प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा व्यवस्था में Physical Education को महत्व दिया जाता रहा है । पहले गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्रों को शारीरिक शिक्षा, योग और व्यायाम कराए जाते थे और आज स्कूलों, विश्वविद्यालयों में शारीरिक शिक्षा की पढ़ाई की जाती है । भारत में ऐसा माना जाता है कि छात्रों को बाकी विषयों के साथ साथ शारीरिक शिक्षा भी प्रदान की जाए ।
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य कई देशों में शारीरिक शिक्षा पर काफी बल दिया जाता है । Physical Education न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने की ओर एक बढ़िया कदम है बल्कि सफल जीवन के लिए भी ज़रूरी है । स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन ही सकारात्मक सोच सकता है और सफल हो सकता है । इसी मंत्र के साथ भारत सहित पूरी दुनिया में शारीरिक शिक्षा प्रदान की जा रही है ।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से इसी विषय पर आपको जानकारी देंगे । आपको इसकी परिभाषा, फायदे, उद्देश्य, परिभाषा और किताबों सबकी जानकारी दी जायेगी । चाहें आप CTET और KVS जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों या शारीरिक शिक्षा के बारे में जानने को इच्छुक होम, आप सभी के लिए यह आर्टिकल सहायक होगा ।
Physical Education क्या है ?
Physical Education यानि शारीरिक शिक्षा स्कूल में पढ़ाया जाने वाला एक ऐसा पाठ्यक्रम है जो शारीरिक स्वास्थ्य विकसित करने और दैनिक क्रियाकलापों में व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित है । इसके अलावा शारीरिक शिक्षा पोषण और स्वस्थ आदतों के बारे में भी शिक्षा प्रदान करता है ।
शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ शरीर को ही स्वस्थ रखना ही नहीं है बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य की भी बात करता है । इसके अंतर्गत मानसिक स्वस्थ, बाल मनोविज्ञान, मनोविज्ञान भी आते हैं । भारतीय दृष्टिकोण से देखें तो यह बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए शरीर, मन और आत्मा में पूर्णता के लिए शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा है ।
उदाहरण के तौर पर स्कूलों या शिक्षण संस्थाओं में बास्केटबाल जैसे खेल आयोजित कराए जाते हैं । ऐसे खेल शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ही आते हैं और एक छात्र के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं ।चलिए Physical Education Examples पर नजर डालते हैं ।
Physical Education Examples
Physical Education के अंतर्गत सिर्फ छात्रों शारीरिक शिक्षा के गुण सिखलाना ही नहीं आता है । बल्कि इसके अंतर्गत छात्रों को विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया जाता है । कुछ गतिविधियां निम्नलिखित हैं:
- दौड़ना
- तैरना
- फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी जैसे खेल खेलना
- कूदना
- नृत्य करना
- साइकिल चलाना
- व्यायाम क्रियाएं करना
ऐसे क्रियाकलाप जिसमें लगातार शरीर की मांसपेशियों का उपयोग हो रहा हो जैसे दौड़ना, उन्हें हम शारीरिक शिक्षा के उदाहरण के अंतर्गत रख सकते हैं । हालांकि अलग अलग देशों में Physical Education अलग अलग प्रकार से दी जाती है । उदाहरण के तौर पर भारत में कबड्डी जैसे खेल शारीरिक शिक्षा का एक बढ़िया उदाहरण हो सकता है तो वहीं चीन में जूडो, कराटे या मार्शल आर्ट ।
Physical Education Definition
