शोध से पता चलता है कि 25 से 35 साल के 73% लोग लंबे समय से ज्यादा सोचते हैं, साथ ही 45 से 55 साल के 52% लोग भी इसमें शामिल हैं । यानि दुनिया की एक अच्छी खासी आबादी Overthinking से जूझ रही है । हालांकि यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से आपको मानसिक और शारीरिक स्तर पर कई दिक्कतें हो सकती हैं ।
लगातार जरूरत से ज्यादा सोचने की वजह से बढ़ी हुई चिंता, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अनिद्रा, और यहां तक कि शारीरिक लक्षण जैसे सिरदर्द और मांसपेशियों में तनाव भी होता है । आपने स्वयं भी Overthinking Drawbacks को महसूस किया होगा तभी जाकर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं । कई लोग यह सोचते हैं कि ओवरथिंकिंग की वजह से उनके दिमाग की एक्सरसाइज होती है या वे ज्यादा गहराई से सोच पाते हैं ।
लेकिन दरअसल कई शोधकार मानते हैं कि ओवरथिंकिंग करने वाले व्यक्ति सिर्फ अपना समय सोचने में ही खपा देते हैं । वे वाकई कुछ करते नहीं हैं, बल्कि किसी भी परिस्थिति को बार बार सोचकर राई का पहाड़ बना देते हैं । ऐसे में हर तरह से इससे बचने के उपाय करने चाहिए, जिसकी जानकारी आपको इस आर्टिकल में दिया गया है ।
1. Mindfulness Meditation शुरू करें
Meditation मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने का सबसे बढ़िया तरीका है । मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने से मन को शांत करने और विचारों को नियंत्रित करने की शक्ति मिलती है । मेडिटेशन कई प्रकार के होते हैं लेकिन आपको Overthinking से बचने के लिए Mindfulness Meditation करना शुरू कर देना चाहिए । इसे करना बेहद ही आसान है, बस शांत वातावरण में एक स्थान पर सही पोस्चर में बैठ जाएं ।
इसके पश्चात अपने दिमाग को वर्तमान समय में रखने की कोशिश करें और अपना पूरा ध्यान अपनी आती जाती सांसों पर केंद्रित करें । जब आप अपना पूरा ध्यान सांसों पर केंद्रित करेंगे तो आपको बाहरी विचारों से मुक्ति मिलेगी । ध्यान दें कि इस क्रिया में भी विचार दिमाग में आ सकते हैं, जिससे बचने के लिए आपको बार बार अपना ध्यान सिर्फ अपनी सांसों पर केंद्रित करना होगा ।
Mindfulness Meditation से न सिर्फ आप Overthinking से बचेंगे बल्कि आत्म-नियंत्रण, निष्पक्षता, सहनशीलता को प्रभावित करना, लचीलापन बढ़ाना, समानता, बेहतर एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक बुद्धि जैसे अन्य कई क्षेत्रों में आपको फायदे दिखाई देना शुरू हो जाएगा ।
2. समाधान पर ध्यान दें
Overthinking में हमेशा एक बात कॉमन होती है और वह है समस्याओं पर ध्यान देना । ओवरथिंकिंग में हम उन परेशानियों के बारे में भी जरूरत से ज्यादा सोचते हैं जो अभी तक हमने सामना भी नहीं की हैं । यानि जो परेशानियां आपको लगती हैं कि भविष्य में अवतरित होंगी, उनके बारे में वर्तमान में सोच सोचकर हम समय व्यर्थ करते हैं । इसके साथ ही हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ दिक्कतों पर ही होता है ।
अगर आप बहुत ज़्यादा सोचने से बचना चाहते हैं तो आपको अपना ध्यान परेशानियों नहीं बल्कि उनके समाधान पर लगाना चाहिए । साथ ही भगवद्गीता का एक श्लोक हमेशा याद रखें जिसका अर्थ है तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलो में नही । यह आपको ओवरथिंकिंग से बचने और हर कार्य में अपना 100% देने के लिए प्रेरित करेगा ।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
श्रीमद्भगवद्गीता
3. प्रतिदिन योग करें
Overthinking से बचने का अगला उपाय यह है कि आप प्रतिदिन योग करें । प्रतिदिन योग करने से चित्त को शांति मिलती है और शरीर के साथ साथ दिमाग को नियंत्रण करने में मदद प्राप्त होती है । कई शोधों में यह पाया गया है कि योग करने से चिंता और तनाव के स्तर में कमी होती है, अंततः ओवरथिंकिंग से भी बचने में मदद मिलती है । इसलिए आपको सुबह सुबह रोजाना कम से कम 30 मिनट के लिए योगाभ्यास करना चाहिए ।
प्राणायाम, हठ योग, विन्यास योग कुछ प्रमुख योगाभ्यास हैं जिन्हें आपको रोज सुबह करना चाहिए । योग आपको हमेशा सुबह के वक्त लगभग 5 बजे, शांत वातावरण में करने की कोशिश करनी चाहिए । इससे आप बाहरी कोलाहल से बच सकेंगे और अपना पूरा ध्यान एक जगह केंद्रित कर सकेंगे । खासकर कि प्राणायाम आपको ज्यादा सोचने की परेशानी से बचाने का सबसे उत्तम तरीका है ।
4. खुद को Distract करें
Overthinking से बचने का अगला तरीका है कि आप खुद को Distract करना शुरू कर दें । जब भी नकारात्मक विचार आपके दिमाग में घर बनाने लगें तो तुरंत ही खुद को किसी न किसी क्रियाकलाप में लगा दें । उदाहरण के तौर पर आप दोस्तों से मिल सकते हैं, कोई किताब पढ़ सकते हैं, फिल्म देख सकते हैं और सबसे बेहतर वर्कआउट कर सकते हैं ।
ऐसा करने से आप काफी हद तक खुद को ज्यादा सोचने की समस्या से बचा सकेंगे । एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि ओवरथिंकिंग आमतौर पर वे करते हैं जिनके पास देर तक सोचने के लिए पर्याप्त समय होता है । जो कोई नौकरी कर रहे हैं, कोई व्यवसाय चला रहे हैं या खुद को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए Skill Development कर रहे हैं, उनको Overthinking का न के बराबर सामना करना होता है ।
अगर आपके पास कुछ भी काम करने को नहीं है तो यूट्यूब की ही मदद से कुछ सीखना शुरू कर दें जैसे Cooking, Coding, Content Writing आदि । आप पाएंगे कि जैसे जैसे आप खुद को productive कामों में लगा रहे हैं, ज्यादा सोचने की समस्या से आपको छुटकारा मिल रहा है ।
5. Diary लिखना प्रारंभ करें
अक्सर हमारे दिमाग में कई उलजुलूल के ख्याल आते हैं । कई बार हम सोचते हैं कि मेरे जीवन में कुछ भी नहीं है, मैं अकेला हूं, मेरा कोई साथ नहीं देता, मेरे जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं है आदि । इस परिस्थिति में सबसे अच्छा होता है Gratitude Journal लिखना । यह एक प्रकार की पर्सनल डायरी है जिसमें आप उन चीजों या लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिनकी वजह से आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है ।
रोजाना रात को डायरी लिखने की आदत डालने की वजह से आप अपने दिमाग के विचारों को निकाल कर पन्नों पर उतार सकते हैं । डायरी लिखना अपने विचारों को नियंत्रित करने और उन्हें व्यक्त करने का भी एक अच्छा तरीका है । रोजाना डायरी लिखने से आप पाएंगे कि धीरे धीरे आपकी Overthinking के लेवल में गिरावट हो रही है ।
6. सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम करें
सिर्फ Overthinking से बचने के लिए ही नहीं बल्कि अपने समय का सही इस्तेमाल करने का भी एक बढ़िया तरीका है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद कर दें । सोशल मीडिया न सिर्फ आपका बहुमूल्य समय बरबाद करता है बल्कि ओवरथिंकिंग को बढ़ावा भी देता है । हर तीसरा पोस्ट आपके दिमाग को अनियंत्रित करने के लिए काफी होता है ।
सोशल मीडिया आपको खुद के प्रति हीन भावना भरने के लिए जिम्मेदार होता है । जब आप सोशल मीडिया पर जाकर दूसरों को अपने जीवन में कुछ ऐसा करते देखते हैं जो आप नहीं करते, तो आपका दिमाग तुरंत तरह तरह की चीजें सोचने लगता है । आप सोचने लगेंगे कि मैं पीछे तो नहीं रह जाऊंगा, जिसे FOMO भी कहते हैं । यानि आप वाकई अपनी स्तिथि बेहतर करने के लिए नहीं कुछ करते, बस सोचने लगते हैं ।
इसके अलावा Political Content भी सोशल मीडिया की जान बन चुका है । अब प्रेम कविताएं लिखने वाला भी राजनीति आधारित पोस्ट करता है और राजनीति से जुड़े ज्यादातर पोस्ट नकारात्मक होते हैं । सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद करने से आप नकारात्मकता से भी बच सकते हैं और अपने दिमाग को Productive Work में लगा सकते हैं ।
7. अपने विचारों को चुनौती देना शुरू करें
जैसे ही आपको लगने लगता है कि आपके दिमाग में नकारात्मक विचार आ रहे हैं या आप लंबे समय से सिर्फ सोच रहे हैं, तो तुरंत उन्हें चुनौती देना शुरू करें । इसका प्रोसेस बड़ा ही सरल है:
- सबसे पहले नकारात्मक विचारों की पहचान करें
- अब खुद से ही पूछें कि उन विचारों का क्या औचित्य है, क्या ये आपकी सिर्फ ख्याली पुलाव हैं
- आपके साथ जो भी हुआ या जो भी विचार हैं, उन्हें सकारात्मक नजरिए से देखने की कोशिश करें
- खुद से सिर्फ सकारात्मक पहलुओं और संभावनाओं पर ही बात करें
- समस्या के बजाय समाधान पर फोकस करें
ये 5 Steps अपनाकर आप धीरे धीरे ही सही Overthinking को मात दे सकते हैं और इससे हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं । ध्यान दें कि सारा खेल तो सिर्फ विचारों का ही तो हैं, तो क्यों न सकारात्मक सोचने की कोशिश की जाए ।
8. खुद के साथ दूसरों के लिए सीमाएं तय करें
कई बार Overthinking खुद के वजह से नहीं बल्कि किसी अन्य के वजह से होती है । दूसरे कोई नकारात्मक बात बोल देंगे और आप दिनभर सिर्फ और सिर्फ उसके ही बार में सोचते रहेंगे । इससे बचने के लिए आपको खुद के साथ साथ दूसरों की सीमाएं भी तय करनी चाहिए । सीमाएं तय करना अर्थात उन्हें नियंत्रण करना । आप कब और क्या सोचेंगे, इसकी सीमा तय करें और उसपर दृढ़ रहें ।
इसके अलावा सामने वाला व्यक्ति आपसे क्या कहेगा या किस हद तक कहेगा, इसकी भी सीमा तय कर सकते हैं । नकारात्मक लोगों से दूरी बनाना, उन्हें आवश्यकतानुसार ना कहना और उनकी उनकी हदें याद दिलाना कई बार जरूरी होता है । इससे आप नकारात्मक ऊर्जा से बच सकते हैं और अपना ध्यान अच्छे कार्यों में लगा सकते हैं ।
9. भरोसेमंद लोगों से बात करें
सबसे पहले बात यह है कि Overthinking कोई बीमारी नहीं है इसलिए इसपर आप डॉक्टर के अलावा अन्य किसी भी भरोसेमंद व्यक्ति से बात कर सकते हैं । यह आपका कोई बेहद खास मित्र हो सकता है, परिवार का कोई भरोसेमंद सदस्य हो सकता है, आपके शिक्षक हो सकते हैं । आपको एक बार कोशिश जरूर करनी चाहिए उनसे बात करने की, आपको अवश्य ही सही गाइडेंस मिलेगी ।
सिर्फ बात कर लेना भर ही कई समस्याओं का निदान हो सकता है, इसलिए ओवरथिंकिंग पर किसी खास से एक बात बात करें और उनसे सलाह लें । जब आप उन्हें अपनी समस्या बताएंगे तो उसे समस्या का हल या उसको लेकर अपना अलग नजरिया रखेंगे । इससे आपको समझ आएगा कि आप जिस चीज के बारे में नकारात्मक सोच रहे हैं, उसके सकारात्मक पहलू भी हैं । आप ThinkRight.me ऐप की मदद भी ले सकते हैं ।
10. गहरी सांसे लें और ठंडा पानी पिएं
यह पढ़ने में आपको शायद बेतुका लगा सकता है पर यह तरीका बड़े काम का है । Overthinking, Anxiety, Depression और Anger जैसी कई परिस्थितियों में तेज गहरी सांसें लेना और ठंडा पानी पीना आपके दिमाग को शांत करने के लिए कारगर है । इसके अलावा आप ठंडे पानी से नहा भी सकते हैं, एक दो घंटे की नींद भी ले सकते हैं । ये आपके गुस्से और जरूरत से ज्यादा सोचने की इंटेंसिटी को कम करने में मदद करते हैं ।
ठंडा पानी कई परिस्थितियों में सहायक साबित होता है । कई शोध परियोजनाओं में इसका अच्छा सबूत है कि आइस थेरेपी कुछ मनोवैज्ञानिक स्थितियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है । आपके द्वारा पीए जाने वाले पानी की मात्रा चिंता के अलावा आपके मूड के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित कर सकती है । इसलिए सही मात्रा में ठंडा पानी पीना, नहाना और एक दो घंटे की नींद लेना आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचा सकता है ।
FAQs on Overthinking in Hindi
1. ओवरथिंकिंग कैसे खत्म करें ?
ओवरथिंकिंग खत्म करने के लिए आपको रोज योगाभ्यास, मेडिटेशन और वर्कआउट करना चाहिए । इसके साथ ही सोशल मीडिया से दूरी बनाना, डायरी लिखना, अपने विचारों को चुनौती देना, भरोसेमंद लोगों से बात करना आपकी ओवरथिंकिंग को खत्म करने में सहायक साबित हो सकता है ।
2. ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए ?
ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति को रोजाना सुबह शांत वातावरण में बैठकर Mindfulness Meditation करना चाहिए । इसके अलावा खुद को उत्पादक गतिविधियों में व्यस्त रखना ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति के लिए सहायक साबित हो सकता है ।
3. ज्यादा सोचने से कौनसी बीमारी होती है ?
ज्यादा सोचने से सीधे तौर पर कोई बीमारी नहीं होती लेकिन परोक्ष रूप से Depression, Anxiety और यहां तक की दिल की बीमारी भी हो सकती है । ऐसा इसलिए क्योंकि नकारात्मक सोचने और एंजायटी में Cortisol Hormone रिलीज होता है जो उच्च रक्तचाप के लिए भी जिम्मेदार होता है ।
4. क्या ओवरथिंकिंग को रोका जा सकता है ?
जी हां, रोजाना योग, मेडिटेशन और वर्कआउट की मदद से Overthinking को रोका जा सकता है । साथ ही दिमाग में यह बात रखना कि कर्म ही आपके अधीन है, उसका फल नहीं, यह आपको प्रोडक्टिव थिंकिंग में मदद करता है ।