ऑनलाइन फॉर्म भरने से लेकर कार्यालयी कामकाज तक बार बार Soft Copy और Hard Copy का जिक्र आता है । अक्सर ऑफलाइन माध्यमों से किसी दस्तावेज को भरने या किसी प्रकार का सरकारी फायदा प्राप्त करते समय हार्ड कॉपी की आवश्यकता पड़ती है । तो वहीं इसके उलट जब हम ऑनलाइन कामों की बात करते हैं सॉफ्ट कॉपी का जिक्र होता है ।
ये दोनों क्या हैं, इनके बीच मूल अंतर क्या है और साथ ही इनके उदाहरण क्या है जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर आपको इस आर्टिकल में दिया जायेगा । अगर आप भी सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी को लेकर अक्सर कन्फ्यूजन में रहते हैं तो यह आर्टिकल आपकी सारी उलझनें दूर कर देगा ।
Soft Copy क्या है ?

Soft Copy एक डिजिटल दस्तावेज होता है जिसे आप स्पर्श नहीं कर सकते । यह डिजिटल माध्यमों जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि की मदद से तैयार किया जाता है और डिजिटल माध्यमों की ही मदद से इस्तेमाल भी किया जाता है । इसे हम Virtual Copy भी कहते हैं ।
सॉफ्ट कॉपी को किसी पेपर पर प्रिंट करने की आवश्यकता नहीं होती है । यह हार्ड कॉपी की ही तरह कार्य करता है लेकिन इसे डिजिटल माध्यमों से तैयार भी किया जाता है और उन्हीं माध्यमों से इन्हें एक जगह से दूसरे जगह भेजा भी जाता है ।
उदाहरण के तौर पर E-books, Scanned Notes, PDF Notes आदि को के सकते हैं । आपने अवश्य ही किसी न किसी पीडीएफ को ऑनलाइन डाउनलोड किया होगा । उस पीडीएफ को आप अपने हाथों से छू नहीं सकते और न ही आप उसे भौतिक तौर पर स्टोर करके भी रख सकते हैं । बस इसी को Soft Copy कहा जाता है ।
Soft Copy की विशेषताएं और कमियां
चलिए अब एक नजर सॉफ्ट कॉपी की विशेषताओं और कमियों पर भी डालते हैं । इससे आपको पूरा कांसेप्ट अच्छे से समझ आ जायेगा और साथ ही आप इससे जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय भी ले सकेंगे । सबसे पहले हम सॉफ्ट कॉपी की विशेषताओं पर बात करेंगे:
- सॉफ्ट कॉपी को पेपर प्रिंटिंग की आवश्यकता नहीं होती है
- सॉफ्ट कॉपी को डिजिटल माध्यमों से तैयार किया जाता है
- इन्हें आप स्पर्श नहीं कर सकते हैं और न ही महसूस
- सॉफ्ट कॉपी की जानकारियां चुराई जा सकती हैं
- सॉफ्ट कॉपी को पढ़ने आदि के लिए डिजिटल डिवाइस की आवश्यकता होती है
इसके बाद चलिए Soft Copy Drawbacks पर भी एक नजर डालते हैं और जानते हैं कि इसकी क्या क्या कमियां हैं:
- सॉफ्ट कॉपी का डाटा चुराया जा सकता है
- सॉफ्ट कॉपी हार्ड कॉपी के मुकाबले कम भरोसेमंद होते हैं
- सॉफ्ट कॉपी बिना डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
Hard Copy क्या है ?

