आपने अक्सर एक शब्द सोशल मीडिया या इंटरनेट पर सुना होगा, Stereotype । खासकर कि सोशल मीडिया पर इस शब्द का चलन है और अक्सर इसे इस्तेमाल किया जाता है । इसका आधार कुछ भी हो सकता है जैसे रंग, जाति, धर्म, मजहब, देश, भाषा कुछ भी । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर स्टीरियोटाइप क्या होता है ?
इस आर्टिकल में हम आपको इस विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे और संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात करेंगे । स्टीरियोटाइप के उदाहरण, प्रकार, विभिन्न क्षेत्रों में इनकी मौजूदगी आदि सभी प्रमुख बिंदुओं पर आपको जानकारी दी जायेगी ।
आपने अक्सर एक बात सुनी होगी कि घिसी पीटी बात नहीं करनी चाहिए या वह व्यक्ति रूढ़िवादी है । इस विचार को रखने वाले को अक्सर नकारात्मक रूप में देखा जाता है । जिनकी सोच प्रगतिवादी न होकर किसी खास विचार के लिए अडिग होती है उन्हें Stereotype कहा जाता है ।
Stereotype Meaning in Hindi
Stereotype का हिंदी अर्थ टकसाली, रूढ़िवादी और घिसी पीटी धारणा को कहते हैं । जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु, घटना, समूह आदि को लेकर एक निश्चित राय रखता है, जिसे वह बदलना भी नहीं चाहता तो उसे स्टीरियोटाइप कहा जाता है । दूसरे शब्दों में इन्हें cliché भी कहा जाता है ।
इसे एक आसान से उदाहरण की मदद से समझिए । आपने गौर किया होगा कि टेलीविजन और दिखाई जा रहे विज्ञापनों में औरतों को सिर्फ और सिर्फ घर के काम करते यानि गृहिणी के तौर पर ही पेश किया जाता है । इसके अलावा यह भी धारणा बनाई गई है कि सभी आदमी गुस्से वाले या गंदी मानसिकता वाले होते हैं, सभी औरतें भावुक होती हैं, सभी Introvert शर्मीले होते हैं आदि ।
इन धारणाओं को विकसित करने वाले व्यक्तियों को Stereotype कहा जाता है यानी रूढ़िवादी जो एक निश्चित विचार को अपने मन में पाल लेते हैं और किसी एक समूह को एक ही दृष्टिकोण से देखते हैं । इन व्यक्तियों को खासियत यही होती है कि ये किसी भी समूह के लिए पक्षपाती विचारधारा अपनाते हैं और उन्हें लगता है कि वे जो मानते हैं, बिल्कुल सही मानते हैं ।
Examples of Stereotypes in Hindi
रूढ़िवादी विचार के कई उदाहरण आपको आसानी से समाज में मिल जायेंगे । कुछ Stereotype Examples हम आपको नीचे दे रहे हैं जिनके बारे में आपने अवश्य सुना होगा:
- हर मर्द/आदमी गुस्सैल स्वभाव के होते हैं और अक्सर हिंसक होते हैं
- औरतें हमेशा भावुक होती हैं और उनके फैसले भावुकता पर आधारित होते हैं
- सभी अंतर्मुखी शर्मीले स्वभाव के होते हैं
- सभी वकील लालची होते हैं और उन्हें अपने क्लाइंट्स की चिंता नहीं होती
- सभी तेज दिमाग के लोग सामाजिक रूप से अजीब होते हैं
- सभी मुसलमान आतंकवादी होते हैं
- सभी भारतीय गरीब हैं
- सभी भारतीय अरेंज मैरिज करते हैं
ये सभी रूढ़िवादी विचार के उदाहरण हैं जो सच से कोसों दूर है । कुछेक घटनाओं या सीमित जानकारियों के आधार पर पुरे समूह या वर्ग को एक ही कटघरे में खड़ा करना कहां तक उचित है । नकारात्मक रूढ़िवादी विचारों को समाज से खत्म किया जाना चाहिए क्योंकि विकास में यह सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरते हैं ।
Psychology of Stereotypes in Hindi
