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    Home – 17+ Best Hindi Poets – हिंदी के महान कवि और उनकी कविताएं
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    17+ Best Hindi Poets – हिंदी के महान कवि और उनकी कविताएं

    Tomy JacksonBy Tomy Jackson9 February 2024Updated:9 February 2024No Comments22 Mins Read
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    Best Hindi Poets List
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    भारत में सदियों से काव्य परंपरा चली आ रही है । सबसे पहले संस्कृत के महान कवियों ने काव्य रचनाओं से जन जन तक अपना संदेश पहुंचाया, इसके बाद ब्रज, अवधि, खड़ी बोली जैसी अन्य कई भाषाओं में काव्य रचनाएं की गईं । देश के Best Hindi Poets ने लगभग सभी विषयों पर कविताएं लिखी हैं जो पाठक के मन में ऊर्जा का संचार करती हैं ।

    साथ ही कविताओं का सबसे बड़ा महत्व यह है कि ये हमें अलग अलग नजरिए से सोचने के लिए सक्षम बनाती हैं । हिंदी के महान कवियों ने अपनी कल्पना शक्ति और अनुभवों के आधार पर ऐसी ऐसी कविताएं भी लिखी हैं जिन्होंने पाठकों को क्रांति करने तक के लिए उत्साहित किया है । इस लेख में हम उन्हीं हिंदी के लोकप्रिय कवियों के बारे में बात करेंगे ।

    सबसे पहले आपको Hindi Poets की जीवनी संक्षेप में प्रदान की जाएगी, इसके बाद उनकी प्रमुख कविताओं की सूची दी जायेगी । अंत में हम आपको उन श्रेष्ठ हिंदी कवियों की कोई एक सर्वश्रेष्ठ कविता के अंश भी आपको पढ़ने के लिए देंगे । आर्टिकल के अंत में आपको यह भी जानकारी दी जाएगी कि आप इन सभी कवियों की कविताएं कहां से बिल्कुल मुफ्त में पढ़ सकते हैं ।

    1. माखनलाल चतुर्वेदी

    4 अप्रैल 1889 को जन्मे माखनलाल चतुर्वेदी को हमेशा Great Hindi Poets की सूची में स्थान दिया जायेगा । इनकी कविताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त लोगों के दिल में जो आग की ज्वाला भरी, वह उल्लेखनीय है । इनकी कविताओं में ओजपूर्ण शब्दों का भरपुर इस्तेमाल किया गया है लेकिन इनकी भाषा सरल थी । इनकी कुछेक कविताओं को छोड़कर, अन्य सभी में देशभक्ति के भाव दिखलाई पड़ते हैं ।

    माखनलाल चतुर्वेदी को अंग्रेजी हुकूमत से बार बार लोहा लेने और अपने ओजपुर्ण लेखन के लिए हमेशा याद रखा जायेगा । इन्हें सन् 1963 में पद्मभूषण से भी अलंकृत किया गया था । इसके बाद सन् 1955 में माखनलाल जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । चलिए एक नजर डालते हैं उनकी कविताओं पर:

    • हिमकिरीटिनी
    • मरण ज्वार
    • हिम तरंगिणी
    • वेणु लो गूंजे धरा
    • बीजुरी काजल आँज रही
    • माता
    • समर्पण
    • युग चारण
    • पुष्प की अभिलाषा
    • कैदी और कोकिला

    कैदी और कोकिला

    क्या?-देख न सकती जंजीरों का गहना?
    हथकड़ियाँ क्यों? यह ब्रिटिश-राज का गहना,
    कोल्हू का चर्रक चूँ? -जीवन की तान,
    मिट्टी पर अँगुलियों ने लिक्खे गान?
    हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ,
    खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कूआ।
    दिन में कस्र्णा क्यों जगे, स्र्लानेवाली,
    इसलिए रात में गजब ढा रही आली?

    2. रामधारी सिंह दिनकर

    Best Hindi Poets की सूची में अगला नाम रामधारी सिंह दिनकर जी का नाम है जिनकी रचनाओं को एक बार हर कविता प्रेमी को पढ़नी चाहिए । 23 सितंबर, 1908 को जन्में दिनकर एक महान हिंदी कवि, लेखक और निबंधकार के रूप में जाने जाते हैं । इनकी राष्ट्रीयता और देशप्रेम से भरपूर काव्य रचनाओं को देखते हुए इन्हें युग चारण और काल के चारण की संज्ञा भी दी जाती है ।

    दिनकर जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है । इनकी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, परशुराम की प्रतीक्षा को गिना जाता है । महान राष्ट्र कवियों की सूची में अग्रणी स्थान रखने वाले रामधारी सिंह दिनकर ने हिंदी के उद्धार और इसे राष्ट्रभाषा बनाने के लिए भी मुखर थे । इनकी श्रेष्ठ रचनाएं इस प्रकार हैं:

    • रश्मिरथी
    • परशुराम की प्रतीक्षा
    • संस्कृत के चार अध्याय
    • रसवंती
    • हुंकार
    • कुरुक्षेत्र
    • इतिहास के आंसू
    • उर्वशी
    • सूरज का ब्याह
    • रश्मिलोक

    रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 1

    सच है, विपत्ति जब आती है,
    कायर को ही दहलाती है,
    शूरमा नहीं विचलित होते,
    क्षण एक नहीं धीरज खोते,
    विघ्नों को गले लगाते हैं,
    काँटों में राह बनाते हैं।
    मुख से न कभी उफ कहते हैं,
    संकट का चरण न गहते हैं,
    जो आ पड़ता सब सहते हैं,
    उद्योग-निरत नित रहते हैं,
    शूलों का मूल नसाने को,
    बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।

    3. महादेवी वर्मा

    Best Hindi Poets श्रेणी में अगला नाम महादेवी वर्मा जी का है जिन्हें एक महान छायावादी कवियित्री के तौर पर जाना जाता है । महादेवी वर्मा ने छायावादी युग में अपनी रचनाओं से उल्लेखनीय योगदान दिया है और उनकी कविताएं महिला सुधार और समाज सुधार पर केंद्रित रही हैं । 26 मार्च 1907 को जन्मी महादेवी वर्मा को विभिन्न कवियों ने अलग अलग संज्ञाएं भी दी ।

    महाकवि निराला महादेवी वर्मा को ‘हिंदी के विशाल मन्दिर की सरस्वती’ कहा तो वहीं इन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया । इनके उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए इन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गए । चलिए एक नजर उनकी रचनाओं पर डालते हैं ।

    • निहार
    • रश्मि
    • नीरजा
    • सांध्यगित
    • दीपशिखा
    • सप्तपर्णा
    • प्रथम आयाम
    • अग्निरेखा

    जो तुम आ जाते एक बार

    हँस उठते पल में आर्द्र नयन
    धुल जाता होठों से विषाद
    छा जाता जीवन में बसंत
    लुट जाता चिर संचित विराग
    आँखें देतीं सर्वस्व वार
    जो तुम आ जाते एक बार

    4. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

    बात प्रसिद्ध हिंदी कवियों की हो रही हो और उसमें सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का नाम न आए, ऐसा कदापि नहीं हो सकता । सूर्य की तरह हिंदी जगत में अपना प्रकाश फैलाने वाले सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को युगों युगों तक उनकी रचनाओं और कार्यों के लिए जाना जाएगा । महादेवी वर्मा की ही तरह निराला को भी छायावाद का स्तंभकार माना जाता है ।

    सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने सबसे पहले बांग्ला भाषा में लेखन आरंभ किया था लेकिन जल्द ही वे हिंदी के मोह में बंध गए । आधुनिक काल के कवियों में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है । इन्होंने कहानियां, उपन्यास और कुछ निबंध भी लिखे लेकिन जैसी ख्याति इन्हें कविताएं लिखने पर मिली, वैसी उन्हें अन्य विधाओं में न मिली । इनकी प्रमुख कविताएं कुछ इस प्रकार हैं:

    • अनामिका
    • परिमल
    • तुलसीदास
    • कुकुरमुत्ता
    • सरोज
    • बेला
    • नए पत्ते
    • राम की शक्ति पूजा

    वह तोड़ती पत्थर

    कोई न छायादार
    पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
    श्याम तन, भर बंधा यौवन,
    नत नयन, प्रिय-कर्म-रत मन,
    गुरु हथौड़ा हाथ,
    करती बार-बार प्रहार:-
    सामने तरु-मालिका अट्टालिका, प्राकार।
    वह तोड़ती पत्थर;
    देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर-
    वह तोड़ती पत्थर।