Hard Copy भी एक डिजिटल दस्तावेज होता है जिसे आप स्पर्श कर सकते हैं और साथ ही इसे पेपर पर प्रिंट भी किया जा सकता है । इसे पढ़ने या इस्तेमाल करने के लिए किसी भी डिजिटल साधनों जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि का इस्तेमाल जरूरी नहीं होता है । इसे Permanent Copy भी कहते हैं ।
हार्ड कॉपी को पेपर कर प्रिंट करने की आवश्यकता होती है । यह Soft Copy के सभी उद्देश्यों को पूरा करता है लेकिन इसे आप एडिट नहीं कर सकते । आप हार्ड कॉपी को किसी भी माध्यम से एडिट नहीं कर सकते या उसकी सामग्री में बदलाव नहीं कर सकते ।
आज के डिजिटल युग में सॉफ्ट कॉपी का महत्व काफी बढ़ गया है लेकिन हार्ड कॉपी कई मायनों में ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी होता है । Hard Copy में निहित डेटा की चोरी नहीं की जा सकती है और न ही इसे है किया जा सकता है । उदाहरण के तौर पर किताबें, अखबार, पत्रिकाएं, पत्रादि हार्ड कॉपी के ही उदाहरण हैं ।
Hard Copy की विशेषताएं और कमियां
Soft Copy की ही तरह हार्ड कॉपी की विशेषताएं और कमियां हैं । चलिए बिंदुवार तरीके से सबसे पहले Features of Hard Copy समझते हैं । इसके बाद हम आपको हार्ड कॉपी की कमियों के बारे में भी जानकारी देंगे:
- हार्ड कॉपी को हाथोंहाथ सांझा किया जा सकता है
- हार्ड कॉपी को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद माना जाता है
- परमानेंट कॉपी एक निश्चित जगह को कवर करते हैं
- हार्ड कॉपी पर साइबर अटैक संभव नहीं है
अब एक नजर डालते हैं Disadvantages of Hard Copy पर और जानते हैं कि हार्ड कॉपी की कौन कौन सी कमियां हैं:
- हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में नहीं बदला जा सकता
- हार्ड कॉपी के खराब होने की संभावना ज्यादा होती है
- Hard Copy को एडिट नहीं किया जा सकता है
- Soft Copy के मुकाबले ये महंगे होते हैं
Difference Between Soft Copy and Hard Copy
Soft Copy और Hard Copy में कई बुनियादी अंतर हैं जिन्हें समझना बहुत जरूरी है । आप नीचे दिए टेबल की मदद से बड़े ही आसानी से समझ सकते हैं कि सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी में अंतर क्या है । उम्मीद है कि नीचे दिया गया टेबल इस विषय से सम्बन्धित आपकी सभी उलझनों को दूर कर देगा ।
Soft Copy | Hard Copy |
---|---|
सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में बदला जा सकता है | हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में नहीं बदला जा सकता |
सॉफ्ट कॉपी के डेटा को चुराया जा सकता है | हार्ड कॉपी पर साइबर अटैक होना असंभव है |
इन्हें हम अपने हाथों से नहीं स्पर्श कर सकते हैं | इन्हें हाथों से स्पर्श किया जा सकता है |
सॉफ्ट कॉपी को खोलने या पढ़ने के लिए डिजिटल माध्यमों की आवश्यकता | हार्ड कॉपी खोलने या पढ़ने के लिए डिजिटल माध्यमों की आवश्यकता नहीं |
सॉफ्ट कॉपी को डिजिटल माध्यमों से सांझा किया जा सकता है | हार्ड कॉपी को हाथोंहाथ सांझा किया जा सकता है |
सॉफ्ट कॉपी डिजिटल या वर्चुअल जगह में स्टोर किए जाते हैं | हार्ड कॉपी वास्तविक रूप से भौतिक जगहों पर स्टोर किए जाते हैं |
Soft Copy को पेपर प्रिंटिंग की आवश्कता नहीं | Hard Copy को पेपर प्रिंटिंग की आवश्यकता होती है |
Amazon Kindle सॉफ्ट कॉपी का उदाहरण है | किताबें हार्ड कॉपी के उदाहरण हैं |
Conclusion
Soft Copy और Hard Copy में कोई खास समानता नहीं होता है बजाय कि दोनों दस्तावेज ही होते हैं । लेकिन इन दोनों में कई भिन्नता है जैसे कि सॉफ्ट कॉपी को आप स्पर्श नहीं कर सकते लेकिन हार्ड कॉपी को आप स्पर्श कर सकते हैं । मान लेते हैं कि आपके स्कूल या कॉलेज से सॉफ्ट कॉपी की मांग होती है तो आप उस दस्तावेज का पीडीएफ फाइल या इमेज फाइल बनाकर भेजेंगे ।
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- Image से Text कैसे अलग करें ?
- दो फोटो एक साथ कैसे जोड़ें
- Introvert क्या होता है ?
- Vibes क्या होता है ?
- Video फाइल को ऑडियो में कैसे बदलें
- PDF File को Word File में कैसे कन्वर्ट करें
तो वहीं अगर हार्ड कॉपी की मांग होती है तो उस दस्तावेज का प्रिंट आउट ही आपको जमा करना होगा । कई बार Self Attested Hard Copy शब्द भी देखने को मिलता है यानि आप सबसे पहले दस्तावेज को पेपर पर प्रिंट कराएंगे और खाली जगह पर अपने हस्ताक्षर दिनांक के साथ करेंगे । इसके बाद दस्तावेज को हार्ड कॉपी के तौर पर जमा करेंगे ।
उम्मीद है कि आपको अबतक Soft Copy vs Hard Copy का पूरा कांसेप्ट अच्छे से समझ आ चुका होगा । अगर आपके मन में विषय सम्बन्धित कोई भी प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । इसके साथ ही आर्टिकल को दूसरों के साथ शेयर भी करें ताकि सभी को इसकी जानकारी हो सके ।