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    Home – Jeet Aapki book summary in Hindi – You can win book by Shiv Khera
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    Jeet Aapki book summary in Hindi – You can win book by Shiv Khera

    Tomy JacksonBy Tomy Jackson9 February 2024Updated:9 February 2024No Comments19 Mins Read
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    Jeet Aapki book
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    Jeet Aapki Book पर आगे बढ़ने से पहले , पेश है किताब की एक लोकप्रिय और प्रेरक पंक्ति –

    जितने वाले कोई अलग काम नहीं करते , वे हर काम अलग ढंग से करते हैं । Shiv Khera

    ऊपर दिए गए Jeet Aapki Book Quote से आप समझ गए होंगे कि यह किताब कितनी ज्यादा प्रेरक है । इस किताब के लेखन के पीछे का उद्देश्य लोगों को जीवन जीने का सही तरीका समझाना है । किताब सिर्फ लंबे चौड़े प्रवचन न देकर , आपको असल जीवन से संबंधित कहानियों और घटनाओं से जोड़कर किसी भी बात को समझाती है ।

    Disclosure

    This post may contain affiliate links from which we will earn some commission if you make purchase by clicking on those links .

    व्यक्तिगत तौर में , मैंने यह किताब Amazon से ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगाया था । यह सबसे पहली पुस्तक थी जिसे मैंने ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगाया और पढ़ा । यकीन मानिए , आपको यह बिल्कुल नहीं लगेगा कि आपके पैसे बर्बाद गए या सिर्फ आपको उबाऊं प्रवचन सुनने को मिले । आप जब शिव खेड़ा द्वारा लिखित यह पुस्तक जीत आपकी पढ़ेंगे तो जीवन की ढेर सारी चीजों को लेकर आपकी आंखें खुल जाएंगी ।

    इस पोस्ट में मैं आपको Jeet Aapki book summary और Hindi quotes को भी जोडूंगा । इसके साथ ही आपको किताब की कुछ रोचक कहानियां भी इस पोस्ट में पढ़ने को मिलेंगी । तो चलिए जानते और समझते हैं Jeet Aapki book summary in Hindi और किताब के बारे में :

    Jeet Aapki किताब के बारे में

    जीत आपकी एक अंतरराष्ट्रीय bestseller book है जिसे शिव खेड़ा जी ने लिखा है । यह किताब इंसान को अपने जीवन में कामयाब होना और जीवन को अलग नजरिए से देखना सिखाती है । यह एक बेहद ही लोकप्रिय किताब है जिसकी 35 लाख से ज्यादा कॉपियां 16 भाषाओं में बिक चुकी हैं ।

    Book Author – शिव खेड़ा

    Originally Published – 1998

    Genre – स्वसहायता पुस्तक ( self help book )

    Number of pages – 292

    ISBN Number – 978-93-82951-84-1

    Publishing House – Bloomsbury

    Jeet Aapki book summary in Hindi

    चलिए अब बात करते हैं इस motivational book के summary यानि सारांश के बारे में । इस किताब में कुल 11 अध्याय हैं जिसके बारे में मैं संक्षेप में आपको बताऊंगा । तो चलिए इन सभी अध्यायों को समझते हुए आगे बढ़ते हैं –

    अध्याय 1 : नजरिए का महत्व

    जीत आपकी किताब का पहला अध्याय है नजरिए का महत्व – सकारात्मक रुख अपनाएं । इस अध्याय के नाम से ही आपको पता चल गया होगा कि इसमें व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर सकारात्मक रुख अपनाने की सलाह दी गई है । शिव खेड़ा कहते हैं कि हमारी शख्सियत हमारे नजरिए का ही परिणाम होती है । इंसान अगर चाहे तो जीवन जीने के नजरिए को बदल कर अपनी पूरी जिंदगी बदल सकता है ।

    इस चैप्टर के पहले ही पन्ने पर Harvard University द्वारा किए गए एक study का भी जिक्र है , जिसमें पाया गया है कि 85% मौकों पर एक व्यक्ति को नौकरी या तरक्की उसके नजरिए की वजह से मिलती है । किताब आगे हमारे नजरिए को बनाने वाले तीन factors के बारे में भी बात करती है , जो हैं –

