अगर आप एक NGO खोलने का विचार कर रहे हैं या एनजीओ के बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें । आज के समय में हर कोई एक एनजीओ खोलना चाहता है, लोगों की मदद करना चाहता है । लेकिन एनजीओ खोलने के लिए जरूरी है कि आप इसके कार्य, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, नियम, महत्व आदि के बारे में समझें ।
साथ ही भारत के कुछ बेहतरीन एनजीओ पर शोध करें, उनकी कार्यशैली पर ध्यान दें और एनजीओ सफल कैसे बनाएं इसकी जानकारी प्राप्त करें । इतना सबकुछ जानने के लिए आपको कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है । आप इसी आर्टिकल के माध्यम से सारी जानकारी प्राप्त करेंगे ।
आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि अगर आप देश सेवा करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि एक NGO के तौर पर ही शुरुआत करें । कई अन्य ऐसे तरीके हैं जिससे आप समाज सेवा कर सकते हैं । हालांकि अगर बड़े स्तर पर कुछ बदलाव आप लाना चाहते हैं तो फिर आपको जरूरत होगी एक एनजीओ की ।
NGO क्या है ?
NGO का पूर्ण रूप Non-governmental organization जिसे हिंदी में गैर सरकारी संगठन कहते हैं । एनजीओ का कार्य मानव अधिकारों, सामाजिक, पर्यावरण और वकालत से संबंधित सभी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है । वे समाज की सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों को बढ़ावा देने और सुधारने के लिए काम करते हैं ।
देश दुनिया में कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर आवाज बुलंद करना और वंचित लोगों की मदद करना समय की जरूरत है । उदाहरण के तौर पर हाल में तुर्की और इराक में आए भूकंप को ही ले लीजिए जहां हजारों लोगों की जानें गईं, लोग बेघर हो गए, खाने पीने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव हो गया । ऐसे में इन देशों में कार्यरत कई एनजीओ आगे आए और कई प्रकार से भूकंप पीड़ित लोगों की मदद कर रहे हैं ।
इसी प्रकार से एक Non-governmental organization यानि NGO लोगों की मदद करते हैं । एक एनजीओ द्वारा मदद करने का दायरा किसी खास विषय या क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है । बल्कि समाज के हर क्षेत्र में इनकी मौजूदगी देख सकते हैं । उदाहरण के तौर पर आप Nanhi Kali NGO को ले सकते हैं जो बुनियादी शिक्षा से वंचित लड़कियों की आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मदद कर रहा है ।
Different Types of NGO
अगर आप एक एनजीओ खोलने की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले आपको एनजीओ के प्रकार के बारे में समझ लेना चाहिए । इससे आप खुद के एनजीओ को सही ढंग से कैटेगरीज कर सकेंगे और उसी हिसाब से आगे की रणनीति बना सकेंगे ।
1. Faith-based NGO
Faith-based NGO यानि आस्था आधारित एनजीओ धार्मिक मूल्यों से प्रेरित होते हैं और आमतौर पर किसी बड़े धार्मिक संगठन या संस्था से जुड़े भी होते हैं । इसके साथ ही ये किसी खास आस्था को ध्यान में रखकर ही कार्य करते हैं और आस्था से जुड़े लोगों की मदद करते हैं ।
लेकिन इन्हें धार्मिक एनजीओ समझने की भूल नहीं करनी चाहिए । आस्था और धर्म के बीच एक पतली सी लकीर होती है, इसे समझा जाना चाहिए । कुछ आस्था आधारित एनजीओ हैं Art of Living, ISKCON, Rama Krishna Math, Isha Foundation आदि ।
2. Advocacy NGO
दूसरा प्रकार है Advocacy NGO यानि वकालत एनजीओ । ये संगठन किसी विशेष कारण या मुद्दे की वकालत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं जैसे कि मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण या लैंगिक समानता । इनका नेटवर्क काफी बड़ा होता है और ये सरकारों की नीतियों को प्रभावित करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं । इसमें नागरिकों को भी बड़े मात्रा में शामिल किया जाता है ।
भारत में कुछ वकलती एनजीओ के उदाहरण हैं ORGAN India, PAIRVI, CFAR, Jan Sahas Social Development Society आदि । ये एनजीओ सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और आमतौर पर सरकारी की नीतियों का आंकलन अपने क्षेत्रों के हिसाब से करते हैं ।
3. Service-oriented NGO
वे एनजीओ जो समाज के वंचित वर्ग के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार नियोजन के प्रचार और जागरूकता के लिए समर्पित रूप से अभियान चलाते हैं उन्हें Service-oriented NGO कहा जाता है । इसमें भी भरी संख्या में लोगों की भागीदारी आवश्यक हो जाती है ।
भारत में कुछ सेवा उन्मुख एनजीओ के उदाहरण हैं HLFPPT, Family Planning Association of India, PRATHAM आदि ।
4. Research and Policy NGO
जो संगठन सामाजिक न्याय, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में नीति और निर्णय लेने की जानकारी देने के लिए अनुसंधान और विश्लेषण करते हैं उन्हें Research and Policy NGO कहा जाता है । ये सरकारों के लिए बड़े ही उपयोगी होते हैं और अनुसंधान की मदद से साक्ष्य आधारित जानकारी देते हैं ।
Public Policy Research Centre, CPRG, Indian Council for Research on International Economic Relations आदि इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं ।
5. International NGO
International NGO जिन्हें अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी कहा जाता है, विश्व स्तर पर काम करते हैं और गरीबी, मानवीय सहायता और मानवाधिकार जैसे मुद्दों को हल करने के लिए काम करते हैं । आमतौर पर एक इंटरनेशनल एनजीओ की शुरुआत करना सबके बस की बात नहीं है । देश दुनिया के बड़े बड़े अमीर लोग ही इन्हें शुरू करने और सफलतापूर्व संचालित कर पाते हैं ।
भारत में भी कई इंटरनेशनल एनजीओ कार्यरत हैं । Smile Foundation, Child Rights and You (CRY), Oxfam India आदि कुछ बहुत बड़े अंतरराष्ट्रीय एनजीओ हैं ।
एनजीओ के कार्य
अलग अलग प्रकार के एनजीओ के उद्देश्य भी अक्सर अलग अलग ही होते हैं । जैसे हमने आपको ऊपर बताया कि एक International NGO आमतौर पर विश्व स्तर पर काम करते हैं और वैश्विक समस्याओं का समाधान करते हैं तो वहीं Faith Based NGO किसी आस्था पर आधारित होते हैं और इसलिए आस्था केंद्रीय कार्यों को करते हैं ।
तो चलिए हम आपको Responsibilities of an NGO की जानकारी दे देते हैं । इससे अगर आप एक एनजीओ की शुरुआत करना चाहते हैं तो आपको अपनी जिम्मेदारियां समझने में आसानी होगी:
- एक एनजीओ समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने में मदद करते हैं
- गैर सरकारी संगठन समाज के वंचित वर्ग की मदद करके एक तरह से सरकार की भी मदद करते हैं
- एनजीओ समाज के विकास, समुदायों में सुधार और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
- वे मानव अधिकारों, सामाजिक, पर्यावरण और वकालत से संबंधित सभी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं
- वे गरीबों और जरूरतमंदों को आवाज देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
- वे यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार उत्तरदायी है और नागरिकों की समस्याओं को हल कर रही है और इस प्रकार सरकारों को जवाबदेह बनाते हैं
भारत में एनजीओ रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं ?
अबतक आप अच्छे से समझ चुके हैं कि एक एनजीओ क्या होता है और इसके कितने प्रकार होते हैं । अब अगर आप भारत में खुद का एनजीओ रजिस्टर कराना चाहते हैं तो पूरी प्रक्रिया आसान है । चलिए समझते हैं कि NGO भारत में रजिस्टर कैसे कराएं:
1. सबसे पहले एक NGO Name चुनें
अगर आप भारत में एक एनजीओ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं तो आपके पास एनजीओ नाम होना जरूरी है । बिना एनजीओ के नाम के आप रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते हैं । ऐसे में आपको ऐसे नाम की तलाश करनी है जो किसी अन्य एनजीओ या कम्पनी के नाम से मेल न खाती हो और साथ ही आपके मिशन से जुड़ाव भी रखती हो ।
अगर आपको एक अच्छा गैर सरकारी संगठन नाम खोजने में दिक्कत हो रही है तो Best NGO Name Suggestion in Hindi लेख को पढ़ें । इस लेख में हमने कुछ यूनिक और बेहतरीन एनजीओ नामों को सूचीबद्ध किया है । आप चुने हुए नाम की अवेलेबिलिटी को अपने राज्य के Registrar of Companies (ROC) से चेक कर सकते हैं ।
2. Trust Deed तैयार कराएं
NGO Registration का अगला पड़ाव है ट्रस्ट डीड यानि न्यास विलेख तैयार कराना । यह एक दस्तावेज है जिसमें पंजीकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है और पंजीकरण के समय रजिस्ट्रार के सामने इसे पेश किया जाना चाहिए । एक Sale Deed में निम्नलिखित सामग्रियां मौजूद होनी चाहिए:
- एनजीओ या ट्रस्ट का नाम
- ट्रस्ट के उद्देश्य और लक्ष्य
- ट्रस्ट और उसकी संपत्ति के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या संस्था
- वे व्यक्ति या संस्थाएँ जो ट्रस्ट से लाभ प्राप्त करेंगे
- संपत्ति जो ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी
- ट्रस्टी की शक्तियां और जिम्मेदारियां, जिसमें निवेश निर्णय, आय और मूलधन का वितरण और नए ट्रस्टियों की नियुक्ति शामिल है
- जिन परिस्थितियों में ट्रस्ट समाप्त हो जाएगा, जिसमें लाभार्थियों को शेष संपत्ति का वितरण शामिल है
- ट्रस्ट डीड में संशोधन या निरस्त करने की प्रक्रिया
- ट्रस्ट के लिए क्षेत्राधिकार और शासी कानून
- कानून द्वारा आवश्यक के रूप में सेटलर, ट्रस्टी और गवाहों के हस्ताक्षर
3. Trustee का चुनाव करें
Trust Deed तैयार कराने के पश्चात अब जरूरी है कि NGO Trustee घोषित किया जाए । एक Trustee वह व्यक्ति होता है जो किसी अन्य के लाभ के लिए एक ट्रस्ट में अलग रखे गए धन या संपत्ति के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेता है ।
यह व्यक्ति एनजीओ के धन का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी लेगा । कानूनन एक ट्रस्टी की संख्या कितनी भी हो सकती है लेकिन न्यूनतम 2 ट्रस्टी होने चाहिए ।
4. Memorandum of Association (MOA) और Articles of Association (AOA) तैयार करें
NGO Registration की प्रक्रिया में अगला कदम आपका होना चाहिए MOA और AOA तैयार कराने का । ये दस्तावेज़ एनजीओ के मिशन, उद्देश्यों और नियमों को परिभाषित करते हैं और इसलिए इन्हें भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अनुसार तैयार करने की आवश्यकता है ।
मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन एक कानूनी दस्तावेज है जो बताता है कि संगठन की स्थापना क्यों की गई थी । तो वहीं आर्टिकल को एसोसिएशन एक दस्तावेज है जो कंपनी के संचालन के नियमों को निर्दिष्ट करता है और कंपनी के उद्देश्य को परिभाषित करता है । इन दस्तावेजों पर कम से कम एनजीओ के तीन संस्थापक सदस्य का हस्ताक्षर होना चाहिए ।
5. MOA और AOA को नोटरी कराएं