    5. जयशंकर प्रसाद

    30 जनवरी 1889 ई. में जन्में जयशंकर प्रसाद Best Hindi Poets में से एक हैं । इन्होंने न सिर्फ कविताएं बल्कि कई नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं । इनकी आरंभिक रचनाएं ब्रजभाषा में लिखी गई थीं लेकिन धीरे धीरे वे खड़ी बोली को अपनाते गए और खड़ी हिंदी में रचनाएं रचने लगें । जयशंकर प्रसाद जी ने ढेरों विभिन्न विषयों पर लिखा है जिनमें से प्रेम, सौंदर्य, देशप्रेम और प्रकृति चित्रण प्रमुख है ।

    महादेवी वर्मा जी की ही तरह ये भी छायावादी कवि थे । छायावाद लेखन में इनका उल्लेखनीय योगदान रहा है और इन्होंने इस लेखन विधा को आगे ले जाने का प्रयास भी किया । जयशंकर प्रसाद की भाषा, शिल्प, शैली सबकुछ गांभीर्य को ओढ़े हुए थी । उनकी प्रमुख कविताएं इस प्रकार हैं:

    • कामायनी
    • कानन कुसुम
    • महाराणा का महत्व
    • झरना
    • आंसू
    • लहर
    • प्रेम पथिक
    • आह! वेदना मिल गई

    आह! वेदना मिल गई

    आह! वेदना मिली विदाई
    मैंने भ्रमवश जीवन संचित,
    मधुकरियों की भीख लुटाई
    छलछल थे संध्या के श्रमकण
    आँसू-से गिरते थे प्रतिक्षण
    मेरी यात्रा पर लेती थी
    नीरवता अनंत अँगड़ाई

    6. सुमित्रानंदन पंत

    ज्ञानपीठ पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित अगले सर्वश्रेष्ठ Hindi Poet हैं सुमित्रानंदन पंत । इनका जन्म 20 मई 1900 को उत्तराखंड, भारत में हुआ था । महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की ही तरह सुमित्रानंदन पंत भी छायावादी कवि थे । हालांकि बाद में वे मार्क्सवादी विचारधारा के संपर्क में आकर प्रगतिवादी रचनाएं भी करने लगे थे ।

    सुमित्रानंदन पंत की अधिकतर कविताओं में प्रकृति का चित्रण है, इसलिए उन्हें प्रकृति का सुकुमार कवि भी कहा जाता है । पंत जी अपनी काव्य रचनाओं में भाषा के प्रति सचेत थे और शब्दों का उचित इस्तेमाल करने पर बल देते थे । इनका छायावाद लेखन इतना उत्कृष्ट था कि इन्हें छायावाद का विष्णु, छायावाद का प्रवर्तक और छायावाद के प्रतिनिधि कवि भी कहे जाते हैं । इनकी प्रमुख रचनाएं:

    • युगांतर
    • स्वर्ण किरण
    • कला और बूढ़ा चांद
    • सत्यकाम
    • मुक्ति यज्ञ
    • तारापथ
    • पतझड़
    • मेघनाथ वध

    याद

    बिदा हो गई साँझ, विनत मुख पर झीना आँचल धर,
    मेरे एकाकी आँगन में मौन मधुर स्मृतियाँ भर!
    वह केसरी दुकूल अभी भी फहरा रहा क्षितिज पर,
    नव असाढ़ के मेघों से घिर रहा बराबर अंबर!
    मैं बरामदे में लेटा, शैय्या पर, पीड़ित अवयव,
    मन का साथी बना बादलों का विषाद है नीरव!
    सक्रिय यह सकरुण विषाद, मेघों से उमड़ उमड़ कर
    भावी के बहु स्वप्न, भाव बहु व्यथित कर रहे अंतर !