मानव मस्तिष्क दूसरों के बारे में जानकारी को जल्दी और आसानी से स्टोर करता है । यह जानकारी व्यक्तिगत अनुभवों पर तैयार होती है जैसे अगर आप ऐसे समाज में रहते हैं जहां की महिलाएं सिर्फ और सिर्फ घर के काम काज करती हैं । तो धीरे धीरे आपके दिमाग में यह धारणा बन जायेगी कि औरतें सिर्फ और सिर्फ घरेलू कामकाज कर सकती हैं या उनका यही दायित्व है ।
लेकिन सच इससे कोसों दूर है, अंतर सिर्फ इतना है कि आपने अभी तक दुनिया देखी नहीं है । आपके दिमाग में पक्षपाती विचारधारा पनप चुकी है और आपके पास जानकारी का अभाव है । इसी तरह मीडिया, शिक्षा और संस्कार आदि की वजह से मन में किसी वर्ग या समूह के लिए एक खास तस्वीर बन जाती है । इसके पश्चात अगर कोई भी व्यक्ति बनी बनाई तस्वीर में जरा सा भी फिट बैठता है तो दिमाग तुरंत उसे एक खास समूह से जोड़ देता है ।
इसे प्रक्रिया को Categorisation या वर्गीकरण भी कहा जाता है । दूसरा उदाहरण ले लीजिए, अक्सर गांव के लोगों को अनपढ़ की संज्ञा लोगों द्वारा दी जाती है । कइयों के मन में यह धारणा बन चुकी है कि अगर कोई व्यक्ति गांव का है तो अनपढ़ जी होगा । इसलिए वह व्यक्ति किसी भी गांव वाले से अगर मिलता है तो उसके दिमाग में पहले से यह छवि बन जायेगी कि यह अनपढ़ ही होगा । लेकिन सच इससे काफी अलग है ।
अगर आप विस्तार से समझना चाहते हैं कि रूढ़ियां किस प्रकार हमारे दिमाग पर असर डालती हैं तो This Is Your Brain on Stereotypes किताब जरूर पढ़ें । यह Tanya Lloyd Kyi द्वारा लिखी गई है जिसे आप एमेजॉन की मदद से खरीद सकते हैं ।
Types of Stereotypes in Hindi
Stereotypes कई प्रकार के होते हैं और समाज में एक्जिस्ट करते हैं । उदाहरण के तौर पर सांस्कृतिक रूढ़िवादी, लैंगिक रूढ़िवादी, धार्मिक रूढ़िवादी आदि । हम संक्षेप में सबके बारे में उदाहरण सहित समझेंगे:
1. Racial stereotypes
वर्तमान समय में आपको सोशल मीडिया से लेकर वास्तविक समाज में ज्यादातर नस्लीय रूढ़ियाँ दिखाई देंगी । नस्लीय टिप्पणी आम हो चुकी है जिसके उदाहरण आप रोज देख पा रहे होंगे । उदाहरण के तौर पर ऐसा अक्सर लोग मानते हैं कि भारतीय सिर्फ हिंदू होते हैं लेकिन असलियत यह है कि भारत में अन्य कई प्रमुख धर्म जैसे जैन, बौद्ध, सिख आदि भी हैं ।
ये विभिन्न जातियों या जातीय समूहों के बारे में रूढ़ियाँ हैं जिन्हें दूर किया जाना बहुत आवश्यक है । भारत सहित पूरे विश्व में नस्लीय रूढ़ियां सबसे आम हैं ।
2. Cultural Stereotypes
दूसरे स्थान पर हैं Cultural Stereotypes जिन्हें सांस्कृतिक रूढ़ियां भी कहा जाता है । ये एक विशेष संस्कृति या जातीय समूह के बारे में रूढ़ियाँ होती हैं । इसके कुछ उदाहरण हैं:
- अरब के सभी लोग आतंकवादी हैं
- सभी अफ्रीका के निवासी गरीब और अनपढ़ होते हैं
- सभी अमेरिकन अशिष्ट होते हैं
- सभी एशियन गणित में अच्छे होते हैं
3. Gender stereotypes
ये पुरुषों और महिलाओं के बारे में रूढ़ियाँ । उदाहरण के तौर पर आपने अक्सर सुना होगा कि पुरुष हमेशा मजबूत और महिलाएं कमजोर होती हैं या पुरुष हमेशा गुस्सैल स्वभाव के तो वहीं औरतें भावुक होती हैं । लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है । इसका उलटा भी अक्सर देखा जाता है इसलिए लिंग संबंधी रूढ़ियां तथ्यों के आधार पर बिल्कुल गलत हैं ।
कुछ अन्य उदाहरण:
- औरतें तार्किक नहीं बल्कि भावुक फैसले लेती हैं
- आदमी गुस्सैल और हिंसक होते हैं
- औरतें गृहिणी हैं, आदमी पेशेवर
4. Occupational stereotypes