    • माहौल
    • अनुभव
    • शिक्षा

    शिव खेड़ा जी अपनी पुस्तक Jeet Aapki में पाठकों को यह समझाते हैं कि ऊपर दी गई ये तीन चीजें आपके नजरिए को बदलने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होती हैं । हम जिस माहौल में रहते हैं , जैसे शिक्षा को ग्रहण करते हैं और जिन अनुभवों को जीवन में जीते हैं वे सभी मिलकर हमारे व्यक्तित्व और नजरिए को बनाती हैं ।

    जीत आपकी किताब में आगे सकारात्मक नजरिए के फायदों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है जिनमें जिंदगी का आनंद बढ़ना , खुशमिजाज होना , सफल होना , उत्पादकता बढ़ना जैसी ढेरों अन्य चीजों का वर्णन है । अंत में शिव खेड़ा यह भी कहते हैं कि ज्यादातर लोग अपने नकारात्मक नजरिए से वाकिफ होने के बावजूद , उसे इसलिए नहीं बदलते हैं क्योंकि उन्हें वैसे ही रहने की आदत पड़ चुकी है ।

    अध्याय 2 : सकारात्मक नजरिया कैसे विकसित करें

    जीत आपकी किताब का दूसरा अध्याय आपको सीखता है कि आप कैसे सकारात्मक नजरिए को विकसित कर सकते हैं । इसमें पहला कदम अच्छा खोजने और अपनी सोच बदलने को बताया गया है । हममें से ज्यादातर लोग नकारात्मक पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अपने मस्तिष्क को दूषित कर लेते हैं । बेहतर यही होगा कि हम सब सिर्फ अच्छी चीजों की तलाश करें और अच्छा सोचें ।

    एक सकारात्मक नजरिया अपनाने के लिए अन्य कदम हैं –

    • हर काम फौरन करने के आदत डालें
    • अहसान मानने का नजरिया बनाएं
    • लगातार ज्ञान हासिल करने की खोज में रहें
    • अच्छे स्वाभिमान का निर्माण कीजिए
    • नकारात्मक असर से बचें
    • जरूरी कामों को पसंद करने की आदत डालें
    • अपने दिन की शुरुआत किसी अच्छे काम से करें

    इस अध्याय में ऊपर दिए गए तरीकों को सविस्तार समझाया गया है ताकि हमारा जीवन जीने और चीजों को देखने का नजरिया सकारात्मक बन सके ।

    अध्याय 3 : सफलता – जीत हासिल करने के तरीके

    शिव खेड़ा द्वारा लिखी पुस्तक Jeet Aapki book का अगला अध्याय है सफलता – जीत हासिल करने के तरीके । इसमें उन्होंने सफल होने के अचूक तरीके बताए हैं जिन्हें अपनाकर एक इंसान सफल हो सकता है । अध्याय में शिव खेड़ा जी ने सफलता क्या है , हम सफलता को कैसे परिभाषित करना चाहते हैं , सफलता की राह में आने वाली बढ़ाएं , हम सफलता को कैसे मापते हैं इत्यादि प्रश्नों का बड़े ही रोचक ढंग से उत्तर दिया है ।

    अगर आप इन सभी प्रश्नों के उत्तर पा लेते हैं तो आप सफलता के और करीब हो सकते हैं । इसमें चर्चित सभी प्रश्न हमें सफल होने का रह दिखाते हैं । उन्होंने इंसान को कामयाब बनाने वाली खूबियों का भी वर्णन किया है जो हैं :

    • इच्छा
    • वचनबद्धता
    • जिम्मेदारी
    • कड़ी मेहनत
    • चरित्र
    • सकारात्मक सोच
    • जितना पाते हैं उससे अधिक दें
    • दृढ़ता की शक्ति
    • अपने काम में गर्व महसूस करें
    • शिष्य बनने की इच्छा रखिए और कोई सलाहकार ढूंढिए

    Jeet Aapki के इस किताब में ऊपर दिए गए सभी बिंदुओं को बड़े ही रोचक ढंग से शिव खेड़ा जी ने समझाया है । इसके साथ ही , उन्होंने इन सभी बिंदुओं को समझाते वक्त कहानियों का भी जिक्र किया है । शिव खेड़ा जी कहते हैं कि ऊपर बताई गईं सभी खूबियां हर इंसान में कमोबेश मौजूद होती है , बस जरूरत है पहचानने की ।

    अध्याय 4 : हमें कौन सी चीज पीछे धकेल रही है ?

