इस पोस्ट में हम आपको Custom Duty and Excise Duty meaning in Hindi के बारे में बताएंगे । कई लोगों का प्रश्न है कि Custom Duty kya hai या Excise Duty kya है ? तो इन प्रश्नों का विस्तारपूर्वक हम उत्तर देंगे । इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि ये टैक्स कौन और कैसे लगता है ?
जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि हमारे देश में विकास के कार्य मूल रूप से टैक्स पर ही निर्भर होते हैं । सरकारें हमारे दिए गए टैक्स से ही देश में विभिन्न परियोजनाएं शुरू करती हैं । अगर देश का बार नागरिक ईमानदारी से सरकार को टैक्स दे तो देश में विकास परियोजनाएं ज्यादा की मात्रा में शुरू की जा सकती हैं । तो आपके लिए सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के बारे में भी जानना जरूरी हो जाता है । तो चलिए जानते हैं –
Custom Duty kya hai ?
Custom Duty या सीमा कर वह कर है जिसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने पर लगाया जाता है । यह वह कर है जो सरकारें वस्तुओं के निर्यात और आयात पर लगाती हैं । यह Central Board of Excise & Customs यानि CBEC के अंतर्गत आता है ।
उदाहरण के तौर पर समझें – मान लें कि आप एक व्यापारी के तौर पर अमेरिका या जापान से किसी भी वस्तु का आयात करते हैं । ऐसे में आपको भारत के बॉर्डर पर अन्य देश से वस्तु के आयात पर शुल्क देना होगा । इसी तरह अगर आप भारत से किसी वस्तु को अन्य देश में निर्यात करते यानि कि export करते हैं तो भी आपको उस देश के बॉर्डर पर Custom Duty देना होगा । इस तरह आप समझ गए कि Custom duty kya hai !
Custom Duty क्यों लगाया जाता है ?
Custom Duty लगाने के पीछे सरकारों का मुख्य उद्देश्य अपने देश में बढ़ते Competition को रोकना है । सरकारें अपने देश में किसी देश विशेष या दुनिया के सभी देशों के लिए Custom Duty को बढ़ाती तभी है जब वे चाहती हैं कि उनके देश में आयात कम से कम हो ।
दूसरे देशों से ज्यादा की मात्र में सामानों का आयात करने से अपने देश के manufacturers में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है । इसके अलावा देश की उत्पादक कंपनिया घाटे में भी चली जाती हैं । सरकार कुछ उत्पादों पर जानबूझकर Custom Duty बढ़ाती है ताकि देश के लोगों के लिए बनी नुकसानदायक चीजें निर्यात न हों ।
सीमा शुल्क के अंतर्गत कौन कौन सी चीजें आती हैं ?
सीमा शुल्क के अंदर वे सभी चीजें आती हैं जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं हैं । वे उत्पाद हैं –
- शराब – जिसमें बीयर, वाइन, साइडर और स्पिरिट शामिल हैं
- तंबाखू से जुड़े उत्पाद – जिसमें सिगरेट, सिगार, रोलिंग तंबाकू और चबाने वाला तंबाकू शामिल है
- जुआ गतिविधियाँ: बिंगो, राष्ट्रीय लॉटरी, मशीन गेम और ऑनलाइन गेम जिसमें पैसे की सट्टेबाजी शामिल है
- हाइड्रोकार्बन ईंधन: हल्के ईंधन, भारी ईंधन, जैव ईंधन और सड़क ईंधन सहित
ऊपर दी गई सभी चीजें सीमा शुल्क के अंतर्गत आती हैं जिनपर सरकारें सीमा शुल्क को बढ़ाती हैं । ये सभी चीजें custom duty के अंतर्गत आती हैं जिनपर सरकारें जानबूझकर बढ़ाती हैं ।
सीमा शुल्क कितने प्रकार की होती है ?
Custom Duty विभिन्न प्रकार की होती है जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं –
- Basic Custom Duty
- Additional Customs Duty (Countervailing Duty (CVD))
- Protective Duty
- Education Cess
- Anti-dumping Duty
- Safeguard Duty
Excise Duty kya hai ?
Excise Duty एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है जिसे निश्चित उत्पादों के उत्पादन करने या लाइसेंस लेने पर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है । जुलाई 1 , 2017 से Excise Duty को बदलकर Goods & Services Tax कर दिया गया है ।
उदाहरण के तौर पर समझें – मान लें कि आप एक कलम बनाते हैं या इसके लिए सरकार द्वारा लाइसेंस लेते हैं । इन सभी कार्यों के लिए आपको सरकार को कुछ राशि देनी होगी । इसी राशि को पहले उत्पाद शुल्क कहते थे जिसे अब माल और सेवा कर या जीएसटी कहते हैं ।
अप्रत्यक्ष कर का अर्थ है कि उपभोक्ता यानि Consumer को यह कर ( tax ) सीधे तौर पर सरकार को जमा नहीं करना होता है । परन्तु , किसी भी वस्तु के अंतिम मूल्य में यह कर जुड़ जाता है जिसका आप भुगतान इस वस्तु को खरीदते समय करते हैं । इस तरह सरकार Excise Duty लेती है । इस तरह आप समझ गए कि excise duty kya hai !