Occupational Stereotypes व्यवसायों या नौकरियों से संबंधित रूढ़ियां होती हैं । उदाहरण के तौर पर सभी वकील लालची और सभी पुलिसवाले बईमान होते हैं । ऐसी धारणा रखने वालों को ऑक्यूपेशनल स्टीरियोटाइप कहा जाता है । इसके कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखत हैं:
- अकाउंटेंट्स उबाऊ होते हैं
- कलाकारों के पास कोई व्यवहारिक ज्ञान नहीं होता
- वैज्ञानिक सामाजिक व्यक्ति नहीं होते हैं
5. Age stereotypes
उम्र आधारित रूढ़ियों को आयु रूढ़ियाँ कहा जाता है । ये रूढ़ियां किसी खास उम्र के व्यक्तियों को एक ही कटघरे में खड़ा करती हैं । उदाहरण के तौर पर सभी बूढ़े कमजोर होते हैं या सभी जवान लोग आलसी होते हैं । कुछ अन्य आयु सम्बन्धित रूढ़ियां इस प्रकार हैं:
- पुराने कर्मचारी कम प्रोडक्टिव होते हैं
- जवान लोग टेक्निकल जानकारियों से लैस होते हैं
- बच्चे शरारती होते हैं
Negative Effects of Stereotypes
नकारात्मक रूढ़ियां समाज के लिए हानिकारक होती हैं और यह समाज को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाती हैं । शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही इन्हें खत्म किया जा सकता है । हम आगे समझेंगे कि रूढ़िवादी विचारों का सामना कैसे किया जाना चाहिए । उससे पहले चलिए समझते हैं कि रूढ़ियों के नकारात्मक प्रभाव क्या हैं:
- रूढ़ियां समाज के खास वर्गों की गलत छवि बनाती हैं
- रूढ़ियां समाज के विकास को रोकने या बाधित की कोशिश करती हैं
- स्टीरियोटाइप की वजह से हीन भावना का विकास होता है
- स्टीरियोटाइप हमेशा पक्षपाती होते हैं और इसलिए उनके द्वारा लिए गए निर्णय गलत होते हैं
- रूढ़िवादी विचारों का शिकार होना किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को खराब करता है
- Stereotypes समाज में भेदभाव पैदा करते हैं और लोगों को बांटते हैं
Stereotypes को कैसे दूर करें ?
अगर आपके अंदर या किसी अन्य व्यक्ति के अंदर रूढ़ियों ने घर बना लिया है तो जरूरी है कि उन्हें दूर किया जाए । अगर आप रूढ़िवादी नहीं बनना चाहते और समाज से नकारात्मक रूढ़ियों को उखाड़ फेंकना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- रूढ़ियों से बचने के लिए शिक्षित होना आवश्यक है
- अलग अलग धर्मों, जातियों, समाजों आदि की जानकारी इकट्ठी जरुर करें/li>
- यह जरूरी है कि आप अपने विचारों पर प्रश्न उठाए और उनका मूल्यांकन करें
- जब कोई रूढ़िवादी विचार व्यक्त करे तो उसे शिक्षित करना और खिलाफ में बोलना जरूरी है
- दूसरों से पहले खुद के विचारों का संशोधन करें और नपतौलकर ही शब्दों का इस्तेमाल करें
- समाज में सबसे मिलजुलकर रहें और सबका साथ दें
Conclusion
Stereotype यानि रूढ़ियां या रूढ़िवादी विचार किसी भी देश या समाज के लिए फायदेमंद नहीं होती हैं । आपने गौर किया होगा कि जहां जहां रूढ़िवादी विचार पनपते हैं, वहां विद्रोह की भावना भी प्रबल होती है । एक विकसित और स्थिर समाज के लिए जरूरी है कि हम रूढ़िवादी विचारों को तोड़ें और उनका सामना करें । शिक्षा और जागरूकता इन विचारों का दूर करने का सबसे बेहतरीन उपाय है । इसके अलावा आप
उम्मीद है कि आप Stereotype Meaning in Hindi अच्छे से समझ गए होंगे । हमने इस विषय से संबंधित हर प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश की है । अगर आपके मन में कोई भी प्रश्न इस विषय से संबंधित है या आप अपनी राय व्यक्त करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं । साथ ही आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें ।