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    Home – Storytelling in Hindi – कहानी सुनाने की कला कैसे विकसित करें
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    Storytelling in Hindi – कहानी सुनाने की कला कैसे विकसित करें

    Tomy JacksonBy Tomy Jackson9 February 2024No Comments12 Mins Read
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    Storytelling kya hai
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    प्राचीन समय से ही जानकारियों के सरल प्रवाह के लिए Storytelling की मदद ली जाती रही है । कहानी सुनाना यानि स्टोरी टेलिंग एक कला है । यह शब्दों, ध्वनियों और छवियों के उपयोग के माध्यम से विचारों, अनुभवों और भावनाओं को संप्रेषित करने का एक जबरदस्त तरीका है । इसकी मदद से अगर किसी जानकारी को संप्रेषित किया जाता है तो सामने वाला व्यक्ति ज्यादा बेहतर से जानकारी ग्रहण कर पाता है ।

    आपने भी गौर किया होगा कि स्कूलों में दो प्रकार के शिक्षक होते हैं । पहले वे जो सिर्फ किताब खोलकर एक ढर्रे पर सारी जानकारियां लिखवाते पढ़ाते हैं । तो वहीं दूसरे वे जो अपने विषय से संबंधित कोई किस्सा सुनाते हैं और आपने देखा होगा कि जो किस्सा सुनाकर पढ़ाते हैं, उनकी कक्षा ज्यादा रोचक होती है और छात्र जल्दी सीख भी रहे होते हैं ।

    Storytelling का अगला उदाहरण भी देख लीजिए । एक छात्र इतिहास की कक्षा में काफी उबाऊ महसूस करता है लेकिन उसी विषयों पर मौजूद यूट्यूब विडियोज को बड़े ही चाव से देखना पसंद करता है । इसका कारण है कि यूट्यूब पर मौजूद शिक्षक उसी जानकारी को कहानियों के माध्यम से ज्यादा रोचक ढंग से समझाते हैं । तो आखिर यह कला है क्या और आप इसमें माहिर कैसे हो सकते हैं, चलिए समझते हैं ।

    Storytelling क्या है ?

    Storytelling यानि कहानी कहना एक कला है जिसकी मदद से विचारों, अनुभवों और भावनाओं का संप्रेषण ज्यादा आसानी से और रोचक ढंग से हो पाता है । इसके लिए कहानीकार शब्दों, ध्वनियों और छवियों की मदद लेता है । इसकी मदद से संप्रेषित जानकारी ज्यादा प्रभावी और रोचक होती है ।

    कहानी कहने की कला की सबसे खास बात यह है कि सामने वाला व्यक्ति सबकुछ आपके नजरिए से देखने लगता है । ऐसे में अगर आप कहानी कहने की कला में माहिर हैं तो अपने श्रोताओं या पाठकों द्वारा भविष्य में की जाने वाले कार्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं ।

    इस कला का उपयोग आप शिक्षा से लेकर मार्केटिंग तक, लगभग हर क्षेत्र में कर सकते हैं । आपकी कहानी में होने चाहिए कुछ किरदार, एक बढ़िया विषय, किरदारों के समक्ष कुछ दिक्कतें और फिर संघर्ष । अंत में संघर्ष का नतीजा होगा कि दिक्कतों का समाधान मिल जायेगा और कहानी खत्म । सुनने में यह जितना आसान लग रहा है, उतना है नहीं । इसलिए Storytelling Art सीखने में यह आर्टिकल आपकी मदद करेगा ।

    एक अच्छी कहानी कैसी होनी चाहिए ?

    Storytelling समझने से पहले आपको समझना होगा कि आखिर एक अच्छी कहानी कैसी होनी चाहिए । यह जरूरी है कि आप सबसे पहले समझें कि एक अच्छी कहानी के क्या गुण होते हैं । ताकि आप इसी हिसाब से एक अच्छी कहानी तैयार कर सकें और उसे दूसरों को सुना सकें ।

    1. एक बढ़िया सा शीर्षक

    किसी भी कहानी का एक आकर्षक शीर्षक होना जरूरी है ताकि पाठक या श्रोता को यह अंदाजा लग जाए कि उसे क्या सुनने पढ़ने को मिलेगा । अक्सर यह देखा गया है कि लोगों की कहानियां या सामग्री तो काफी अच्छी होती है लेकिन उसका शीर्षक बिलकुल भी आकर्षक नहीं होता है । ऐसे में श्रोता या पाठक आपकी पूरी कहानी को नजरंदाज कर सकता है ।

