Digital Economy में नित नए नए बदलाव आते जा रहे हैं और Finance Technology का विस्तार होता जा रहा है । आने वाले समय में Finance Technology का स्वरूप आज से कई गुना बड़ा होगा । इसी फाइनेंस टेक्नोलॉजी में अक्सर एक टर्म की चर्चा की जाती है जोकि है POS Transaction । आपने भी अक्सर इस टर्म के बारे में इंटरनेट पर सुना या पढ़ा होगा ।
क्या आपको पता है कि हम सभी लगभग रोज ही POS के साथ इंटरेक्ट करते हैं । खासकर कि अगर आप डिजिटल ट्रांजेक्शन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं तो आप पीओएस ट्रांजेक्शन को ही बढ़ावा दे रहे हैं । ऐसे में इसके बारे में जानना काफी रोचक होगा और आवश्यक भी । हम इस टर्म से जुड़े निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर आपको इस आर्टिकल में देंगे:
- POS Transaction क्या है ?
- पीओएस ट्रांजेक्शन के उदाहरण
- इसके विभिन्न प्रकार
- यह काम कैसे करता है ?
- इसके फायदे क्या हैं ?
POS Transaction क्या है ?
POS का फुल फॉर्म Point of Sale होता है तो वहीं पीओएस ट्रांजेक्शन तब होता है जब किसी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मदद से वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान किया जाता है । कह सकते हैं कि पीओएस न सिर्फ लेनदेन में मदद करता है बल्कि किसी व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने और मैनेज करने में मदद करता है ।
मान लेते हैं कि आप कपड़े की शॉपिंग के लिए किसी दुकान या मॉल में गए । यहां आपने कुछ कपड़े खरीदे और उनकी पूरी कीमत ₹4,000 हुई । अब आप कपड़ों का भुगतान करने के लिए UPI, Debit Card, Credit Card का इस्तेमाल करेंगे । तो इस परिस्थिति में यह ऑनलाइन पीओएस ट्रांजेक्शन कहलाएगा । लेकिन अगर आप दुकानदार को कैश देते हैं तो इसे हम ऑफलाइन पीओएस ट्रांजेक्शन कहलाएगा ।
खासकर कि स्कूलों, रेस्टोरेंट जैसे जगहों पर जब आप फीस जमा करते हैं या भोजन करते हैं तो उन्हें कार्ड या कैश से भुगतान करते हैं । आपने अक्सर देखा होगा कि अगर आप अपना डेबिट कार्ड उन्हें पेमेंट के लिए देते हैं तो वे आपके डेबिट कार्ड को एक छोटी से स्वाइपिंग महीने में स्वाइप करते हैं । इस तरह आपके बैंक खाता से रुपए कटकर उनके बैंक खाता में चला जाता है । यह एक POS Transaction ही कहलाएगा ।
Types of POS Transaction
POS Transaction के मुख्य रूप से कुल 3 प्रकार होते हैं । पीओएस ट्रांजेक्शन को वर्गीकृत उस आधार पर किया जाता है कि उसे किस माध्यम की मदद से पूरा किया गया । चलिए इसे आसान तरीके से समझते हैं ।
1. Online POS Transaction
आज के दौर में Online POS Transaction सबसे आम बात हो गई है । अब ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन ही वस्तुओं या सेवाओं को खरीदकर उनका भुगतान कर रहे हैं । आपने कभी न कभी Swiggy, Flipkart, Amazon Prime आदि का इस्तेमाल किया ही होगा । इनसे सामान मंगवाने या सेवा का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले आपको एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है ।
ऐसे में आप अपने UPI, Debit Card या Credit Card की मदद से इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भुगतान करते हैं । भुगतान करने के पश्चात आपको कुछ समय पश्चात आपकी वस्तु या सेवा प्राप्त हो जाती है और आपके रुपए कम्पनी के अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं । यह प्रक्रिया थोड़ा समय अवश्य लेती है क्योंकि इसमें सबसे पहले पेमेंट ऑथराइज की जाती है और फिर प्रोसेसिंग होता है ।
2. Offline POS Transaction
दूसरे स्थान पर Offline POS Transaction आता है जिसमें आप ऑफलाइन रुपए भुगतान करते हैं । उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि आप किसी रेस्टोरेंट में स्वादिष्ट भोजन करते हैं । भोजन करने के उपरांत आपके पास ₹1200 का बिल आता है । ऐसे में आप कैश काउंटर पर जाते हैं और तुरंत ही कैश का भुगतान करते हैं ।
जब आपके डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या कैश लेनदेन को ऑफलाइन सिस्टम की मदद से प्रोसेस किया जाता है तो इसे offline POS Transaction कहा जाता है । आपके डेबिट कार्ड को जब किसी ऑफलाइन स्विपिंग मशीन पर स्वाइप करके आपके खाते से रुपए काटे जाते हैं तो यह ऑफलाइन पीओएस ट्रांजेक्शन कहलाता है ।
POS Transaction काम कैसे करता है ?