    7. मैथिलीशरण गुप्त

    पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित मैथिलीशरण गुप्त हिंदी खड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि थे । गुप्त जी ने हिंदी भाषा के काव्य में अद्वितीय योगदान दिया है । इनका जन्म 3 अगस्त, 1886 को चिरगांव, झांसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था । उनके परवरिश में ही रामायण, महाभारत की कथाएं सम्मिलित थीं इसलिए आगे चलकर उनकी रचनाओं में भी महाकाव्यों के अंशों की विवेचना देखने को मिलती है ।

    महात्मा गांधी द्वारा उन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी गई थी क्योंकि उनकी रचनाएं राष्ट्रप्रेम से भरपूर थी । इसके अलावा इन्होंने देश की समसामयिक विषयों और मुद्दों को भी अपनी कविताओं के माध्यम से उठाया है । वे अपनी रचना भारत भारती की ही वजह से Best Hindi Poets की श्रेणी में अपना जगह बना पाए और आगे जाकर उन्होंने एक से बढ़कर एक रचनाएं लिखीं । उनकी प्रमुख रचनाएं:

    • भारत भारती
    • पंचवटी
    • साकेत
    • जयद्रथ वध
    • यशोधरा
    • द्वापर
    • झंकार
    • जयभारत

    नर हो, न निराश करो मन को

    कुछ काम करो, कुछ काम करो
    जग में रह कर कुछ नाम करो
    यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
    समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
    कुछ तो उपयुक्त करो तन को
    नर हो, न निराश करो मन को
    संभलों कि सुयोग न जाय चला
    कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
    समझो जग को न निरा सपना
    पथ आप प्रशस्त करो अपना
    अखिलेश्वर है अवलंबन को
    नर हो, न निराश करो मन को

    8. हरिवंशराय बच्चन

    हरिवंशराय बच्चन हिंदी भाषा के महान कवि थे । इन्हें हिंदी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में गिना जाता है । बच्चन जी की कविताओं की शैली एकदम अलग थी और इसलिए कई बार इन्हें आलोचना कभी शिकार होना पड़ा था । लेकिन इसी नई शैली की वजह से ही उन्हें नई सदी का रचयिता भी कहा गया ।

    हरिवंशराय बच्चन को हालावादी काव्य में अग्रणी माना जाता है । हिंदी काव्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए इन्हें साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार, पद्मभूषण से भी नवाजा गया था । इनकी कविताओं को आज भी लोगों की जुबां से गुनगुनाते हुए सुना जा सकता है । खुद इनके पुत्र अमिताभ बच्चन ने भी अपने पिता की कविताओं को आवाज देने का काम किया है । इनकी प्रमुख रचनाएं हैं:

    • मधुशाला
    • मधुबाला
    • मधुकलश
    • मिलन यामिनी
    • प्रणय पत्रिका
    • निशा निमंत्रण
    • दो चट्टानें
    • हलाहल

    मधुशाला

    मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला,
    प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला,
    पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा,
    सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला ।।

    प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,
    एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला,
    जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,
    आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला ।।

    9. सुभद्राकुमारी चौहान

    जब भी Best Female Hindi Poets की बात आती है तो सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम स्वतः ही सामने प्रकट हो जाता है । इनकी कविता झांसी की रानी आज हर बच्चे बूढ़े को पता है । सुभद्रा कुमारी चौहान ने राष्ट्रीय चेतना जागने का अथक प्रयास किया था । इसके अलावा स्वतंत्रता आंदोलन में मुखर आवाज की वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था ।

    इन्होंने न सिर्फ कविताएं बल्कि कहानियां भी लिखीं । राष्ट्रप्रेम के साथ ही इन्होंने सामाजिक समस्याओं को केंद्र में रखकर भी कविताएं और कहानियां लिखी हैं । इनका जीवनकाल काफी छोटा था लेकिन छोटे से जीवनकाल में भी इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी और इनकी रचनाओं ने जन जन की भावनाओं को उद्वेलित किया था । इनकी प्रमुख रचनाएं हैं:

    • मुकुल
    • झांसी की रानी
    • बिखरे मोती
    • कोयल
    • चलते समय
    • उपेक्षा
    • खिलौनेवाला
    • तुम

    झांसी वाली रानी

    सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
    बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,
    गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
    दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी ।
    चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
    बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
    खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी ।।

    10. सोहनलाल द्विवेदी

    22 फ़रवरी 1906 को जन्मे सोहनलाल द्विवेदी Famous Hindi Poets में से एक हैं । द्विवेदी जी गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे जिसकी झलक इनके द्वारा लिखी गई ढेरों कविताओं में देखने को मिलता है । उनकी काव्य रचना को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से भी अलंकृत किया था । इनकी प्रथम रचना भैरवी सन् 1941 में प्रकाशित की गई थी जोकि देशप्रेम से ओत प्रोत थी ।

