस प्रकार से हैं:
1. व्यापार की मदद से सम्मिलित सभी व्यक्तियों की आय के वृद्धि होती है । व्यापार के कई चरण होते हैं और साथ ही इसे कितना भी बढ़ाया जा सकता है । इस तरह इसमें सम्मिलित व्यक्तियों की आय में कई गुना वृद्धि होती है ।
2. ट्रेड का दूसरा फायदा रोजगार को लेकर है । व्यापार से रोजगार सृजन को गति मिलती है और हजारों लोगों को नौकरियां मिलती हैं । व्यापार जितना ज्यादा जटिल और विस्तृत होगा, लोगों की जरूरत उतनी ही ज्यादा होगी । ऐसे में कह सकते हैं कि व्यापार नौकरियों में वृद्धि करता है ।
3. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करने की वजह से देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है । उदाहरण के तौर पर वर्तमान में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $529.216 billion है । विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे ज्यादा व्यापार ही योगदान देता है ।
4. व्यापार एक बड़ा बाजार भी प्रदान करता है । व्यापार का क्षेत्र काफी विस्तृत है जिस वजह से आप न सिर्फ अपने देश के भौगोलिक सीमा तक बल्कि अन्य देशों में भी अपनी वस्तुओं या सेवाओं को आसानी से बेच सकते हैं ।
Trade और Commerce में अंतर
Trade और Commerce कई मायनों में एक दूसरे से अलग हैं । हालांकि अगर आप गूगल ट्रांसलेट की मदद लें तो दोनों का अर्थ व्यापार ही आयेगा । लेकिन इनके बीच भी कई अंतर हैं, जैसे:
1. व्यापार में दो या दो से अधिक पक्षों के बीच विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री शामिल है । जबकि वाणिज्य में वे सभी गतिविधियाँ शामिल हैं जो निर्माता से अंतिम ग्राहकों तक वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहायता करती हैं ।
2. जहां व्यापार का कार्यक्षेत्र या पहुंच कम है तो वहीं वाणिज्य का क्षेत्र काफी विस्तृत है ।
3. जहां व्यापार के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है तो वहीं वाणिज्य में पूंजी की आवश्यकता कम होती है ।
4. व्यापार में जहां रोजगार सृजन की संभावना कम है तो वहीं वाणिज्य में नौकरियों की संभावना व्यापार से कहीं ज्यादा है ।
Conclusion
उम्मीद है कि आप Trade Meaning in Hindi के साथ साथ इससे संबंधित अन्य जरूरी जानकारियां भी समझ गए होंगे । इसके साथ ही व्यापार और वाणिज्य में मुख्य अंतर क्या होता है, इसकी भी जानकारी आपको दी गई है । अगर किसी विषय पर जानकारी अधूरी है या नहीं दी गई है तो आप कॉमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं ।
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