दुनिया के अलग अलग विद्वानों ने Physical Education Definition अपने हिसाब से अलग अलग दी है । परीक्षाओं में अगर प्रश्न Subjective Nature का है तो नीचे दिए गए सभी विद्वानों द्वारा लिखी गई परिभाषाओं को आप उत्तर के तौर पर लिख सकते हैं । तो चलिए देखते हैं कि देश दुनिया के विद्वानों ने शारीरिक शिक्षा की परिभाषा क्या दी है ।
1. जे. बी. नाश: “शारीरिक शिक्षा शैक्षिक अनुशासन का वह हिस्सा है जो बड़ी मांसपेशियों की गतिविधि और उनकी प्रतिक्रियाओं से संबंधित है । शारीरिक शिक्षा का मूल लक्ष्य चलना, दौड़ना, खींचना, झुकना, पकड़ना और फेंकना (मोटर क्षमताओं) में सुधार करना है ।”
2. कोमेनियस: “शारीरिक गतिविधियां शैक्षिक उपकरण हैं जो इष्टतम वृद्धि और विकास को बढ़ावा देती हैं । शारीरिक शिक्षा न केवल शारीरिक गतिविधियों को करना है बल्कि स्वास्थ्य शिक्षा और मनोरंजन से भी संबंधित है ।”
3. चार्ल्स ए बूचर: “शारीरिक शिक्षा संपूर्ण शिक्षा प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है और इसका उद्देश्य शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से स्वस्थ नागरिकों का विकास करना है, जिन्हें साकार करने की दृष्टि से चुना गया है ।”
4. इरविन: “शारीरिक शिक्षा शारीरिक गतिविधियों का एक कार्यक्रम है जो युवाओं में शरीर के विभिन्न कार्बनिक तंत्रों के माध्यम से स्वास्थ्य का विकास करता है: शारीरिक गतिविधियों में कौशल विकसित करता है जिसका आनंद, भावनात्मक विकास, मनोरंजन और मानव जीव के इष्टतम विकास के लिए निहितार्थ है । “
5. जेपी थॉमस: “शारीरिक शिक्षा बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास और शरीर, मन और आत्मा में पूर्ण पूर्णता के लिए गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा है ।”
विभिन्न विद्वानों ने अपने अपने हिसाब से शारीरिक शिक्षा की परिभाषा दी है, जिनमें से कुल 5 परिभाषाओं की जानकारी आपको ऊपर दी गई है । परीक्षाओं में अक्सर फिजिकल एजुकेशन की परिभाषा पर प्रश्न पूछे जाते हैं जिसके उत्तर में आप ऊपर दी गई जानकारी लिख सकते हैं ।
Aims of Physical Education
शारीरिक शिक्षा के ढेरों उद्देश्य हैं और सर्वोपरि उद्देश्य है छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना । चलिए बिंदुवार ढंग से Aims of Physical Education समझते हैं ।
- शारीरिक शिक्षा के मूल्य और स्वस्थ, सक्रिय जीवन शैली से इसके संबंध की सराहना करें और समझें ।
- शारीरिक तंदुरस्ती के अपने इष्टतम स्तर पर काम करें ।
- संचार, अभिव्यक्ति और सौंदर्य प्रशंसा से जुड़े रचनात्मक माध्यम के रूप में गति के बारे में जागरूक बनें
- विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में सफलतापूर्वक भाग लेने के लिए आवश्यक मोटर कौशल विकसित करना
- शारीरिक गतिविधि के माध्यम से आनंद और संतुष्टि का अनुभव करें
- सामाजिक कौशल विकसित करना जो समूह गतिविधियों में टीमवर्क और सहयोग के महत्व को प्रदर्शित करता है
- विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में ज्ञान और समझ दिखाएं और अपने और दूसरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें
- स्थानीय और सांस्कृतिक दोनों संदर्भों में शारीरिक गतिविधि पर गंभीर रूप से प्रतिबिंबित करने की क्षमता प्रदर्शित करें
- समुदाय में सीखे गए ज्ञान, कौशल और तकनीकों को दूसरों तक पहुँचाने की क्षमता और उत्साह प्रदर्शित करें
Objectives of Physical Education in Hindi
हमने ऊपर आपको जानकारी दी कि Physical Education का लक्ष्य क्या है और यह किस प्रकार न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है बल्कि छात्रों को नए कौशल सिखाने, उन्हें विभिन्न क्षेत्रों का ज्ञान प्रदान करने, जीवन मूल्य सिखाने से भी संबंधित है । फिजिकल एजुकेशन सिर्फ खेल के बारे में नहीं बल्कि उसके नियमों और मानकों की जानकारी भी देता है ।