    कविताओं के अलावा सोहनलाल द्विवेदी जी में बाल साहित्य में भी अपना योगदान दिया है । बांसुरी, झरना, बिगुल, बच्चों के बापू, सुजाता, प्रभाती आदि इनकी श्रेष्ठ बाल रचनाएं हैं । इनकी सभी काव्य रचनाओं में देशप्रेम और राष्ट्रीयता के भाव होते थे इसलिए इन्हें राष्ट्रकवि का भी दर्जा दिया गया था । इनकी कुछ प्रमुख काव्य रचनाएं हैं:

    • बढ़ चलो बढ़े चलो
    • कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
    • नववर्ष
    • खड़ा हिमालय बता रहा है
    • मुक्ता
    • मंदिर दीप
    • अकबर और तुलसीदास
    • युगावतार गांधी

    कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

    लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
    कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
    नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
    चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
    मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
    चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
    आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
    कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

    11. अज्ञेय

    ज्ञानपीठ पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित Great Hindi Poet अज्ञेय का जन्म 7 अप्रैल 1911 को हुआ था । कुशीनगर, देवरिया, उत्तर प्रदेश में जन्में अज्ञेय का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन “अज्ञेय” है । अज्ञेय ने न सिर्फ हिंदी में बल्कि अंग्रेजी भाषा में भी रचनाएं की हैं । वे न सिर्फ एक महान हिंदी कवि बल्कि कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, सम्पादक, यायावर, अध्यापक भी रहे ।

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    अज्ञेय को साहित्य में प्रयोगवाद और नई कविता को प्रतिष्ठित करने के लिए जाना जाता है । सन् 1964 में उन्होंने आंगन के पर द्वार की रचना की थी जिसे खूब सराहा गया और इसी रचना की वजह से उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया गया । अज्ञेय को न सिर्फ Best Hindi Poets की श्रेणी में बल्कि एक महान कहानीकार की श्रेणी में भी गिना जाता है । इनकी प्रमुख काव्य रचनाएं हैं:

    • भग्नदूत
    • आंगन के पार द्वार
    • कितनी नावों में कितनी बार
    • क्योंकि मैं उसे जानता हूं
    • सागर मुद्रा
    • पहले मैं सन्नाटा बुनता हूं
    • महावृक्ष के नीचे
    • नदी की बांक पर छाया

    जो कहा नहीं गया

    उठी एक किरण, धायी, क्षितिज को नाप गई,
    सुख की स्मिति कसक भरी,
    निर्धन की नैन-कोरों में काँप गई,
    बच्चे ने किलक भरी, माँ की वह नस-नस में व्याप गई।
    अधूरी हो पर सहज थी अनुभूति :
    मेरी लाज मुझे साज बन ढाँप गई-
    फिर मुझ बेसबरे से रहा नहीं गया।
    पर कुछ और रहा जो कहा नहीं गया।

    12. मुक्तिबोध

    गजानन माधव मुक्तिबोध उन चुनिंदा Hindi Poets में से एक हैं जिन्हें समझने के लिए आपको गहरे ज्ञान की जरूरत पड़ेगी । आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि इनकी कविताओं का सटीक अर्थ पता करना काफी मुश्किल होता है । 13 नवंबर, 1917 को जन्में मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार के रूप में जाने जाते हैं ।

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    कई विद्वान उन्हें प्रगतिशील कविता और नई कविता के बीच का पुल यानि सेतु भी मानते हैं । मुक्तिबोध वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे जिसका प्रमाण उनकी कई कविताओं में हमें देखने को मिलता है । मुक्तिबोध ने न सिर्फ काव्य रचनाएं की बल्कि उन्होंने कविता विषयक चिंतन और आलोचना पद्धति को विकसित और समृद्ध करने में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया । इनकी प्रमुख काव्य रचनाएं हैं:

    • चांद का मुंह टेढ़ा है
    • भूरी भूरी खाक धूल
    • अंधेरे में
    • ब्रह्मराक्षस
    • बहुत दिनों से
    • मृत्यु और कवि
    • एक अंतरकथा
    • वे बातें लौट न आएंगी