अबतक आप अच्छे से समझ चुके हैं कि POS Transaction क्या है । अब हम जानेंगे कि यह काम कैसे करता है । अगर आपके मन में भी कभी यह प्रश्न आया है कि आखिर आपके बैंक खाते से रुपए कैसे कटकर सामने वाले के बैंक खाता में चले जाते हैं या स्वाइप मशीन की मदद से रूपए कैसे कटते हैं तो आपको इस जानकारी पर ध्यान देना चाहिए ।
जब आपके Debit Card या Credit Card का इस्तेमाल किसी सेवा या वस्तु के बदले में भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो POS Terminal का काम शुरू होता है । Point of Sale Terminal सबसे पहले आपके कार्ड पर दिए Magnetic Strip को पढ़ने का काम करता है । आपके कार्ड में पीछे की तरफ एक काली पट्टी लगी होती है, यह मैग्नेटिक स्ट्रिप होता है ।
POS इसे ही पढ़कर चेक करता है कि आपके बैंक खाता में भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि मौजूद है या नहीं । इसके बाद Payment Authorisation किया जाता है और चेक किया जाता है कि यह ट्रांजेक्शन सही है या नहीं । फिर Payment Inititate किया जाता है और अंत में भुगतान सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है ।
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POS Transaction के फायदे
POS Transaction के कई फायदे हैं । यह न सिर्फ आपके लेनदेन की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाता है बल्कि इससे त्रुटियां होने की संभावना भी न के बराबर हो जाती है । आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से POS Machines Buy भी कर सकते हैं । चलिए जानते हैं कि पीओएस ट्रांजेक्शन के क्या फायदे हैं:
1. पीओएस ट्रांजेक्शन का पहला फायदा यह है कि यह लेनदेन की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाता है । लेनदेन की प्रक्रिया में ही Cash Amount, Transafer Details आदि को क्रॉस चेक किया जाता है ताकि आप गलत राशि या गलत खाता में रुपए न ट्रांसफर कर दें ।
2. POS Transaction पूरी तरह से एरर फ्री भी होते हैं । यह आपको मौजूदा डाटा को सही ढंग से समझने और स्टडी करने की सहूलियत देता है ।
3. इसकी मदद से आप अपने सभी लेनदेन पर भी नजर रख पाते हैं । इसकी मदद से आप कुल Income और Expenditure को भी कैलकुलेट करने में मदद मिलती है ।
Conclusion
POS System और POS Transaction दोनों अलग अलग होती हैं । पीओएस सिस्टम जहां लेनदेन की प्रक्रिया और इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करता है तो वहीं पीओएस ट्रांजेक्शन इस प्रक्रिया को आसान बनाता है और संबंधित डाटा को स्टोर भी करता है । यह लेनदेन की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाता है और साथ ही यह error free भी होता है ।
उम्मीद है कि आप POS Transaction Meaning in Hindi समझ गए होंगे । अगर आपके मन में इस विषय से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । इसके साथ ही अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें ।