Report Card किसी भी छात्र या व्यक्ति के समग्र शैक्षणिक या व्यावसायिक प्रदर्शन का ब्यौरा सामने रखता है । खासकर कि इसका उपयोग स्कूल या कॉलेज के छात्रों के Academic Performance को जांचने के लिए उपयोग में लाया जाता है । इस लेख में हम आपको इस विषय की पूरी जानकारी उदाहरण शैत देंगे और साथ ही इसके महत्व के बारे में भी बताएंगे ।
किसी भी क्षेत्र में अगर आप कार्यरत हैं तो यह बेहद ही आवश्यक है कि आपको आपका रिपोर्ट कार्ड मिले । इससे आपको ज्यादा बेहतर करने का और अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाने का मौका मिलता है । इसी के मदद से आपको पता चलता है कि आपकी Strengths और Weaknesses क्या हैं ताकि आप उचित बदलाव ला सकें । छात्रों को भी इसी उद्देश्य से रिपोर्ट कार्ड प्रदान किया जाता है ।
इसी को ध्यान में रखते हुए इस लेख में आपको Report Card क्या है, इसे कैसे तैयार किया जाता है, इसके फायदे और सीमाएं आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे । इस विषय से संबंधित अपने सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आर्टिकल अंत तक पढ़ें ।
Report Card क्या है ?

Report Card किसी छात्र के शैक्षणिक प्रदर्शन और व्यवहार का मूल्यांकन करने वाला एक दस्तावेज होता है । यह स्कूल द्वारा छात्र या छात्र के माता-पिता को सालाना एक से चार बार जारी किया जाता है जिससे छात्र की शक्तियां और कमजोरियां पता चलती हैं । इसे हिंदी में विवरण कार्ड भी कहा जाता है ।
इसी कार्ड की मदद से यह भी पता चलता है कि एक छात्र का पूरे वर्ष स्कूल में व्यवहार कैसा रहा है, उसने किन किन प्रतियोगिताओं में भाग लिया और जीत हासिल की है आदि । इससे छात्र को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए स्कूल और माता पिता, दोनों की तरफ से कोशिशें की जा सकती हैं ।
इसे एक आसान से उदाहरण से समझें । मान लेते हैं कि आप किसी स्कूल में एक छात्र के तौर पर पढ़ाई कर रहे हैं । अब जाहिर सी बात है कि विद्यालय में तरह तरह की Extracurricular Activities कराई जायेंगी, समय समय पर परीक्षाएं आयोजित होंगी आदि । ऐसे में इन पाठ्येतर गतिविधियां समय-समय पर होने वाली परीक्षाएं में आपके प्रदर्शन को एक दस्तावेज में Grades दिए जाते हैं, जिसे रिपोर्ट कार्ड कहते हैं ।
Structure of Report Card
Structure of Report Card यानि रिपोर्ट कार्ड की संरचना की बात करें तो इसके 4 Sections होते हैं । रिपोर्ट कार्ड की संरचना कुछ इस प्रकार होती है:
- Header
- Details
- Summary/Notes
- Footer
Header Section में रिपोर्ट कार्ड, विद्यालय का नाम और शैक्षणिक वर्ष लिखा होता है । इसके बाद Details में छात्र से संबंधित जरूरी जानकारियां जैसे नाम, कक्षा, जन्मतिथि, माता पिता का नाम, तिथि, उपस्तिथि का प्रतिशत लिखी जाती हैं । इसके पश्चात Summary/Notes में छात्र द्वारा विभिन्न परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में दर्शाए प्रदर्शन की जानकारी लिखी जाती है ।
इसे तैयार करने के लिए Grading System का इस्तेमाल किया जाता है या CGPA/Percentage System का । कई बार दोनों ही तरीकों का इस्तेमाल एक ही रिपोर्ट कार्ड में किया जाता है यानि अगर Behavioural Performance को दिखाना हो तो Grading (A, B, C) और Academic Performance को दिखाना हो तो CGPA/Percentage (8,9,10/75%) ।
फिर अंत में आता है Footer । इस सेक्शन में एक शिक्षक छात्र को लेकर अपने व्यक्तिगत अनुभव लिख सकता है, रिमार्क दे सकता है या भविष्य में बेहतर करने की शुभकामनाएं देकर हस्ताक्षर कर सकता है । तो इस तरह उम्मीद है कि आप Report Card Structure समझ गए होंगे ।
How To Prepare Student Report Card
अगर आप Report Card तैयार करना चाहते हैं तो आपको ऊपर दिए संरचना का पालन करने के साथ साथ कुछ जरूरी बिंदुओं की भी जानकारी रखनी होगी । नीचे कुल 8 बिंदु दिए गए हैं जिन्हें पढ़कर आप आसानी से एक बढ़िया रिपोर्ट कार्ड तैयार कर सकते हैं ।
- सबसे पहले स्कूल का नाम, लोगो और संपर्क डिटेल्स रिपोर्ट के सबसे ऊपरी भाग में लिखें ।
- इसके पश्चात छात्र से संबंधित आवश्यक जानकारियां जैसे नाम, कक्षा, जन्मतिथि, माता पिता का नाम, दिनांक, वर्ष लिखें ।
- इसके पश्चात Grading Report तैयार करें जिसमें सबसे पहले छात्र द्वारा पढ़े गए विषयों को लिखें और फिर उन विषयों की महत्वपूर्ण परीक्षाओं में छात्र द्वारा लाए गए अंक/प्रतिशत/ग्रेड को लिखें । इसके लिए आपको पूरा टेबल बना लेना चाहिए जिसमें आपको छात्र के Academic Performance की जानकारी लिखनी है ।
- कोशिश करें की अनावश्यक जानकारियां न लिखें और साथ ही रिपोर्ट कार्ड आसान हो ताकि सभी इसे समझ सकें ।
- इसके पश्चात Extra Curricular Activities और Behavioural Performance को ग्रेड दें । इसे भी Academic Performance की ग्रेडिंग की ही तरह टेबल बनाकर तैयार करें ।
- अंत में एक शिक्षक द्वारा छात्र के लिए Personalised Message लिखना चाहिए और छात्र के Overall Performance पर कॉमेंट करना चाहिए ।
- स्कूल या शिक्षक चाहें तो ऊपर दी गई Gradings और Evaluation को सरल शब्दों में समझा भी सकते हैं यानी अगर छात्र को B Grade मिला है तो इसका क्या अर्थ है आदि । इससे किसी के लिए भी Report Card समझने में आसानी होगी ।
Progress Card, Report Card और Ward Report Card में अंतर ?