Excise Duty कितने प्रकार की होती है ?
Excise Duty विभिन्न प्रकार की होती है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं –
- Basic Excise Duty
- Special Excise Duty
- Education Cess on Excise Duty
- Natural Calamity Contingent Duty
- Excise Duty in case of clearances by Export Oriented Units
- Duties under other Acts
- Additional Duty on Goods of Special Importance
- Additional Customs Duty commonly known as Countervailing Duty (CVD)
- Additional Duty on Mineral Products
- Duty on Medical and Toilet Preparations
- Special Additional Duty of Customs
इतने तरह के उत्पाद शुल्क केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाते हैं । इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि राज्य सरकारें भी शराब और ड्रग्स पर टैक्स अपने पास जमा करती है । ऊपर दिए गए उत्पाद करों के बारे में अगर आपको नहीं पता तो आप नीचे कमेंट मे बता सकते हैं जिसे बाद में अपडेट कर दिया जाएगा ।
उत्पाद शुल्क कैसे भरें ?
The Central Board of Excise and Customs ने 2017 में Electronic Accounting System in Excise and Service Tax (EASIEST) को लॉन्च किया । इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग service tax और excise duty को ऑनलाइन वेब आधारित पोर्टल द्वारा कर सकें ।
- NEFT , RTGS , IMPS , ECS in Hindi – फूल फॉर्म , अंतर और हिंदी मीनिंग
- Session Court या सत्र न्यायालय क्या है ? Session Court in Hindi
- बैंक मित्र क्या होता है और कैसे बनें ? Bank Mitra बनने के फायदे – in Hindi
1 अक्टूबर , 2014 से सभी tax और duty देन कर्ताओं के लिए यह आवश्यक है कि सभी service tax और excise duties का भुगतान नेट बैंकिंग द्वारा ही करें । इसके लिए आपको सबसे पहले https://cbic-gst.gov.in/# वेबसाइट को विजिट करना है । यहां आपको E – Payment का चुनाव करना है । इसके बाद आप दिए गए सभी निर्देशों का पालन करते हुए इस फॉर्म को भर सकते हैं ।
GST और Excise Duty में क्या अंतर है ?
इसमें प्रमुख अंतर यह है कि Excise Duty को केवल वस्तु के उत्पादन पर लगाया जाता था जबकि GST को वस्तु के उत्पाद से लेकर उसके बेचने तक के हर पड़ाव पर लगाया जाता है । इसके साथ ही Excise Duty का वर्तमान दर 12.36% था तो वहीं GST का वर्तमान दर 0%, 5%, 12%, 18%, 28% है ।
FAQs on Excise Duty in Hindi
चलिए अब बात करते हैं FAQs on Excise Duty in Hindi की –
1. Excise Duty और Sales Duty में क्या अंतर है ?
Excise Duty और Sales Duty में यह अंतर है कि एक्साइज ड्यूटी हमेशा किसी भी प्रोडक्ट के उत्पादन या लाइसेंस लेने पर लगाया जाता है परंतु Sales Tax सिर्फ उस उत्पाद को बेचने पर लगाया जाता है ।
2. क्या एक उत्पाद बनाने वाले को Central Excise Department से किसी प्रकार की लाइसेंस लेने की जरूरत है ?
आपको किसी भी प्रकार की license की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है । आपको बस Central Excise Department में आपको बस एक registration कराने की जरूरत होती है ।
3. Registration करवाने की क्या प्रक्रिया है ?
अपने नजदीकी केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में Form 1 में अप्लाई करें जिसके साथ आपका PAN Card भी जुड़ा होना चाहिए । एक बार वेरिफिकेशन होने के बाद , आपको registration certificate जल्द से जल्द मिल जाता है ।
4. Excise Duty न भरने पर विभाग क्या कार्रवाई कर सकता है ?
अगर आप समय के अंदर एक्साइज ड्यूटी नहीं भरते हैं तो आप पर पीनल एक्शन लिया जाएगा और आपको 5,000 रुपए तक भरने पड़ सकते हैं ।
Custom Duty & Excise Duty meaning in Hindi
इस पोस्ट में आपने विस्तार से जाना कि Custom duty kya hai और excise duty kya hai । इससे जुड़ी जरूरी बिंदुओं को हमने आपको समझाया है । अगर आपको लगता है कि हम आपके किसी प्रश्न का जवाब पोस्ट के माध्यम से न दे पाए , तो कमेंट करके अवश्य बताएं । इसके साथ ही जानकारी हेल्पफुल लगी हो तो इसे Whatsapp , Telegram पर शेयर भी करें ।