आपने अक्सर किसी बिजनेस से जुड़े लेन देन या खरीददारी में Sale Deed के बारे में सुना होगा । इस लेख में हम इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे । जब भी कोई बड़ी खरीददारी की जाती है जैसे प्रॉपर्टी, जमीन, दुकान आदि तो एक legal document जिसे सेल डीड कहा जाता है, चर्चा में आता है । लेकिन यह होता क्या है ? इसका क्या महत्व है और इसमें क्या लिखा होता है ?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में मिलेंगे । आर्टिकल के अंत में हम आपको sale deed examples भी देंगे जिन्हें देखकर आप बेहतर ढंग से इसे समझ सकेंगे । जब भी बात आती है ownership transfer की तो यह डॉक्यूमेंट उपयोग में लाया जाता है जो लेनदेन का प्रमाण होता है । इसका सबसे बड़ा महत्व यह होता है कि भविष्य में संपत्ति के स्वामित्व से जुड़ी कोई समस्या सामने न आए ।
What is Sale Deed in Hindi
Sale Deed को हिंदी में विक्रय विलेख कहा जाता है जो किसी संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण होता है । यह एक कानूनी दस्तावेज है जो पार्टियों (खरीदार और विक्रेता) के बीच संपत्ति की बिक्री का वर्णन करता है । स्वामित्व के हस्तांतरण यानि ट्रांसफर के लिए यह मुख्य दस्तावेज होता है ।
इसे एक आसान से उदाहरण से समझते हैं । मान लीजिए कि आप किसी अन्य व्यक्ति से एक निर्धारित मूल्य पर सर्वसम्मति से उसकी जमीन खरीदते हैं । जमीन खरीदने के बाद वह आपको जमीन के सभी जरूरी दस्तावेज सौंप देता है और इस तरह यह मान लिया गया कि जमीन आपकी हो गई । लेकिन भविष्य में अगर व्यक्ति आप पर कानूनी केस कर दे कि उससे आपने जबरदस्ती जमीन कब्जा किया है, तो आप क्या करेंगे ?
इसी परिस्थिति से बचने के लिए ही Sale Deed तैयार किया जाता है जिसे आमतौर पर लोग बैनामा भी बोलते हैं । आपने शायद अपने बड़े बुजुर्गों आदि से बैनामा के बारे में सुना होगा जिसे आमतौर पर जमीन खरीदने के उपरांत तैयार किया जाता है । इसमें दोनों व्यक्तियों के बीच के लेन देन की पूरी जानकारी होती है और अंत में buyer & seller अपना अपना हस्ताक्षर भी करते हैं ।
Sale Deed से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द
एक बैनामा या विक्रय विलेख में कुछ महत्वपूर्ण शब्द लिखे होते हैं जिनके बारे में आपको अवश्य जानना चाहिए । इन्हीं महत्वपूर्ण शब्दों को मिलाकर सेल डीड तैयार किया जाता है । इसकी कुछ महत्वपूर्ण शब्दावलियाँ हैं:
1. Witness (गवाह)
एक sale deed पर सिर्फ और सिर्फ buyer & seller के ही हस्ताक्षर नहीं होते हैं बल्कि कम से कम 2 गवाहों की भी जरूरत कानून के हिसाब से पड़ती है । खरीददार और विक्रेता के हस्ताक्षर करने के उपरांत वे दोनों गवाह भी बैनामा पर अपना हस्ताक्षर करते हैं । हस्ताक्षर करने का अर्थ यह है कि वे इस लेनदेन को सत्यापित करते हैं और इसके गवाह हैं ।
2. Seller (विक्रेता)
किसी बैनामा यानी विक्रय विलेख में seller का उल्लेख सबसे महत्वपूर्ण होता है । किसी संपत्ति का मालिकाना हक जिसके पास पहले से होता है, उसकी पूरी जानकारी सेल डीड में लिखी जाती है । विक्रेता वह है जो अपनी संपत्ति को पहले से निर्धारित कीमत पर बेचने का इच्छुक है ।
3. Buyer (क्रेता/खरीददार)
Sale Deed में अगला महत्वपूर्ण व्यक्ति क्रेता या खरीदार होता है जो किसी अन्य व्यक्ति के संपत्ति का स्वामित्व हासिल करना चाहता है । किसी अन्य की संपत्ति का स्वामित्व (ownership) हासिल करने के लिए पहले से तय राशि और शर्तों पर क्रेता विक्रेता से संपत्ति खरीदता है ।
4. Stamp Duty (स्टाम्प शुल्क)
Stamp Duty एक ऐसा कर है जो संपत्ति या दस्तावेजों की खरीद पर सरकार द्वारा लगाया जाता है । स्टाम्प शुल्क उन्हीं दस्तावेजों पर लगाया जाता है जो कुछ प्रकार के लेन-देन को कानूनी रूप से रिकॉर्ड करने के लिए आवश्यक हैं ।
5. Title (स्वामित्व अधिकार)
एक बैनामा में अगला महत्वपूर्ण टर्म होता है Title का । जब संपत्ति का स्वामित्व एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है तो दूसरे व्यक्ति को उस संपत्ति का स्वामित्व अधिकार प्राप्त हो जाता है ।
6. Registration Fee (पंजीयन शुल्क)
Stamp Duty की ही तरह registration fee भी एक प्रकार का शुल्क है जिसे आपको राज्य सरकार को देना होता है । भारत में हर राज्य का अपना अलग अलग पंजीकरण शुल्क है जिसे किसी संपत्ति के लेन देन के वक्त लगाया जाता है ।
7. Sale Price (विक्रय कीमत)
Sale Deed में विक्रय कीमत बेची जा रही संपत्ति के मूल्य को कहते हैं । इस मूल्य पर खरीददार और विक्रेता दोनों सहमत होते हैं तभी जाकर डील होती है ।
8. Registration (पंजीकरण)
Registration Act, 1908 के तहत बैनामा यानि विक्रय विलेख का पंजीकरण आवश्यक होता है । बैनामा के पंजीकरण होने के पश्चात उसे कानूनी मान्यता दे दी जाती है । भारत में दोनों पार्टियां यानि क्रेता और विक्रेता sub registrar’s office जाकर बैनामा का पंजीकरण करा सकते हैं ।
Sale Deed में क्या लिखा जाता है ?