इसके पश्चात आपको MOA और AOA का नोटरी कराना होगा । इसके लिए आपको उपरोक्त दस्तावेजों, दूसरे पक्ष और कम से कम 2 गवाहों के साथ नोटरी या सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाना होगा । दस्तावेजों का मसौदा तैयार किया जाएगा और नोटरी द्वारा सत्यापित किया जाएगा ।
आपको कागजात पर हस्ताक्षर करने और अपने पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके अपनी पहचान साबित करने के लिए कहा जाएगा । पहचान साबित करने के लिए कुछ दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि की मांग हो सकती है ।
6. Registrar of Societies में NGO रजिस्टर कराएं
पंजीकरण के लिए आवेदन को MOA, AOA और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज को देना होगा । आवेदन पर सभी संस्थापक सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए, इसका ध्यान रखें । इसके बाद Registrar of Societies कुछ वक्त लेकर सभी दस्तावेज को वेरिफाई करेगा ।
अगर सबकुछ कानून के हिसाब से रहा तो रजिस्ट्रार एप्लीकेशन को अप्रूव कर देगा । इसके पश्चात Certificate Of Registration आपको दिया जायेगा । इसके पश्चात आपका NGO एक कानूनी इकाई मानी जायेगी और अब आप एनजीओ का संचालन और कार्य शुरू कर सकते हैं ।
NGO registration Rules In India
अगर आप भारत में NGO Registration कराना चाहते हैं और उसे सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा । चलिए एनजीओ खोलने के नियम यानि NGO Rules in India को संक्षेप में समझते हैं:
- संगठन के उद्देश्यों और गतिविधियों के आधार पर एनजीओ के प्रकार का चयन किया जाना चाहिए
- एनजीओ का नाम यूनिक होना चाहिए और किसी अन्य पंजीकृत संस्था के समान नहीं होना चाहिए
- Indian Societies Registration Act, 1860 के हिसाब से AOA और MOA तैयार कराना चाहिए
- पंजीकरण के लिए आवेदन को एमओए, एओए और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज को प्रस्तुत करना होगा
- इसके पश्चात PAN यानि Personal Identification और TAN यानि Tax Deduction and Collection Account Number भी प्राप्त कर लें
- एनजीओ को संगठन के नाम पर एक बैंक खाता खोलने की आवश्यकता होती है, और सभी वित्तीय लेन-देन इसी खाते के माध्यम से किए जाने चाहिए
- एनजीओ की गतिविधियों के आधार पर संबंधित अधिकारियों से कुछ लाइसेंस और परमिट की आवश्यकता हो सकती है
- एनजीओ को अपने वित्तीय लेन-देन का उचित रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए और कानून द्वारा आवश्यक टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए
- एनजीओ को गैरकानूनी गतिविधियों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए
- एनजीओ को भारतीय कानून का सम्मान करना चाहिए और कानून के दायरे में रहकर संचालन करना चाहिए
India’s Most Successful NGO
भारत में कई Successful NGO कार्यरत हैं जिनसे आप काफी कुछ सीख सकते हैं । इनकी कार्यशैली, समाज सेवा, कानून का पालन आदि बहुत कुछ भारत के बड़े एनजीओ से सीखा जा सकता है । चलिए भारत के 3 सबसे बड़े एनजीओ के बारे में जानते हैं और साथ ही समझते हैं कि वे किस प्रकार देश सेवा कर रहे हैं ।
1. Nanhi Kali NGO
आनंद महिंद्रा द्वारा वर्ष 1996 में शुरू किया गया एनजीओ नन्ही कली आज भारत के सबसे सफल एनजीओ में से एक है । नन्ही कली का उद्देश्य भारत में बुनियादी शिक्षा से वंचित बालिकाओं को वित्तीय और शैक्षणिक सहायता प्रदान करना है । लगभग 5 लाख से भी ज्यादा बालिकाओं को Nanhi Kali NGO फायदा पहुंचा चुके हैं ।