    कहानी के लिए बढ़िया सा शीर्षक तैयार करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

    • कहानी का मुख्य विषय
    • कहानी का उद्देश्य
    • कहानी के भावी पाठक या श्रोताओं की श्रेणी
    • कहानी के रोचक पात्र
    • कहानी का रोचक अंत

    2. एक बढ़िया विषय

    आपकी कहानी का एक बढ़िया विषय होना भी बहुत जरूरी है । बालश्रम से लेकर गृहयुद्ध तक, आपकी कहानी का मुख्य विषय कुछ भी हो सकता है लेकिन आपको उसी विषय का चुनाव करना चाहिए जिसमें आप सहज हों । हमारा मानना है कि आपको उन विषयों को हाथ लगाने से बचना चाहिए जिनपर आपकी जानकारी काफी कम है ।

    किसी भी विषय पर कहानी लिखने से पहले आपको काफी रिसर्च करना चाहिए । आप इंटरनेट और अन्य किताबों की मदद से बढ़िया विषय की तलाश कर सकते हैं । खासकर कि आपको उन विषयों को चुनना चाहिए जो कहानिकारो द्वारा कम ही चुने गए हों ।

    3. रोचक किरदार

    Storytelling में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं किरदार, जिनकी मदद से आप संवाद बोलते हैं और भावनाएं प्रकट करते हैं । ऐसे में आपकी कहानी के किरदार काफी रोचक होने चाहिए । खासकर कि आपको दो किरदारों नायक और खलनायक पर विशेष ध्यान देना चाहिए । किसी कहानी में जान डालने के किया यही दो किरदार सबसे मुख्य होते हैं और इन्हें अगर आप रोचक बनाते हैं तो आपकी कहानी सुपरहिट कहलाएगी ।

    हालिया फिल्मों Avengers End, Joker और Ra-One को देखते हुए अगर आप अपने विलेन किरदार को ज्यादा दमदार और रोचक बनाएं तो ज्यादा बेहतर होगा । दरअसल अब लोग दमदार हीरो और कमजोर विलेन वाले कांसेप्ट से ऊब चुके हैं । इसलिए आपको पूरे रिसर्च के साथ कहानी के किरदारों को तैयार करना चाहिए ।

    4. समाधान योग्य न लगने वाली समस्या

    अगर आप अपनी Storytelling में कुछ नयापन लाना चाहते हैं तो कोशिश करें कि आपकी कहानी की मुख्य समस्या काफी जटिल हो । ऐसा करने से आपके श्रोता और पाठक भी कहानी का हल ढूंढना शुरू कर देंगे यानि कहानी में ही घुल मिल जायेंगे । आपकी समस्या इतनी जटिल होनी चाहिए कि नायक को उसका हल ढूंढने में पसीने छूट जाएं ।

    इसके अलावा आपकी कहानी की समस्या कहानी के विषय से भी मिलती जुलती होनी चाहिए । ऐसा न हो कि आपकी कहानी का विषय भुखमरी हो और आपकी कहानी की मुख्य समस्या अपराध बन जाए ।

    5. हैरान करने वाला अंत

    आपकी कहानी का अंत हैरान करने वाला होना चाहिए । इसके साथ ही आपकी कहानी का अंत कुछ इस प्रकार होना चाहिए जो किसी श्रोता या पाठक ने कल्पना न की हो, उदाहरण के तौर पर Drishyam 2 फिल्म को आप ले सकते हैं । फिल्म का अंत कुछ ऐसा हो जैसे लगे कि अब समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता और नायक अब कुछ नहीं कर सकता ।

    लेकिन तभी अचानक से जैसे चमत्कार हुआ हो, समस्या का अनोखा समाधान मिल जाए और नायक दोबारा से अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए प्रकट हो जाए । लेकिन ऐसा भी न हो कि आप Storytelling में anti-climax जोड़ दें । Anti-climax यानि कहानी का अंत कुछ ऐसा जो तर्कसंगत ही न हो । अंत पूरी तरह से तर्कसंगत ही होना चाहिए ।

    Storytelling की प्रक्रिया क्या है ?