एक सेल डीड में निम्नलिखित बिंदु लिखे जाते हैं जिनपर सहमति के आधार पर ही संपत्ति का लेनदेन किया जाता है ।
- क्रेता और विक्रेता का नाम, उम्र और स्थाई पता
- संपत्ति का पूरा क्षेत्रफल, पता और निर्माण का विवरण
- दोनों पार्टियों द्वारा निर्धारित संपत्ति का मूल्य
- संपत्ति के स्वामित्व को ट्रांसफर करने में लगने वाला कुल समय और संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज
- विक्रेता द्वारा खरीददार से यह वादा कि भविष्य में स्वामित्व संबंधित विवाद में खरीददार को होने वाले नुकसान की भरपाई वह करेगा
- हस्ताक्षर जब दोनों इस डील से सहमत हों
तो इससे आप समझ गए होंगे कि एक sale deed में क्या क्या लिखा जाता है । एक बैनामा को कोई सामान्य व्यक्ति तैयार नहीं करता है क्योंकि उसे सभी जरूरी कानूनी प्रावधानों और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी नहीं होती है । इसलिए इसे तैयार करने के लिए ऐसे व्यक्ति की मदद ली जाती है जो इससे संबंधित ज्ञान रखता हो ।
Sale Deed Registration के लिए जरूरी दस्तावेज
Registration Act, 1908 के तहत आपको sale deed registration करवाना ही होगा तभी जाकर आपका बैनामा कानूनी रूप से मान्य होगा । इस पंजीकरण के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:
- Buyer & Seller के नाम
- PAN Cards के साथ ही विक्रेता और क्रेता की तस्वीरें
- दोनों पार्टियों का आधार कार्ड
- संपत्ति का स्वामित्व दस्तावेज
- स्टाम्प शुल्क की जानकारी
- खरीददार की अन्य जरूरी जानकारियां
- संपत्ति से जुड़ा कोई लोन का दस्तावेज
- NOC यानि No Objection Certificate
Advantages of Sales Deed in Hindi
अगर बात करें Sales Deed के advantages/benefits की तो इसके कई फायदे हैं । चलिए इन फायदों के बारे में संक्षेप में समझते हैं ।
- यह एक कानूनी दस्तावेज है जिसकी वजह से यह कानून के दायरे में आता है ।
- खरीदार एवं विक्रेता के बीच होने वाले लेनदेन की पूरी जानकारी लिखित रूप में मौजूद होती है जिससे बाद में विवाद की स्तिथि न पैदा हो ।
- एक Sale Deed खरीदने बेचने की प्रक्रिया को काफी आसान बनाता है ।
- खरीदार और विक्रेता के बीच के इस लेनदेन को register किया जाता है जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद में इसकी मदद ली जा सके ।
- यह खरीदार द्वारा विक्रेता का और विक्रेता द्वारा खरीदार के साथ शोषण की संभावना को खत्म करता है ।
Disadvantages of Sale Deed in Hindi
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह से sale deed के भी कुछ disadvantages हैं । चलिए समझते हैं कि इसके नकारात्मक पहलू कौन कौन से हैं:
- अगर बैनामा में seller द्वारा कोई गलती हो जाती है तो बाद में उसे भुगतना पड़ेगा ।
- sale deed को समझने के लिए दोनों पार्टियों का समझदार और पढ़ा लिखा होना जरुरी होता है ।
- अगर एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन से पहले ही seller की मृत्यु हो जाती है या वह गायब हो जाता है तो सेल डीड का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा ।
Sale Deed Format in Hindi
अगर आप Sale Deed Format को समझना चाहते हैं तो नीचे दिए doc file को डाउनलोड करके देख सकते हैं । इस फाइल में आप बैनामा का पूरा प्रारूप देख सकते हैं और इसकी मदद से आप एक बैनामा तौर भी कर सकते हैं । यह एक standard format है जिसमें आप अपने हिसाब से बदलाव भी कर सकते हैं ।
Conclusion
What is Sale Deed in Hindi – विक्रय विलेख या बैनामा क्या है के इस लेख में आपने विस्तार से सेल डीड के बारे में जाना । हमने पूरी कोशिश की है कि बैनामा संबंधित हर जरूरी जानकारी आपको प्रदान की जाए । मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको अब अच्छे से sale deed meaning in Hindi समझ आ गई होगी ।
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