    Jeet Aapki किताब का अगला अध्याय है कि हमें कौन सी चीज पीछे धकेल रही है ? इस वाजिब प्रश्न का उत्तर देते हुुुए उन्होंने 20 कारणों को बताया है । इसमें खतरे उठाने से बचना , लगातार कोशिश की कमी , प्राथमिकताएं तय न करना , शॉर्टकट की तलाश इत्यादि बिंदुओं को गिनाया है । उन्होंने एक रोचक कहानी का भी जिक्र किया है :

    खतरे उठाने से बचने की वजह से असफलता की प्राप्ति होती है
    एक बार किसी ने एक किसान से पूछा , ” क्या तुमने इस मौसम में गेहूं की फसल बोई है ? ” किसान ने जवाब दिया , ” नहीं मुझे बारिश न होने का अंदेशा था । ” इस आदमी ने पूछा , ” क्या तुमने मक्के की फसल बोई है ? ”

    किसान ने जवाब दिया , ” नहीं , मुझे डर था कि कीड़े मकोड़े इस फसल को खा लेंगे । ” तब उस आदमी ने पूछा , ” आखिरकार तुमने बोया क्या है ? ” किसान ने जवाब दिया , ” कुछ नहीं , मैं कोई खतरा नहीं उठाना चाहता था । “

    ऐसी ही रोचक और प्रेरणादायक कहानियों से यह किताब भरी पड़ी है जिसे आपको खरीदकर एक बार अवश्य पढ़ना चाहिए । पोस्ट के अंत में हम Jeet Aapki book purchase link भी आपसे शेयर करेंगे । इस अध्याय के अंत में शिव खेड़ा जी ने सफलता का नुस्खा भी बताया है । उन्होंने केक बनाने के उदाहरण से समझाया है कि अगर हम नुस्खा जानते हैं और उसे बनाने का अभ्यास करते हैं तो अवश्य हम एक समय बाद सफल होंगे ।

    अध्याय 5 : प्रेरणा

    इस Jeet Aapki किताब के अध्याय की शुरुआत में ही उन्होंने अब्राहम लिंकन जी को Quote किया है :

    इंतजार करने वालों को अच्छी चीजें मिलती तो हैं , पर केवल ऐसी चीजें ही मिलती हैं , जिन्हें कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं । अब्राहम लिंकन

    इस अध्याय के माध्यम से शिव खेड़ा जी ने संदेश देना चाहा है कि जीवन में सफल होने के लिए हमें प्रेरणा की जरूरत होती है । परंतु , यह प्रेरणा बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक होनी चाहिए । Motivational Speakers या कोई अन्य घटना भी इंसान को motivate यानि अंतःप्रेरणा देती हैं न कि Inspiration यानि प्रेरणा । इन दोनो के बीच के अंतर को भी अध्याय में अच्छे से समझाया गया है ।

    उनका कहना है कि सबसे बड़ी प्रेरणा कुछ भी हो सकती है जैसे पैसा , मान्यता , जीवन में सुधार , हमजिनसे प्यार करते हैं उनसे स्वीकृति इत्यादि । इसके साथ ही दो प्रकार की प्रेरणा का भी जिक्र किया गया है जो हैं :

    • आंतरिक
    • बाहरी

    जहां बाहरी प्रेरणा कुछ मायनों में फायदेमंद है तो वहीं ढेर सारे मायनों में नुकसानदेह भी है । तो वहीं , आंतरिक प्रेरणा के फायदे ही फायदे हैं । शिव खेड़ा जी कहते हैं कि आंतरिक प्रेरणा टिकाऊ होती है , क्योंकि यह इंसान के अंदर ही जन्म लेती है और आत्मप्रेरणा का रूप लेती है । अध्याय में काम के दौरान प्रेरित से प्रेरणाहीन बनने के पड़ाव , प्रेरणाहीन बनने वाले कारण , प्रेरक इत्यादि के बारे में चर्चा की गई है जिसे आप पुस्तक खरीद कर पढ़ सकते हैं ।