अब चलिए एक नजर डालते हैं Objectives of Physical Education पर यानि शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य क्या हैं । यह प्रश्न अक्सर परीक्षा में पूछा जाता है और इसका उत्तर आप बिंदुवार तरीके से दे सकते हैं ।
- शक्ति, गति, धीरज, समन्वय, लचीलापन, चपलता और संतुलन जैसी मोटर क्षमताओं का विकास करना, क्योंकि वे विभिन्न खेलों और खेलों में अच्छे प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण पहलू हैं
- संगठित शारीरिक गतिविधियों, खेलों और खेलों में शामिल तकनीक और रणनीति विकसित करना
- मानव शरीर के बारे में ज्ञान प्राप्त करना क्योंकि इसकी कार्यप्रणाली शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होती है
- वृद्धि और विकास की प्रक्रिया को समझें क्योंकि शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी का इससे सकारात्मक संबंध है
- सामाजिक-मनोवैज्ञानिक पहलुओं को विकसित करना जैसे भावनाओं पर नियंत्रण, संतुलित व्यवहार, नेतृत्व और अनुयायी गुणों का विकास और खेल और खेल में भागीदारी के माध्यम से टीम भावना
- सकारात्मक स्वास्थ्य संबंधी फिटनेस आदतें विकसित करें जिनका आजीवन अभ्यास किया जा सकता है ताकि अपक्षयी रोगों को रोका जा सके
Importance of Physical Education in Hindi
Importance of Physical Education पर बात करने से पहले हम एक बार दोबारा शारीरिक शिक्षा के अर्थ पर प्रकाश डालते हैं । सरल शब्दों में कहें तो शारीरिक शिक्षा में नियमित गतिविधियों में संलग्न होकर बच्चे के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास और शरीर, मन और आत्मा में पूर्णता के लिए समग्र शिक्षा शामिल है ।
इसमें न सिर्फ एक छात्र के शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है बल्कि उसके मन और आत्मा की पूर्णता की शिक्षा भी दी जाती है । खासकर कि हमारे देश भारत में यह प्राचीन समय से चला आ रहा है जहां विभिन्न खेल, व्यायाम, योग क्रियाएं आदि छात्रों से गुरुकुल में कराए जाते थे । इससे उन छात्रों का संपूर्ण विकास होता था और वे मन, कर्म और वचन से सुदृढ़ बनते थे ।
- Distance Learning in Hindi
- e-learning in Hindi
- Online Learning Platforms in Hindi
- Aided vs Unaided Colleges in Hindi
- Autonomous vs Non Autonomous College in Hindi
- Literature Review in Hindi
- Teaching Aids in Hindi
इसलिए शारीरिक शिक्षा के फायदे सिर्फ और सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है । हम दोबारा से बिंदुवार क्रम में Physical Education के महत्व को समझेंगे । इस तरीके से आपको ज्यादा अच्छे से सारी बातें समझ में आ जाती हैं और परीक्षा में लिखने में भी आपको आसानी होती है । अगर आज परीक्षा में शारीरिक शिक्षा की विशेषताएं पूछा जाता है तो आप नीचे दिए उत्तर को लिख सकते हैं ।
- शारीरिक शिक्षा कौशल विकसित करती है जो शारीरिक गतिविधियों में सुखद और पुरस्कृत भागीदारी की अनुमति देती है । नए कौशल सीखना आसान हो जाता है ।
- शारीरिक शिक्षा शारीरिक गतिविधि के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है ।
- शारीरिक शिक्षा मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में प्रभावी है ।
- शारीरिक गतिविधि तनाव और चिंता मुक्त करने का एक उत्तम तरीका है ।
- शारीरिक शिक्षा बच्चों को वह समय और प्रोत्साहन देती है जिसकी उन्हें व्यक्तिगत, प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों को निर्धारित करने और प्रयास करने के लिए आवश्यकता होती है ।