    घोर धनुर्धर, बाण तुम्हारा सब प्राणों को पार करेगा

    घोर धनुर्धर, बाण तुम्हारा सब प्राणों को पार करेगा
    तेरी प्रत्यंचा का कम्पन सूनेपन का भार हरेगा
    हिमवत, जड़, निःस्पन्द हृदय के अन्धकार में जीवन-भय है
    तेरे तीक्ष्ण बाण की नोकों पर जीवन-सँचार करेगा।

    13. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

    जिस देश के समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य कभी उज्ज्वल नहीं रह सकता को मानने वाले सर्वेश्वर दयाल सक्सेना एक महान हिंदी कवि और साहित्यकार थे । तार सप्तक के सात कवियों में से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना प्रमुख थे । इनका जन्म 15 सितंबर, 1927 को बस्ती में हुआ था । खूँटियों पर टँगे लोग रचना की वजह से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था ।

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    कविता के अतिरिक्त इन्होंने बाल साहित्य, कहानियों और नाटक भी लिखे हैं । सक्सेना जी ने लेखन के अलावा पत्रकारिता में भी अपना योगदान दिया है । लेकिन उनका कविताओं में योगदान सर्वोपरि है और उनकी ख्याति खासतौर पर कविताओं के वजह से मिलीं । इनकी रचनाओं ने जनप्रतिनिधित्व का काम किया है और जन जन को सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश भी दिए हैं इसलिए इन्हें सबसे बेहतरीन Hindi Poets की सूची में स्थान दिया जाता है ।

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    • अक्सर एक व्यथा
    • अजनबी देश है यह
    • आज पहली बार
    • आश्रय

    अक्सर एक व्यथा

    अक्सर चाँद जेब में
    पड़ा हुआ मिलता है,
    सूरज को गिलहरी
    पेड़ पर बैठी खाती है,
    अक्सर दुनिया
    मटर का दाना हो जाती है,
    एक हथेली पर
    पूरी बस जाती है ।
    मैं जहाँ होता हूँ
    वहाँ से उठ जाता हूँ,
    अक्सर रात चींटी-सी
    रेंगती हुई आती है ।

    14. कुंवर नारायण

    अब हम Famous Indian Hindi poets of 21st century की बात करेंगे यानि 21वीं सदी के महान कवि । इसमें सबसे पहला नाम कुंवर नारायण जी का आता है जिनका जन्म 19 सितंबर, 1927 को हुआ था और मृत्यु हाल ही में 15 नवंबर, 2017 को हुई । साहित्य जगत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से अलंकृत भी किया गया था । साथ ही उन्हें अन्य कई पुरस्कार भी प्रदान किए गए थे ।

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    कुंवर नारायण ने मुख्य रूप से काव्य रचनाएं ही की हैं लेकिन उनकी कुछ कहानियां, लेख और समीक्षाएं भी प्रकाशित की गई थी । नए जमाने के हिंदी कवि कुंवर नारायण ने हमेशा प्रयोगशील पद्धति को अपनाते हुए अपनी रचनाओं में सदा प्रयोग किए । उनकी रचनाओं का संसार काफी विस्तृत और जटिल है । इनकी रचनाओं को देश विदेश की कई भाषाओं में अनुवादित भी किया जा चुका है ।

    • चक्रव्यूह
    • कोई दूसरा नहीं
    • इन दिनों
    • आत्मजयी
    • और जीवन बीत गया
    • कमरे में धूप
    • घंटी
    • अच्छा लगा

    दीवारें

    अब मैं एक छोटे-से घर
    और बहुत बड़ी दुनिया में रहता हूँ
    कभी मैं एक बहुत बड़े घर
    और छोटी-सी दुनिया में रहता था
    कम दीवारों से
    बड़ा फ़र्क पड़ता है
    दीवारें न होंतो दुनिया से भी बड़ा हो जाता है घर।

    15. केदारनाथ सिंह

    Modern Hindi Poets की सूची में केदारनाथ सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता है । वे हिंदी के प्रमुख कवि और हिंदी साहित्यकार थे । हिंदी के आधुनिक कवियों में शुमार केदारनाथ सिंह का जन्म 7 जुलाई 1934 को हुआ था । इनके सराहनीय रचना कर्म को देखते हुए इन्हें भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था । आपको पता होना चाहिए कि यह पुरस्कार पाने वाले वह 10वें लेखक थे ।

    अपने शुरुआती लेखन जीवन में इन्होंने ब्रिटिश कवि डाइलेन टामस, अमरीकी कवि वालेस स्टीवेंस और फ़्रेंच कवि रेने शा के प्रशंसक भी थे । वे इन कवियों से इतने प्रभावित हुए थे कि इनकी कुछ रचनाओं का अनुवादन भी किया था । वर्ष 1960 में प्रकाशित उनकी पहली कविता संग्रह अभी, बिल्कुल अभी ने उन्हें काफी प्रसिद्धि दिलाई और इससे उन्हें तुरंत ही भारतीय हिंदी साहित्य में पहचान मिल गई । इनकी प्रमुख काव्य रचनाएं:

    • अभी बिल्कुल अभी
    • जमीन पक रही है
    • यहां से देखो
    • अकाल में सारस
    • बाघ
    • तालस्ताय और साइकिल
    • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ
    • सृष्टि पर पहरा

    बनारस

    कभी सई-साँझ
    बिना किसी सूचना के
    घुस जाओ इस शहर में
    कभी आरती के आलोक में
    इसे अचानक देखो
    अद्भुत है इसकी बनावट
    यह आधा जल में है
    आधा मंत्र में
    आधा फूल में है
    आधा शव में
    आधा नींद में है
    आधा शंख में
    अगर ध्यान से देखो
    तो यह आधा है
    और आधा नहीं है

    16. आलोक धन्वा

    आधुनिक हिंदी कवियों की श्रेणी में अगला नाम आलोक धन्वा है । इनका जन्म 2 जुलाई 1948 को मुंगेर, बिहार में हुआ था । 70 के दशक में अगर कुछ महान हिंदी कवियों की बात की जाए तो आलोक धन्वा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है । उनकी कविताएं आम व्यक्ति के जीवन से उठाया गई हैं और उनकी कविताओं की भाषा शैली आसान है, जिसे आम आदमी भी समझ सकता है ।

    इन्होंने हिंदी कविताओं के साथ साथ अनुवादन का कार्य भी किया है । इन्होंने अंग्रेजी और रूसी कविताओं का अनुवाद हिन्दी भाषा में किया है । इनकी कविता दुनिया रोज बनती है आम जनमानस को खूब पसंद आई और इसी कविता की वजह से इनका नाम हिंदी काव्य जगत में लोकप्रिय हुआ । New Age Hindi Poets की सूची में लोकप्रिय हिंदी कवि आलोक धन्वा की रचनाएं इस प्रकार है :

    • भागी हुई लड़कियां
    • जनता का आदमी
    • गोली दागो पोस्टर
    • कपड़े के जूते
    • ब्रूनों की बेटियां
    • फर्क
    • उतने सूर्यास्त के उतने आसमान
    • सफेद रात

    जनता का आदमी

    बर्फ़ काटने वाली मशीन से आदमी काटने वाली मशीन तक
    कौंधती हुई अमानवीय चमक के विरूद्ध
    जलतें हुए गाँवों के बीच से गुज़रती है मेरी कविता;
    तेज़ आग और नुकीली चीख़ों के साथ
    जली हुई औरत के पास
    सबसे पहले पहुँचती है मेरी कविता;

    17. उदय प्रकाश

    1 जनवरी 1952 को जन्मे उदय प्रकाश वर्तमान में एक चर्चित कवि, पत्रकार, फिल्मकार और कथाकार हैं । इनकी रचनाओं का अन्य भाषाओं में अनुवदन भी किया गया है । साथ ही इनके द्वारा लिखी कई रचनाओं का सफल मंचन भी हुआ है । भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार सहित इन्हें अन्य ढेरों अलग अलग पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है ।

    Modern Hindi Poets की जब भी बात होती है तो उदय प्रकाश जी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है । इन्होंने कई टीवी धारावाहिकों के निर्देशन का कार्य भी किया है । इनकी प्रमुख काव्य रचनाएं निम्नलिखित हैं:

    • सुनो कारीगर
    • अबूतर कबूतर
    • रात में हरमोनियम
    • एक भाषा हुआ करती थी
    • अंबर में अबाबील
    • राजधानी में बैल
    • ताना बाना
    • एक अकेले का गाना

