आपने अक्सर Map Reading के बारे में सुना होगा । खासकर कि स्कूलों, कॉलेजों और एनसीसी ट्रेनिंग में मैप रीडिंग की पूरी जानकारी दी जाती है, प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रैक्टिकल भी होता है । इसके अलावा मैप पढ़ने के अन्य कई कारण भी होते हैं जैसे इसकी मदद से हमें यात्रा करने में मदद मिलती है, किसी स्थान के भौगोलिक स्तिथियों के बारे में पता चल पाता है आदि ।
आप भी बड़े ही आसानी से मैप रीडिंग सीख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग भी कर सकते हैं । खासकर कि अगर आप किसी लंबी यात्रा पर जा रहे हैं तो मैप यानि मानचित्र की मदद से अपनी स्तिथि, मौजूद जल के स्रोतों की जानकारी, पहाड़ी क्षेत्र आदि जान सकते हैं । यह एक लाइफ स्किल है और परिस्थिति के हिसाब से यह आपकी जान भी बचा सकती है ।
आपके लिए Map Reading सीखने का कारण जो भी हो, यह आर्टिकल आपकी पूरी मदद करेगा । इसमें हम विस्तार से समझेंगे कि मानचित्र को कैसे समझें, इसका महत्व क्या है, मानचित्र के अलग अलग प्रकार क्या होते हैं आदि । तो चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं ।
Map Reading क्या है ?
Map Reading यानि मानचित्र अध्ययन एक जीवन कौशल है जिसकी मदद से हम किसी भी क्षेत्र के भौगोलिक स्तिथि का लता लगाने में सक्षम हो पाते हैं । मानचित्र कौशल हमें मानचित्रों को पढ़ने और उनके प्रतीकों और पैमानों से जानकारी का पता लगाने में मदद करते हैं ।
खासकर कि स्कूलों में मैप रीडिंग सिखाई जाती है लेकिन अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या किसी यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो आपको भी मैप रीडिंग सीखनी चाहिए । Map Skills एक परिदृश्य की विभिन्न विशेषताओं के पहचानने और दिशाओं का पता लगाने में मदद करते हैं । चलिए मैप रीडिंग कैसे करें से पहले जानते हैं कि मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं ।
Types of Maps in Hindi
आपने अवश्य ही अलग अलग प्रकार के मानचित्र देखे होंगे । अलग अलग परिस्थितियों और भौगोलिक क्षेत्रों के लिए अलग अलग मैप बनाए जाते हैं । लेकिन आपको इन सभी के अध्ययन के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है क्योंकि इनमें बहुत कुछ एक जैसा ही होता है ।
तो चलिए सबसे पहले Types of Maps समझ लेते हैं और इसके बाद हम एक मानचित्र के विभिन्न तत्वों को समझेंगे । आपको सभी बातें धीरे धीरे समझते हुए आगे बढ़नी होंगी ताकि आपको मानचित्र अध्ययन अच्छे से समझ आ सके ।
1. Weather Maps
सबसे पहले स्थान पर आता है Weather Map यानि मौसम के नक्शे । ऊपर दिए मैप में आप भारत के मौसम की जानकारी देख पा रहे होंगे । मौसम के नक्शे का उपयोग पूर्वानुमानित तापमान, वर्षा आदि को दिखाने के लिए किया जाता है । आप अगर अखबार पढ़ते हैं या टीवी न्यूज चैनल्स देखते हैं तो आपको हर आधे घंटे पर मौसम की जानकारी दी जाती है ।
उदाहरण के तौर पर आज भारत के उत्तर पूर्व में भारी बारिश की संभावना है, उत्तर प्रदेश में तापमान गिरने की आशंका आदि । कई बार जब भारी बाढ़ या तूफान आता है तब भी ऊपर दिए गए नक्शे की ही मदद से दर्शकों या पाठकों को सबकुछ समझाया जाता है । इसकी मदद से आप अपनी भविष्य की योजनाओं को तैयार कर सकते हैं ।
2. Topographic Maps
दूसरे स्थान पर आते हैं Topographic Maps यानि स्थलाकृतिक मानचित्र । टोपोग्राफिक मैप सड़क, रेलवे, विद्युत पारेषण लाइनों, आकृति, ऊंचाई, नदियों, झीलों और भूगोल जैसे जमीन पर मानव निर्मित और प्राकृतिक विशेषताओं का एक विस्तृत और सटीक चित्रण है ।
इसकी मदद से पृथ्वी के ऊपरी भाग पर क्या क्या है, उसे प्रदर्शित किया जाता है । इसके लिए विभिन्न रंगों और रेखाओं का इस्तेमाल किया जाता है ।
3. Road Maps
Road Maps यानि सड़क मानचित्र ड्राइवरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में मदद करने के लिए सड़कों और परिवहन के बीच लिंक को दिखाते हैं । यह एक प्रकार का नेविगेशनल मैप है जिसमें आमतौर पर राजनीतिक सीमाएं और लेबल शामिल होते हैं, जिससे यह एक प्रकार का राजनीतिक मानचित्र भी बन जाता है ।
एक उदाहरण आप ऊपर दी गई तस्वीर में देख सकते हैं । इसमें न सिर्फ परिवहन और सड़कों के बीच लिंक दिखाया गया है बल्कि साथ ही राजनीतिक सीमाएं भी दिखाई गई हैं । जब किसी मानचित्र में राजनीतिक सीमाएं दिखाई गई हों तो वह मानचित्र एक प्रकार से राजनीतिक मानचित्र यानि Political Map भी बन जाता है ।
4. Geologic Maps
Geologic Map यानि भूगर्भीय नक्शा किसी क्षेत्र के भीतर के चट्टानें और तलछट को दर्शाने का कार्य करता है । इस नक्शे की मदद अक्सर तब ली जाती है जब कोई Construction Project शुरू करना होता है । इस मानचित्र की मदद से सबसे पहले धरती के ऊपरी सतह और ऊपरी सतह के नजदीकी अंदरूनी सतह की जानकारी प्राप्त की जाती है ।
Map Reading कैसे करें ?
अब हम संक्षेप में समझेंगे कि Map Reading कैसे की जाती है । हम एक एक करके आपको मैप रीडिंग करने के बारे में जानकारी देंगे । अगर आपके पास वर्तमान में कोई भी मानचित्र है तो आप तुरंत ही उसे निकाल लीजिए । इसके बाद हमारे द्वारा बताई गई जानकारी के हिसाब से Map Reading सीखते चलें ।
आगे बढ़ने से पहले समझ लें कि एक मानचित्र के कुल 5 तत्व होते हैं:
- स्केल
- कंपास की दिशाएं
- ग्रिड
- मैप की
- शीर्षक
1. सबसे पहले शीर्षक पर ध्यान दें
Map Reading करने से पहले जरूरी है कि आप अपने पास रखे मानचित्र के शीर्षक पर ध्यान दें । हमने ऊपर आपको कुल 4 प्रकार के मानचित्रों की जानकारी दी है, सबसे पहले देखें कि आप किस मैप का अध्ययन करना चाहते हैं । अगर आपको सड़कों और परिवहन संबंधित जानकारी चाहिए तो Geologic Map का इस्तेमाल फालतू है ।
यानि सबसे पहले अपनी जरूरत के हिसाब से ही मैप का चयन करें । हर मानचित्र अलग अलग कारणों और जरूरतों के हिसाब से बनाया गया होता है और इसलिए सबसे अपनी अपनी जरूरत के हिसाब से मैप चुन लें । हर मानचित्र के सबसे ऊपरी भाग में मानचित्र का शीर्षक लिखा होता है जैसे राजनीतिक मानचित्र, भौगोलिक मानचित्र आदि ।
2. मैप में दिए कंपास पर नजर डालें
अब आपको मैप में दिए कंपास पर नजर डालना है । लगभग हर मानचित्र में एक कंपास दिया जाता है ताकि सही दिशा का पता लगाना आसान हो । Map Reading के लिए सबसे पहले उसे सही तरफ से पकड़ना या देखना जरूरी होता है । इसलिए सबसे पहले कंपास की मदद से मैप पकड़ने या देखने की सही दिशा निर्धारित करना जरूरी होता है ।
हालांकि ज्यादातर मानचित्रों को लोगों को सहूलियत प्रदान करने के लिए ही तैयार किया जाता है । इसलिए सबसे ऊपर आपको North यानि उत्तर दिशा ही दिखाई देगी । लेकिन आपको अपनी तरफ से एक बार सुनिश्चित हो लेना चाहिए ताकि आप दिशा न भटकें या गलत तरीके से मैप अध्ययन न कर बैठे ।
3. Maps Key की मदद लें
लगभग हर मैप में एक Map Key जरूर दी जाती है जोकि Map Reading में अहम भूमिका निभाती है । इस मैप की के अंदर आपको मानचित्र के महत्वपूर्ण तत्वों की जानकारी आसानी से मिल जायेगी । उदाहरण के तौर पर आप नीचे दिया मैप की देख सकते हैं:
मानचित्र और मैप की को देखकर आप आसानी से अब बता सकते हैं कि मानचित्र में कौनसा Symbol क्या है । चाहे Road Maps हो या Topographical Maps, आमतौर पर सबमें मैप्स की दी जाती है । इसकी मदद से आप मानचित्र में मौजूद सभी रेखाओं, बिंदुओं, आकृतियों, रंगों की जानकारी आसानी से निकाल सकते हैं ।
4. अक्षांश और देशांतर की समझ भी जरूरी
फिर आता है longitude और latitude यानि अक्षांश और देशांतर । अगर इनकी समझ आप विकसित कर लें तो आपकी Map Reading Skills बेहतर हो जायेंगी और आप मानचित्र देखते ही काफी जानकारियां चुटकियों में बता देंगे । अगर आप लंबी यात्रा पर हैं तो आप आसानी से अपनी स्तिथि बताने में कामयाब हो जायेंगे ।
तो चलिए सबसे पहले दोनों शब्दावलियों को आसान भाषा में समझ लेते हैं:
- अक्षांश: किसी अक्षांश का मान 90 डिग्री होता है और एक अक्षांश धरातल पर उस स्थान की ‘उत्तर-दक्षिण स्थिति’ को बताता है ।
- देशांतर: एक देशांतर धरातल पर उस स्थान की ‘पूर्व-पश्चिम स्तिथि’ को बताता है । इसके साथ ही देशांतर रेखाओं की लंबाई भी बराबर होती है ।
5. Scale की समझ विकसित करें
Map Reading के लिए अंत में सबसे जरूरी होता है Scale । स्केल आपको मानचित्र पर सुविधाओं की दूरी, ऊंचाई, आकार और आयामों की गणना करने में सहायता करेगा । इसकी मदद से आप यह भी समझ सकते हैं कि आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कितनी दूरी तय करनी है और लगभग समय कितना लगेगा ।
- Skill Development in Hindi
- Critical Thinking in Hindi
- Indoor Games in Hindi
- History Quiz in Hindi
- Writing Skills in Hindi
- Physical Education in Hindi
अब सबसे जरूरी बात, एक मानचित्र पर 1 सेंटीमेंटर का मतलब होता है एक किलोमीटर । इसे दिखाने के लिए रेशियो की मदद ली जाती है जैसे 1:100000 यानि 1 सेंटीमीटर मैप पर दूरी तो वास्तविक रूप से 100000 सेंटीमीटर की दूरी जिसका मतलब है 1 किलोमीटर । यह स्केल आपको आसानी से मैप के निचले भाग के कोने में मिल जायेगा ।
Conclusion
अगर आप Map Reading सीखने के लिए गंभीर हैं तो सबसे पहले वास्तविक मैप बाजार से खरीदें और ऊपर बताई गई बातों का पालन करें । इसके साथ ही आपको सुझाव दिया जाता है कि ज्यादा जानकारी के लिए यूट्यूब पर मौजूद Map Reading Guide in Hindi का वीडियो जरूर देखें ।
वीडियो की मदद से आप इस विषय को ज्यादा बेहतर ढंग से समझ सकते हैं क्योंकि आपको visually सबकुछ आसान भाषा में समझाया गया है । यह एक Life Skill है और विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाया भी जाता है इसलिए इसे सीखना आवश्यक है । विषय से संबंधित प्रश्न के लिए कॉमेंट करें और आर्टिकल सहायक लगा हो तो इसे शेयर करें ।