- शारीरिक शिक्षा बच्चों में आत्म अनुशासन के विकास में भी सहायक होती है ।
- बच्चों की मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन, मांसपेशियों की सहनशक्ति, शरीर संरचना में सुधार करता है ।
- गुणवत्तापूर्ण शारीरिक शिक्षा नैतिक विकास को प्रभावित कर सकती है । छात्रों के पास नेतृत्व संभालने, दूसरों के साथ सहयोग करने और अपने स्वयं के व्यवहार के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने का अवसर होता है ।
Physical Education Books in Hindi
अगर आप Physical Education की पढ़ाई कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो इसकी किताबें जरूर पढ़ें । इंटरनेट पर ढेरों किताबें आपको आसानी से मिल जायेंगी जिन्हें खरीद कर आप पढ़ सकते हैं । इसके अलावा कई किताबों के पीडीएफ फाइल भी इंटरनेट पर ही उपलब्ध है जिसे डाउनलोड करके भी पढ़ा जा सकता है ।
तो चलिए आपको शारीरिक शिक्षा की किताबों की जानकारी हम देते हैं ताकि उन्हें खरीद कर आप परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकें । इन किताबों को आप Flipkart से आसानी से खरीद सकते हैं ।
1. स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा: डॉक्टर वी. के. शर्मा
2. यूजीसी नेट परीक्षा शारीरिक शिक्षा: डॉ अगस्टिन जॉर्ज
3. शारीरिक शिक्षा एक समग्र अध्ययन: डॉ श्याम नारायण सिंह
4. सम्पूर्ण शारीरिक शिक्षा: संजय मलिक
5. शारीरिक शिक्षा एक अभिनव संग्रह: डॉ अभिनव राठौड़
FAQs
Physical Education से संबंधित कई प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं । इन सभी प्रश्नों को हमने सूचीबद्ध किया है और एक एक करके सबका उत्तर नीचे दिया गया है । हमने पूरी कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा शारीरिक शिक्षा से संबंधित प्रश्नों का जवाब दिया जाए ।
1. शारीरिक शिक्षा का महत्व क्या है ?
शारीरिक शिक्षा एक छात्र के अंदर आत्म विश्वास, आत्म अनुशासन और मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काफी जरुरी है । शारीरिक शिक्षा छात्र के शरीर, मन और आत्मा में पूर्णता के लिए सहायक है ।
2. शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक स्वास्थ्य संबंधी फिटनेस आदतें विकसित करना है जिनका आजीवन अभ्यास किया जा सकता है ताकि अपक्षयी रोगों को रोका जा सके । यह छात्र या व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है ।
3. आधुनिक शारीरिक शिक्षा का जनक कौन है ?
आधुनिक शारीरक शिक्षा के जनक फ्रेडरिक जान को माना जाता है । हालांकि भारत में शारीरिक शिक्षा के जनक के रूप में हैरी बक का नाम लिया जाता है जिन्होंने वर्ष 2020 में चेन्नई में YMCA College of Physical Education की स्थापना की थी । इससे भारत में खेलों और शारीरिक शिक्षा के प्रति रुझानों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली ।
2 Comments
Hello me bhi bpesekar rahi hu but mujhe ek baat samjh nhi aa rahi he vo ye ki aagar mera bpes complete hota he to uske baad me kya Karu mped ya bad me bhot confused hu please help me
इसके पश्चात आप खुद का कोई बिजनेस स्टार्ट कर सकती हैं जैसे जिम ट्रेनिंग, योग सेंटर, स्पोर्ट्स सेंटर. कोर्स करने के उपरांत आपको इस फिल्ड की अच्छी जानकारी हो गई होगी जिसके इस्तेमाल आप खुद का व्यवसाय शुरू करने में कर सकती हैं. आप चाहें तो पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल कर सकती हैं अगर आपको अपनी जानकारी और बेहतर करनी है. साथ ही इस कोर्स से जुडी कई नौकरियां समय समय पर निकाली जाती हैं जिनमे आप अप्लाई भी कर सकती हैं.