    दुआ

    जहाँ चुप रहना था,
    मैं बोला ।
    जहाँ ज़रूरी था बोलना,
    मैं चुप रहा आया ।
    जब जलते हुए पेड़ से
    उड़ रहे थे सारे परिन्दे
    मैं उसी डाल पर बैठा रहा ।
    जब सब जा रहे थे बाज़ार
    खोल रहे थे अपनी अपनी दूकानें
    मैं अपने चूल्हे में
    उसी पुरानी कड़ाही में
    पका रहा था कुम्हड़ा

    18. गीत चतुर्वेदी

    समकालीन लेखकों में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक हैं गीत चतुर्वेदी । नई वाली हिंदी के कवि और लेखक गीत चतुर्वेदी आज हिंदी पाठकों के सबसे Best Contemporary Hindi Poets में से एक हैं । 27 नवंबर 1977 को जन्में गीत चतुर्वेदी को कविता के लिए भारत भूषण पुरस्कार भी प्रदान किया गया है । साथ ही उन्होंने कई कहानियां भी लिखी हैं जिसके लिए इन्हें कृष्ण प्रताप सम्मान से नवाजा गया है ।

    गीत चतुर्वेदी उन चुनिंदा Hindi Poets की श्रेणी में आते हैं जिनकी रचनाओं को दुनिया की 22 विभिन्न भाषाओं में अनुवादित भी किया गया है । वे सदैव अपनी रचनाओं के लिए प्रयोगधर्मी पद्धति अपनाते हैं इसलिए इन्हें अवां-गार्द लेखक भी कहा जाता है । इनकी कुछ बेहतरीन हिन्दी काव्य रचनाएं हैं:

    • खुशियों के गुप्तचर
    • न्यूनतम मैं
    • आलाप में गीरह
    • बुरी लड़कियां, अच्छी लड़कियां
    • कोई बेनाम सा
    • मदर इंडिया
    • कागज
    • सुसाइड बॉम्बर

    कागज

    चारों तरफ़ बिखरे हैं काग़ज़
    एक काग़ज़ पर है किसी ज़माने का गीत
    एक पर घोड़ा, थोड़ी हरी घास
    एक पर प्रेम
    एक काग़ज़ पर नामकरण का न्यौता था
    एक पर शोक
    एक पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था क़त्ल
    एक ऐसी हालत में था कि
    उस पर लिखा पढ़ा नहीं जा सकता

    Hindi Poets की कविताएं कहां से पढ़ें ?

    अगर आप ऊपर लिस्ट किए गए Hindi Poets की कविताएं मुफ्त में पढ़ना चाहते हैं तो निम्नलिखित साइट्स की मदद ले सकते हैं । सिर्फ प्राचीन हिन्दी कवि ही नहीं बल्कि आधुनिक हिंदी कवियों की कविताएं भी इन प्लेटफार्म्स पर आपको आसानी से मिल जाएंगी । आपको जिन भी हिंदी कवियों की कविताएं पढ़ना चाहते हैं, उनका नाम प्लेटफॉर्म के सर्च बॉक्स से सर्च कर सकते हैं:

    • Kavita Kosh
    • Hindwi
    • Hindi Kavita

    Best Hindi Poets – Conclusion

    अगर आप कविताओं को पढ़ने का शौक रखते हैं तो ऊपर दिए Hindi Poets को एक बार जरूर पढ़ें । खासकर कि रामधारी सिंह दिनकर, अज्ञेय, गीत चतुर्वेदी को अवश्य पढ़ें । इन Best Hindi Poets of All Time ने अपने कम शब्द कविताओं से इतनी बड़ी बड़ी कहानियां कही हैं जिन्हें एक उपन्यास में भी समाहित नहीं किया जा सकता, कविता का गुण भी तो यही है ।

    अब आप नीचे कमेंट करके बताइए कि आपके सबसे पसंदीदा Hindi Poets कौन हैं और उनकी कौन सी कविताएं आपको पसंद हैं । खासकर कि अगर आप कुछ पसंदीदा Best Contemporary Hindi Poets के बारे में जानकारी सांझा करें तो हम रिव्यू करके उन्हें इस आर्टिकल में जोड़ सकते हैं । साथ ही आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें ।

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