साथ ही इनकी वेबसाइट भी काफी अच्छे ढंग से डिजाइन किया गया है । ऑफिशियल साइट खोलते ही आपको Donation के कई विकल्प और जानकारियां मिल जाती हैं जिससे किसी भी व्यक्ति को डोनेशन देने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी । साथ ही संस्था की Success Stories और Milestones की जानकारी भी दी गई है, जिससे संस्था के उद्देश्य और इसे डोनेट करने का कारण समझ में आता है ।
2. HelpAge India NGO
भारत का अगल सबसे सफल एनजीओ है HelpAge India NGO जो लगातार वृद्ध लोगों के हक की आवाज उठाने के साथ ही उनकी कई प्रकार से मदद करता है । हेल्पएज इंडिया 4 दशकों से अधिक समय से वंचित बुजुर्गों के साथ और उनके लिए काम करने वाला भारत का एक प्रमुख चैरिटी प्लेटफॉर्म है ।
हेल्प एज इंडिया की वेबसाइट काफी सिंपल है लेकिन एक अच्छा यूजर एक्सपीरियंस प्रदान करता है । साइट पर आपको Donate विकल्प के साथ ही एनजीओ के यात्रा और इनके कार्यों की जानकारी दी गई है । सबसे अच्छी बात कि इन्होंने आज के दौर में UPI के महत्व को समझा है इसलिए आप इन्हें यूपीआई के द्वारा भी डोनेशन दे सकते हैं । डोनेशन पेज भी काफी अच्छा है और डोनेशन के फायदे भी साथ में बताए गए हैं
3. Smile Foundation
भारत की अगली Successful Leading NGO का नाम है Smile Foundation । स्माइल फाउंडेशन एक भारतीय विकास संगठन है, जो हर साल 15 लाख से अधिक बच्चों और उनके परिवारों के जीवन को प्रभावित करता है । ये शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर काम करते हैं ।
अगर हम Smile Foundation के ऑफिशियल वेबसाइट पर गौर करें तो इसका यूजर इंटरफेस काफी अच्छा है । अगर आप खुद की एक एनजीओ वेबसाइट बनाने की सोच रहे हैं तो स्माइल फाउंडेशन साइट से प्रेरणा ले सकते हैं । 25 राज्यों और 2000 से ज्यादा गांवों में कार्यरत यह फाउंडेशन कइयों की जिंदगी बदल रहा है ।
FAQs
1. एनजीओ क्या क्या काम करती है ?
एनजीओ मानव अधिकारों, सामाजिक, पर्यावरण, वकालत, गरीबी, महिला सशक्तिकरण जैसे कई मुद्दों पर काम करती हैं और समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करती हैं ।
2. एनजीओ में कितने सदस्य होते हैं ?
एक एनजीओ में न्यूनतम 5 और अधिकतम कितने भी सदस्य हो सकते हैं । एनजीओ का प्रेसिडेंट, ट्रस्टी और वालंटियर्स का होना जरूरी होता है । अधिकतम सदस्यों की संख्या तय नहीं है लेकिन यह अधिकतम 2 से 3 हजार भी हो सकते हैं ।
3. भारत में कुल कितने एनजीओ हैं ?
भारत में लाखों की संख्या में एनजीओ हैं लेकिन सबसे ज्यादा एनजीओ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल में हैं । उत्तर प्रदेश में लगभग 6 लाख एनजीओ हैं, महाराष्ट्र में लगभग 5.5 लाख एनजीओ, केरल में 4 लाख एनजीओ तो वहीं पश्चिम बंगाल में 2.5 लाख एनजीओ कार्यरत हैं ।
4. एनजीओ कितने प्रकार के होते हैं ?
एनजीओ आमतौर पर 5 प्रकार के होते हैं:
1. International NGO
2. Research and Policy NGO
3. Service-oriented NGO
4. Advocacy NGO
5. Faith-based NGO
5. भारत में सबसे बड़ा एनजीओ कौन सा है ?
भारत में सबसे बड़ा एनजीओ Smile Foundation है जिसकी शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी । इसके पश्चात Goonj, HelpAge India, Pratham, CRY, Akshaya Patra Foundation और Teach for India सबसे बड़े एनजीओ के रूप में जाने जाते हैं ।
2 Comments
किसी भी एनजीओ मे सरकार को कितना टैक्स देना पड़ता हैं|
डोनेशन उद्देश्यों के लिए स्थापित एनपीओ/एनजीओ कर के भुगतान से मुक्त हैं । हालांकि अगर आपने एनजीओ रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो आपको टैक्स देना होगा । इससे बचने के लिए अपने एनजीओ का रजिस्ट्रेशन पूरा करें ।