    अबतक आप अच्छे से समझ चुके हैं कि Storytelling is an art यानि कहानी सुनाना एक कला है । लेकिन इस कला का अभ्यास करना है आपको । इसके लिए आपका स्टोरीटेलिंग की पूरी प्रक्रिया जानना बहुत जरूरी है । इस कला में महारत हासिल करने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:

    1. तय करें कि आपको सुनने या पढ़ने वाले कौन हैं

    चाहे आप कहानी लिख रहे हों या सुना रहे हों, सबसे पहले यह तय करना महत्वपूर्ण होता है कि आपको पढ़ने सुनने वाले आखिर हैं कौन ? जब आप यह तय कर लेंगे कि आपकी ऑडिएंस कौन हैं तो आप उनके हिसाब से कहानी लिख या सुना सकेंगे । क्या आपकी ऑडिएंस 18 वर्ष से कम उम्र की है या 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की ?

    ऐसे ही कई प्रश्न आप खुद से पूछकर तब एक अच्छी से कहानी तैयार कर सकते हैं । अगर आपको पता चल जायेगा कि आपकी ऑडिएंस 10 वर्ष के बच्चे हैं तो आप उन्हें अवश्य ही कोई युद्ध और रोमांस से भरपूर कहानी नहीं सुनाएंगे ।

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    2. अपनी कहानी का उद्देश्य तय करें

    Audience तय करने के पश्चात कहानी का संदेश भी आपको तय करना है । आप अपनी कहानी से पाठकों या श्रोताओं को क्या संदेश देना चाहते हैं, यह तय करना महत्वपूर्ण है । क्या आप चाहते हैं कि आपकी ऑडिएंस आपका कोई उत्पाद खरीदे या आपका सब्सक्रिप्शन संख्या बढ़े ? क्या आप सिर्फ एक संदेश श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं ?

    अगर आप इन प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं तो इसी आधार पर फिर आपको अपनी कहानी तैयार करनी होगी । उद्देश्य तय करने के पश्चात कहानी को तैयार करना आपके लिए ज्यादा आसान होगा ।

    3. भावनाओं के साथ खेलें

    Storytelling तभी प्रभावी होती है जब आप श्रोता या पाठक की भावनाओं के साथ खेलने में कामयाब होते हैं । जब तक आपकी कहानी सुनने वालों की भावनाओं को उच्च स्तर तक ले जाने में कामयाब नहीं होती है, समझ लीजिए आपकी स्टोरीटेलिंग का स्टार बेहतर नहीं है ।

    अगर आप अपनी कहानी के माध्यम से श्रोताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं तो कहानी और आपके बोलने के तरीके में परिवर्तन करना होगा । आपकी कहानी में दुख, करुणा, क्रोध, डर, भय आदि भावनाओं को जागृत करने वाले तत्व तो होने ही चाहिए, साथ ही उन तत्वों को सुनाते समय आपकी आवाज भी उसी प्रकार से होनी चाहिए । यह अभ्यास करने से बेहतर बनता चला जाता है ।

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    4. ज्यादा जानकारी देने से बचें

    आपने कई ऐसी फिल्में देखी होंगी जिनमें समय समय पर उबाऊ महसूस होने लगता है क्योंकि किसी एक ही किरदार या घटना पर जरूरत से ज्यादा फोकस किया जाता है । चरित्र चित्रण जरूरी है लेकिन एक कहानी में अन्य कई तत्व भी हैं जिन्हें पूरा करना आवश्यक है । खासकर कि अगर आप कहानी सुना रहे हैं तो यह काफी लंबी नहीं जानी चाहिए ।

    इसलिए कहानी के हर तत्वों पर आवश्यकतानुसार ध्यान देते हुए चलें । इससे आप सही समय के अंदर ही अपनी कहानी को समेट पाएंगे और श्रोताओं को उबाऊ महसूस करने से बचा लेंगे ।

    5. व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा करें

    Storytelling सिर्फ और सिर्फ काल्पनिक किरदारों के इर्द गिर्द बुनी गई घटनाओं को सुनाने तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए । बल्कि आपको भी अपने व्यक्तिगत अनुभवों को कहानी के बीच बीच में सांझा करना चाहिए । इससे सबसे पहली बात कि कहानी तर्कसंगत लगती है और दूसरे कि दर्शक भी आपके साथ ही कहानी से जुड़ाव महसूस कर पाते हैं ।

    कहानी के कई ऐसे हिस्से होते हैं जिनसे संबंधित आपके भी अनुभव अवश्य हुए होंगे । कुछ ऐसी बातें भी होती हैं जो लगभग सभी जानते हैं, सबकी यादों में शामिल होती हैं । उन यादों और बातों को भी कहानी सुनाते समय जोड़ना कहानी सुनाने और सुनने की प्रक्रिया को ज्यादा रोचक बनाता है । इसका बढ़िया उदाहरण देखना हो तो यूट्यूब पर Ted Talks मौजूद हैं ।