Progress Card, Report Card और Ward Report Card में अंतर सिर्फ इतना सा है कि इनके नाम अलग अलग हैं । लेकिन तीनों का इस्तेमाल एक ही कार्य के लिए होता है और वह है किसी छात्र के शैक्षणिक प्रदर्शन को आंकने के लिए । इनकी मदद से छात्र के Strengths और Weaknesses का आसानी से पता लगाया जा सकता है और साथ ही छात्र को बेहतर बनाने के दिशा में भी यह काफी महत्वपूर्ण होता है ।
Progress Card हालांकि कई बार रिपोर्ट कार्ड से अलग होता है क्योंकि इसमें अक्सर Behavioural Performance से ज्यादा Academic Performance पर जोर दिया जाता है । साथ ही प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड हर 2 से 3 महीने की अवधि में जारी किए जाते हैं ताकि किसी छात्र के व्यवहार पर नजर रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर उसमें सुधार किया जाए ।
Importance of Report Card in Hindi
एक Report Card के कई फायदे हैं । इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी मदद से छात्र की शक्तियों और कमजोरियों का आसानी से पता चल पाता है । इससे माता पिता और शिक्षक मिलकर छात्र की कमजोरियों को शक्तियों में बदलने की कोशिश कर सकते हैं । चलिए रिपोर्ट कार्ड के महत्व की सूची पर एक नजर डालते हैं:
- रिपोर्ट कार्ड छात्रों को एक विशेष अवधि के दौरान उनके प्रदर्शन का कच्चा चिट्ठा प्रदान करते हैं ।
- यह छात्रों को अपने प्रदर्शन पर आत्म-चिंतन करने और खुद को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने की शक्ति देता है ।
- एक Report Card शिक्षक और अभिभावक को भी यह मौका देता है कि वह अपने बच्चे की कमियों को समझें और उसे सुधारने में योगदान दें ।
- अगर कोई छात्र Academic Performance में बेहतर करता है तो उसका आत्मविश्वास भी बेहतर होता है और वह ज्यादा बड़े लक्ष्य की पूर्ति के लिए जी जान से जुट जाता है ।
- एक रिपोर्ट कार्ड छात्र के साथ ही माता पिता और शिक्षक को समय पर सुधार करने और कमजोरियों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है ।
- यह छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करता है और उनके विकास का मार्ग प्रशस्त करता है
Drawbacks of Report Card
जहां Report Card के कई फायदे हैं तो इसकी कुछ सीमाएं या यूं कहें कि कुछ कमियां भी हैं । इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि यह कभी भी छात्र के actual ability को आंक नहीं सकता । बिल्कुल सच ही कहा गया है कि एक रिपोर्ट कार्ड किसी की भी पूरी जिंदगी तय नहीं कर सकता और यह सबसे बड़ी सच्चाई है ।
साथ ही हर छात्र के सीखने की क्षमता अलग अलग होती है लेकिन एक रिपोर्ट कार्ड सभी छात्रों को एक ही तराजू में तौलकर गलती करता है । एक रिपोर्ट कार्ड कई बार छात्रों को हीनभावना का शिकार भी बना देता है क्योंकि इसके अंतर्गत अच्छी कहानियां लिखना, गिटार बजाना, संगीत, बढ़िया क्रिकेट खेलना जैसी चीजें अक्सर शामिल नहीं होती हैं और न ही उनकी ग्रेडिंग होती है ।
एक छात्र ऊपर दी गई क्रियाकलापों में बेहतर या उत्तम हो सकता है लेकिन उसे आंकने का एकमात्र तरीका सिर्फ और सिर्फ परीक्षा में मिले अंक बना दिए जाते हैं । इनसे इतर कई Report Card पढ़ने समझने में भी काफी कठिन होते हैं और आम व्यक्ति के समझ से बाहर होते हैं ।
Conclusion
Report Card in Hindi के इस आर्टिकल में आपने जाना कि एक रिपोर्ट कार्ड क्या होता है, इसे कैसे तैयार किया जाता है, इसकी सही संरचना, फायदे और कमियां क्या हैं । हमें उम्मीद है कि इस विषय से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर हमने आर्टिकल के माध्यम से दे दिया है ।
अगर आपके मन में विषय से संबंधित अन्य कोई भी प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । इसके साथ ही अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो इसे दूसरों के साथ शेयर जरूर करें ।