हालिया राजनीतिक खबरों को अगर उठाकर देखें तो Write Off और Waive Off शब्दों को कई बार उछाला गया है । भारत की वर्तमान सत्ताधारी पार्टी पर यह आरोप लगाया गया कि उसने देश के बड़े पूंजीपतियों के लोन को माफ कर दिया तो वहीं केंद्र सरकार कह रही है कि लोन माफ नहीं बल्कि राइट ऑफ हुए हैं! खैर हुआ जो भी हुआ हो लेकिन इस लेख के माध्यम से आप इन दोनों का अर्थ जरूर समझ जायेंगे ।
इस आर्टिकल में आपको हम निम्नलिखित बिंदुओं पर उदाहरण सहित जानकारी देंगे:
- Write Off और Waive Off का अर्थ
- इनके बीच अंतर
- राइट ऑफ और वेव ऑफ के उदाहरण
Loan Write Off क्या होता है ?
Loan Write Off का हिन्दी अर्थ होता है ऋण बट्टे खाते में डालना । जब ऋणदाता किसी व्यक्ति को लोन प्रदान करता है और उधार लेने वाला व्यक्ति ऋणदाता के कई कोशिशों के बावजूद भी लोन चुका पाने में असमर्थ होता है तो उस लोन को पूंजी के तौर पर नहीं गिना जाता है । इसके बावजूद उस लोन की कीमत घटा दी जाती है या उसे चुकाने की अवधि बढ़ा दी जाती है ।
यानि ऋणदाता द्वारा उधार लेने वाले व्यक्ति का लोन Write Off कर दिया गया । इसे एक आसान से उदाहरण के माध्यम से समझिए । ऐसा Balance Sheet को बराबर करने और साथ ही tax liabilities को ऑप्टिमाइज करने के लिए किया जाता है ।
Loan Write Off Example
मान लीजिए कि Mr. Singh हैं जो एसबीआई बैंक से 5 लाख रुपए का लोन 2 वर्षों के लिए लेते हैं । लोन लेने के 10 महीनों तक वे बिल्कुल समय पर अपना ईएमआई भरते हैं लेकिन इसके बाद अचानक से वे अपना ईएमआई भरना बंद कर देते हैं ।
बैंक सिंह जी से संपर्क करता है लेकिन वे लोन नहीं चुकाते । इसके बाद बैंक लोन की राशि प्राप्त करने के लिए मौजूदा सभी कानूनी कार्रवाई करती है लेकिन फिर भी लोन की धनराशि वापस पाने में नाकामयाब होती है । इस परिस्थिति में बैंक इस लोन को सबसे पहले non-performing asset घोषित कर दिया जाता है । इसके पश्चात सिंह द्वारा लोन चुकाने की राशि कम कर दी जाती है या चुकाने की अवधि बढ़ा दी जाती है ।
लेकिन लोन माफ नहीं किया जाता है । यानि मिस्टर सिंह बैंक द्वारा तय नए लोन को चुकाएंगे और बैंक अपनी तरफ से हर कानूनी कार्रवाई करेगी ताकि लोन की बाकी राशि प्राप्त कर सके । ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि एक ऋणदाता अपनी बैलेंस शीट को बराबर कर सके और टैक्स चुकाने की राशि कम कर सके । इसका मतलब यह नहीं है कि ऋण माफ कर दिया गया है ।
Loan Waive Off क्या होता है ?
Loan Waive Off का हिंदी अर्थ होता है कर्ज माफ । यह सुविधा मुख्य रूप से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनकी मदद करने के लिए प्रदान की जाती है, जिनसे निपटना असंभव होता है । जब किसान सरकारी बैंकों से लोन लेते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण चुकाने में असमर्थ होते हैं तो मौजूदा सरकार उनके लोन माफ कर देती है ।
इसमें बैंक या ऋणदाता दोबारा किसी भी प्रकार से लोन लेने वाले व्यक्ति के पास लोन चुकाने के लिए संपर्क नहीं कर सकता है । इसके साथ ही एक बार Loan Waive Off होने के पश्चात लोन लेने वाले व्यक्ति पर इस संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है ।
Loan Waive Off Example
मान लीजिए कि मिस्टर शर्मा हैं जोकि एक किसान हैं और अपने खेत के लिए उपकरण खरीदने हेतु 5 लाख का लोन 2 वर्षों के लिए लेते हैं । 1 वर्ष तक लोन की ईएमआई समय पर भरने के पश्चात वे ईएमआई भरना बंद कर देते हैं क्योंकि किन्हीं कारणों से उनकी पूरी खेती बरबाद हो गई और वे दिवालिया हो गए ।
इस परिस्थिति में बैंक उनकी परिस्थिति का सही से आंकलन करेगी और निश्चित करेगी कि मिस्टर शर्मा वाकई लोन चुकाने की स्तिथि में बिल्कुल भी नहीं हैं । जब बैंक को लगेगा कि मिस्टर शर्मा लोन चुकाने में पूरी तरह से असमर्थ हैं तो बैंक उनके ऋण को माफ कर देगी । यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातर किसानों का ही ऋण सरकार के सहयोग से माफ होता है ।
जब सरकार बड़े पैमाने पर किसानों के लोन माफ करती है तो इसका अर्थ यह नहीं कि बैंकों को अब लोन में दी गई हजारों करोड़ की धनराशि नहीं प्राप्त होगी । इसका सीधा सा अर्थ यह होता है कि यह धनराशि स्वयं अब सरकार भरेगी यानि यह बोझ सरकार खुद के कंधों पर उठा लेती है । हालांकि मिस्टर शर्मा के मामले में नुकसान सिर्फ बैंक को उठाना पड़ेगा ।
Difference Between Loan Write Off & Waive Off
अब अबतक अच्छे से Write Off और Waive Off के बीच के अंतर को समझ गए होंगे । लेकिन इस कांसेप्ट को आपके लिए ज्यादा सरल बनाने के लिए हमने इनके बीच के अंतर को क्रम संख्या के हिसाब से व्यवस्थित किया है ।
1. Loan Write Off में जब लोन प्राप्त करने वाला व्यक्ति कई कोशिशों के बावजूद लोन नहीं चुकाता, तो ऐसे लोन को बैंक द्वारा non-performing asset घोषित कर दिया जाता है । इसमें लोन चुकाने की अवधि बढ़ा दी जाती है और कुल चुकाने वाली राशि घटा दी जाती है । इसके उलट Loan Waive Off में लोन पूरी तरह माफ कर दिया जाता है ।
2. Write Off की स्तिथि में ऋणदाता लोन वापस पाने के लिए हर संभव कोशिशें जारी रखेगा और जरूरत पड़ने पर Collateral Security को भी बेचेगा । तो वहीं Waive Off की परिस्थिति में ऋणदाता लोन वापस पाने की कोशिश नहीं कर सकता और उसे लोन लेने वाले व्यक्ति को Collateral Security भी वापस करनी होगी ।
3. Loan Write Off की फैसिलिटी हर ऋण लेने वाले व्यक्ति पर समान रूप से लागू होती है लेकिन Loan Waive Off का फायदा अक्सर मुख्य रूप से किसानों को दिया जाता है ताकि उनकी प्राकृतिक आपदाओं की परिस्थिति में मदद हो सके ।
4. राइट ऑफ की प्रक्रिया खुद बैंक करते हैं जबकि वेव ऑफ सरकार के सहयोग से किया जाता है ।
FAQs
1. राइट ऑफ लोन का क्या मतलब है ?
राइट ऑफ लोन का अर्थ है कि ऋण बट्टे खाता में डाला गया है । जब लोन प्राप्त करने वाला व्यक्ति कई कोशिशों के बावजूद लोन नहीं चुकाता तो ऐसे ऋण को non-performing asset के अंतर्गत रख दिया जाता है ताकि बैलेंस शीट बराबर हो सके ।
2. राइट ऑफ और वेव ऑफ में क्या अंतर है ?
Loan Write Off की फैसिलिटी हर ऋण लेने वाले व्यक्ति पर समान रूप से लागू होती है लेकिन Loan Waive Off का फायदा अक्सर मुख्य रूप से किसानों को दिया जाता है ताकि उनकी प्राकृतिक आपदाओं की परिस्थिति में मदद हो सके ।
3. वेव ऑफ लोन का क्या मतलब है ?
Loan Waive Off का हिंदी अर्थ होता है कर्ज माफ । यह सुविधा मुख्य रूप से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनकी मदद करने के लिए प्रदान की जाती है, जिनसे निपटना असंभव होता है ।