    Storytelling के लिए ध्यान रखने वाली बातें

    Storytelling करने से पहले और करते समय आपको कुछ बेहद ही जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए । इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी कहानी को ज्यादा प्रभावी ढंग से सुना पाएंगे और श्रोताओं तक संदेश को पहुंचा पाएंगे ।

    • आईने के सामने कहानी सुनाने का अभ्यास करें
    • आपकी कहानी में किसी प्रकार की अशुद्धि नहीं होनी चाहिए
    • अनजान दर्शकों को कहानी सुनाने से पहले अपने मित्रों जान पहचान के लोगों को सुनाएं और Feedback लें
    • कहानी को तार्किक अवश्य बनाएं ताकि यह सुनने में अजीब न प्रतीत हो
    • कहानी का अंत बिल्कुल भी दर्शकों की उम्मीदों के अनुरूप न हो, इसका भी ध्यान रखें
    • कहानी के हिसाब से बीच बीच में कुछ क्षण के लिए रुकना, कभी कभार जल्दी जल्दी बोलना फिर सामान्य गति से बोलने पर दर्शक वाकई कहानी में रुचि लेंगे
    • कहानी सुनाने के लिए खुद का एक तरीका विकसित करें और उसे कभी न छोड़ें । यह तरीका कुछ ऐसा हो जो आपकी पहचान से जुड़ जाए
    • देश दुनिया के महान कहानिकारों को सुनें, समझें और उनसे सीखें । अगर आप हिंदी में Storytelling करते हैं तो दिव्य प्रकाश दुबे, मानव कौल, निलोत्पाल मृणाल आदि को जरूर सुनें

    Storyteller कैसे बनें ?

    अगर आप Storyteller बनना चाहते हैं और कहानियां सुनाने के पुण्यकर्म में हाथ बंटाना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है अभ्यास । सबसे पहले ज्यादा से ज्यादा कहानिकारों को पढ़ें, सुनें और इनपर रिसर्च करें । इसके बाद खुद कहानी सुनाने का एक अद्वितीय तरीका बनाएं और अंत में बार बार अभ्यास की मदद से आप कहानियां सुना सकते हैं ।

    हम आपको सलाह देते हैं कि किसी भी मंच पर जाने से पहले Storytelling की शुरुआत अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या जान पहचान के लोगों से करें । इन्हें अपनी कहानियां सुनाएं और Feedback लें । फीडबैक की मदद से खुद में सुधार करें और स्टोरीटेलिंग की कला को निखारते जाएं ।

    जब आपको लगने लगे कि आपमें वाकई सुधार हुआ है तो छोटे छोटे मंचों से कम दर्शकों या श्रोताओं को कहानी सुनाने की शुरुआत करें । अगर आप फिलहाल एक छात्र हैं तो स्कूल या कॉलेज में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं । अपने हिंदी शिक्षक के साथ मिलकर आप अपनी स्टोरी टेलिंग की कला पर फीडबैक ले सकते हैं ।

    आज इंटरनेट का जमाना है और इसलिए आप खुद की Podcast भी शुरू कर सकते हैं । इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्म पर खुद का चैनल सेटअप करके कहानियां सुनाने का सिलसिला शुरू कर सकते हैं । अगर आप स्टोरीटेलिंग को बारीकी से सीखना चाहते हैं तो Storytelling Course भी कर सकते हैं ।

    FAQs

    1. स्टोरी टेलिंग को हिंदी में क्या कहते हैं ?

    स्टोरी टेलिंग को हिंदी में कहानी सुनाने की कला कहते हैं । इसकी मदद से अनुभवों और भावनाओं को ज्यादा प्रभावी और रोचक तरीके से संप्रेषित किया जाता है ।

    2. स्टोरी टेलर कैसे बने ?

    अगर आप एक बढ़िया स्टोरीटेलर बनना चाहते हैं तो निम्नलिखित स्टेप्स आपको ध्यान में रखना चाहिए:
    1. अपने परिचितों को अपनी कहानियां सुनाएं और फीडबैक लें
    2. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी कहानियां सुनाएं
    3. खुद का एक Podcast शुरू करें
    4. ढेरों कहानिकारों को सुनें और पढ़ें
    5. Storytelling Course करें
    6. बार बार आईने के सामने खड़े होकर अभ्यास करें
    7. कभी भी गलतियां करने से न घबराएं
    8. असफल होने से न डरें और आत्मविश्वास बनाए रखें

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