    अध्याय 6 : आत्मसम्मान

    Jeet Aapki किताब के इस अध्याय में शिव जी कहते हैं कि आत्मसम्मान खुद अपने बारे में हमारी सोच है । अगर इंसान का अपने प्रति उच्च दर्जे का आत्म सम्मान है तो उसकी जिंदगी खुशहाल , संतुष्ट और मकसदों से भरी पड़ी है तो वहीं आत्मसम्मान का न होना या निचले दर्जे का आत्मसम्मान होने से इंसान दुखी , असंतुष्ट और मंजिल से भटक जाता है ।

    ऊंचे दर्जे का आत्मसम्मान जहां हमारे मन में दृढ़ विश्वास पैदा करता है और हमारा नजरिया आशावादी बनाता है तो वहीं घटिया दर्जे का आत्मसम्मान हमें भाग्यवादी , ईर्ष्यालु , नकारात्मक और आत्मकेंद्रित बनाता है । अध्याय में आगे संवेदनशीलता और तुनुकमिजाजी के बीच के अंतर को भी स्पष्ट किया गया है । शिव खेड़ा जी ने तुनुकमिजाजी लोगों से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और वे अनिश्चय के शिकार होते हैं ।

    अगर इंसान अपने जीवन में ऊंचा आत्मसम्मान विकसित करना चाहता है तो उसे :

    • अपनी कमियों को खूबियों में बदलनी चाहिए
    • तारीफ लेना और देना सीखे
    • जिम्मेदारी कबूल करें
    • अनुशासन का पालन करें

    इसके अलावा भी ढेरों अन्य तरीके बताए गए हैं जिनको अपनाकर आप अपने जीवन में ऊंचा आत्मसम्मान विकसित कर सकते हैं ।

    अध्याय 7 : आपसी मेलजोल का महत्व

    Jeet Aapki book के इस अध्याय में आपसी मेलजोल का महत्व बताया गया है । उनका कहना है कि सफल लोग अपनी शख्सियत को खुशनुमा और आकर्षक बना लेते हैं जिसकी वजह से लोग उनसे दोस्ती करने के लिए आगे आते हैं । इसके साथ ही शिव खेड़ा जी ने अच्छे रिश्ते बनाने और कायम रखने के पीछे की वजहों को भी उजागर किया है जिसमें खुदगर्जी , रुख व्यवहार , अहंकार इत्यादि हैं ।

    शिव खेड़ा जी ने अध्याय में अहंकार और गर्व के बीच के अंतर को भी स्पष्ट करते हुए लिखा है कि एक अहंकारी व्यक्ति के अंदर ” मैं सब कुछ जानता हूं , मैं ही जानता हूं ” जैसी भावना मौजूद होती है । तो वहीं इसके उलट गर्वपूर्ण व्यक्ति का हृदय विशाल और संवेदनशील होता है ।

    अध्याय में शिव जी ने रिश्तों की मजबूती , इसके महत्व को समझाया है और खराब रिश्तों और भरोसे की कमी के नतीजों को भी समझाया है । इस अध्याय से हमें यह भी सिख मिलती है कि हमें जीवन में रिश्तों को मजबूत करने के लिए आपसी भरोसे को बढ़ाना होगा ।

    अध्याय 8 : अच्छी शख्सियत बनाने के 25 तरीके

    एक अच्छी शख्सियत वाला इंसान जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है और खुशहाल जीवन व्यतीत करता है । शिव खेड़ा जी ने एक अच्छी शख्सियत बनाने पर जोर दिया है और कुल 25 तरीके हैं जिनकी मदद से हम ऐसा कर सकते हैं । इसमें सबसे पहले उन्होंने Blame Game को बंद करने की सलाह दी है ।

    हम जीवन की हर परिस्थिति के लिए दूसरों को दोष देते रहते हैं । कभी हम व्यक्तियों को दोष देते हैं तो कभी परिस्थितियों को । परंतु , हम अपनी जवाबदेही तय करने से बचते हैं जिसकी वजह से हम एक अच्छा शख्स बनने से चूक जाते हैं । इसके अलावा , हमें दूसरों की परवाह करनी चाहिए और शिष्टता से पेश आना चाहिए । हम जैसा दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं , वैसा ही व्यवहार पाते भी हैं ।

    एक अच्छी व्यक्तित्व का निर्माण करने के लिए :

    • सबकी जीत के बारे में सोचना चाहिए
    • अपने शब्दों को सावधानी से चुनना चाहिए
    • आलोचना और शिकायत नहीं करनी चाहिए
    • दूसरों के व्यवहार का सही अर्थ निकालना चाहिए

    ऐसे ही अन्य कदम हैं जिसके बारे में आप Jeet Aapki किताब में पढ़ सकते हैं ।

    अध्याय 9 : अवचेतन मन और आदतें

    Jeet Aapki किताब के इस अध्याय में व्यक्ति के अवचेतन मन और आदतें पर फोकस किया गया है । हमारी रोजमर्रा की आदतें ही हमें या तो सफल बनाती हैं या सफल होने से रोकती हैं । इसलिए हमें अपनी आदतों में सुधार करना चाहिए । हमारा ज्यादातर व्यवहार आदतन होता है इसलिए अगर हम अपनी आदतों को सुधारते हैं तो हमारा औरों के साथ व्यवहार अपने आप बेहतर हो जायेगा ।

    हम जिस काम को बार बार करते हैं वहीं हमारी आदत में शुमार हो जाती है । अगर हम बेईमानी करते हैं तो हम बेईमान बनते हैं और अगर हम साहस भरा व्यवहार करते हैं तो हम साहसी बनते हैं । इसलिए , आप अपने व्यवहार में बदलवा करके अपनी आदतों में बड़ा बदलाव कर सकते हैं । इस पाठ में THE GIGO PRINCIPLE की भी बात की गई है :

    • गलत अंदर डालिए , गलत बाहर आएगा
    • सही डालिए , सही बाहर आएगा
    • अच्छा डालिए , अच्छा बाहर आएगा

    इसके माध्यम से कहा गया है कि हम जितना और जैसे अपने अवचेतन मन को देते हैं , वह उसे स्वीकार करता है और फिर वहीं हमारे व्यवहार का हिस्सा बन जाता है । हमारे चेतन मन के पास सोचने की शक्ति होती है इसलिए वह स्वीकार और अस्वीकार दोनों कर सकता है परंतु हमारा अवचेतन मन सिर्फ अस्वीकार ही करता है । इसलिए हमें अपने अवचेतन मन को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए ।

    अध्याय 10 : लक्ष्य बनाएं

    Jeet Aapki किताब का दसवां अध्याय मनुष्य को लक्ष्य बनाने की सिख देता है । हम सभी को अपने जीवन में एक लक्ष्य बना कर चलना चाहिए । एक लक्ष्यहीन व्यक्ति जीवन में कुछ भी नहीं कर सकता , यह अंधेरे में तीर मारने जैसा है । शिव खेड़ा जी कहते हैं कि कई लोगों को पता ही नहीं होता कि वे जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं और वे सिर्फ चलते जाते हैं । इस तरह वे कही भी नहीं पहुंच पाते ।

    हमें अपने लक्ष्यों को सपने या इच्छा समझने की भूल नहीं करनी चाहिए । शिव जी कहते हैं कि सपने और इच्छाएं सिर्फ चाहत हैं । लोग अपने जीवन में लक्ष्य इसलिए नहीं बनाते क्योंकि वे निराशावादी , टालमटोल करने वाले इंसान , असफलता से डरने वाले व्यक्ति होते हैं । लक्ष्य को हमेशा SMART होना चाहिए :

    • स्पष्ट ( Specific )
    • मापा जा सके ( Measurable )
    • हासिल करने के काबिल ( Achievable )
    • वास्तविक ( Realistic )
    • समयबद्ध ( Time Bound )

    इसका यह मतलब नहीं है कि इंसान को किसी भी प्रकार के लक्ष्य बना लेना चाहिए । लक्ष्य वैसे ही हों जो नैतिक मूल्यों के साथ तालमेल बिठाते हों । Jeet Aapki किताब के इस अध्याय का मुख्य मकसद लोगों को एक वास्तविक और स्पष्ट लक्ष्य बनाने की प्रेरणा देना ही है ।

    अध्याय 11 : नैतिक मूल्य और दूरअंदेशी

    आज के समय में अगर दुनिया से कुछ गायब हो रहा है तो वह है नैतिक मूल्य । हम जीवन में किसी भी प्रकार से बस सफल होना चाहते हैं । परंतु , अगर हम नैतिक मूल्यों की अनदेखी करके सफल होते हैं तो वह सच्चे मायनों में सफलता नहीं है । हमारे हिंदू धर्म में एक मान्यता है कि जब इंसान इस दुनिया से जाते हैं तो वे मरते नहीं हैं बल्कि उनका नाम अच्छे कर्मों की वजह से सदा अमर रहता है ।

    इसलिए , हमें अपने जीवन में उन कार्यों को करना चाहिए जिससे कि हमारा यशगान हो । शिव खेड़ा जी ने इसी संदर्भ में एक कहानी का भी उल्लेख किया है :

    क्या आपका जीवन बचाने लायक है ?
    एक लड़का नदी में डूब रहा था , वह मदद के लिए चिल्लाया । एक आदमी जो उधर से गुजर रहा था , नदी में कूद पड़ा और उसने लड़के को बचा लिया । जब वह आदमी जाने लगा तो बच्चे ने कहा , ” धन्यवाद ! ” उस आदमी ने पूछा , ” किस लिए ? ”

    लड़के ने जवाब दिया , ” मेरी जिंदगी बचाने के लिए । ” उस आदमी ने लड़के की आंखों में देखा और कहा , ” बेटा जब तुम बड़े हो जाओ तो इस बात को साबित करना कि तुम्हारी जिंदगी बचाने लायक थी । “

    Shiv Kheda जी ने अपनी किताब Jeet Aapki के इस अध्याय में अंतिम बात कही है कि लोग श्रेष्ठता इसलिए हासिल नहीं कर पाते क्योंकि उनमें दुरंदेशी की कमी है । हमें अपनी नजर मुमकिन कामों से भी आगे ले जाती है । हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाना चाहिए , नैतिक मूल्यों को अपनाना चाहिए और सफल होने के लिए जरूरी सभी कदम उठाने चाहिए ।

    Jeet Aapki Book Quotes in Hindi

    चलिए देखते हैं कि Jeet Aapki book quotes in Hindi क्या है :

    जब हमारा नजरिया सही होता है , तो हमें महसूस होता है कि हम हीरों से भरी जमीन पर चल रहे हैं । मौके हमेशा हमारे पांवों तले दबे हुए हैं । हमें उनकी तलाश में कहीं जाने की जरूरत नहीं है । हमें केवल उन्हें पहचान लेना है । शिव खेड़ा
    जिन देशों की सरकारों और राजनीतिक माहौल में ईमानदारी होती है , वहां के लोग भी आम तौर पर ईमानदार , कानून का पालन करने वाले और मददगार होते हैं । इसका उलट भी उतना ही सही है । शिव खेड़ा
    टालमटोल करने वालों की एक और नस्ल होती है । ये लोग कहते हैं , ” मैं तैयारी कर रहा हूं । ” न केवल एक महीने , बल्कि छह महीने के बाद भी वे तैयारी ही कर रहे होते हैं । ये लोग भी नहीं समझ पाते कि उन्हें बहानेबाजी की बीमारी है । वे लगातार बहाने बनाते रहते हैं ।शिव खेड़ा
    अज्ञानी होना बुरी बात नहीं है , लेकिन अज्ञानता को अपना करियर बना लेना यकीनन बेवकूफी है । कुछ लोग अज्ञान जमा कर लेते हैं और फिर उसी को शिक्षा मानने की भूल कर बैठते हैं । शिव खेड़ा
    कामयाबी का मतलब यह नहीं है कि हर इंसान आपको कबूल और पसंद करें । कुछ ऐसे लोग भी हैं , जिनसे मान्यता पाना मैं खुद नहीं चाहता । मूर्खों की आलोचना को मैं घिनौने चरित्र के लोगों की तारीफ से बेहतर मानता हूं । शिव खेड़ा
    सफलता पाने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं होती । वास्तविक जीवन में कामयाबी काम करने वाले को मिलती है , न कि दर्शकों को । दुलत्ती मारने वाला घोड़ा गाड़ी खींच नहीं सकता और गाड़ी खींचने वाला घोड़ा दुलत्ती नहीं मार सकता । आइए , हम दुल्लती मारना बंद करके गाड़ी खींचें ।शिव खेड़ा
    हम उन चीजों की ओर आकर्षित नहीं होते हैं , जिन्हें चाहते हैं , बल्कि उन चीजों की ओर आकर्षित होते हैं , जो हमारे जैसी होती हैं । शिव खेड़ा
    प्रेरणा की सबसे बड़ी दुश्मन आत्मसंतुष्टि है । आत्मसंतुष्ट व्यक्ति कोशिश नहीं करता । आत्मसंतुष्ट लोग विकास भी नहीं कर पाते , क्योंकि उन्हें जिंदगी की जरूरतों का अहसास ही नहीं हो पाता है ।शिव खेड़ा

    Jeet Aapki Book review in Hindi

    Jeet Aapki किताब सफल होने के सभी रहस्यों का खुलासा करती है और एक इंसान को जीवन के हर क्षेत्र में जीना सिखाती है । किताब की एक सबसे बढ़िया और खूबसूरत बात यह है कि इसमें शिव खेड़ा जी ने अपनी बातों को समझाने के लिए कहानियों और उदाहरणों को भी लिखा है । किताब पढ़ते वक्त बिल्कुल भी उबाऊ नहीं लगती जिसकी मुख्य वजह कहानियां भी हैं ।

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    • किताब कैसे लिखें ?

    किताब को बेहद ही सरल भाषा में लिखा गया है जिसे एक कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी पढ़ सकता है । हर अध्याय के अंत होते ही Action Plan ( कार्य योजना ) दिया गया है । इससे आपने अध्याय से क्या सीखा और कैसे उसे अपने जीवन में implement कर सकते हैं , इससे जुड़े क्रियाकलाप शामिल हैं । अगर आप सच्चे मायनों में इस किताब को पढ़ना और अपने जीवन में उतारना चाहते हैं तो अध्याय के अंत में दिए Action Plan में दी गई चीजों का अनुसरण अवश्य करें ।

    इससे इस किताब को पढ़ने का उद्देश और लेखक के लिखने का उद्देश्य भी पूरा होगा । मैं आपको reecommend करता हूं कि एक बार किताब को खरीदकर अवश्य पढ़ें । किताब को मेरी तरफ से रेटिंग है 4.5/5 । आपको किताब कैसी लगी , कॉमेंट में अवश्य बताएं ।

    Jeet Aapki book pdf download in Hindi

    अगर आप Jeet Aapki किताब का pdf download करके पढ़ना चाहते हैं तो इस Link से कर सकते हैं । मैं व्यक्तिगत तौर पर आपको recommend करूंगा कि किताब को खरीद कर पढ़ें । आप इन websites से किताब को खरीद सकते हैं :

    • Amazon से खरीदें : Buy Now

    Jeet Aapki book – Conclusion

    इस पोस्ट में मैंने विस्तार पूर्वक Jeet Aapki book summary in Hindi , review , quotes और pdf download link दिया । अगर आपको लगता है कि कोई प्वाइंट छूट गया है तो नीचे कमेंट करके अवश्य बताएं । आपको यह किताब और पोस्ट कैसी लगी कॉमेंट करके बताएं । अगर पोस्ट helpful और informative लगी हो तो इसे अभी शेयर करें ।

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