दुनिया में कई ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से लोग पैसे कमा रहे हैं और उनमें से Animal Husbandry एक है । आज पशुपालन करके कई लोग महीने के हजारों लाखों कमा रहे हैं लेकिन अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आपको What is Animal Husbandry Explain in Hindi अंत तक पढ़ना चाहिए । मैंने इस आर्टिकल में पशुपालन से जुड़ी हर जानकारी दी है ।
अगर आप यह आर्टिकल अंत तक पढ़ते हैं तो आपको जानने को मिलेगा और आप इस आर्टिकल को पशुपालन पर निबंध हिन्दी में लिखने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं ।
- Animal Husbandry meaning in Hindi
- पशुपालन का इतिहास
- पशुपालन का महत्व
- पशुपालन के प्रकार
- पशुपालन कैसे करें
- पशुपालन से जुड़ी सफलता की कहानी
Animal Husbandry Meaning in Hindi
Animal Husbandry का हिंदी अर्थ पशुपालन है । यह कृषिविज्ञान के अंतर्गत आता है जिसमें पशुओं ( गाय, बकरी, मछली, मुर्गी ) का प्रबंधन और देखभाल किया जाता है । इसके साथ ही उनके विकास का भी सुक्ष्म अध्ययन किया जाता है ताकि आनुवंशिक गुण को बेहतर करके मुनाफा कमाया जा सके ।
आसान से शब्दों में आप यह कह सकते हैं कि एनिमल हसबेंडरी यानी पशुपालन कृषि की वह शाखा है जहाँ जानवरों को मांस, रेशे, अंडे, दूध और अन्य खाद्य उत्पादों के लिए पाला जाता है ताकि मुनाफा हो सके ।
पशुपालन में सिर्फ और सिर्फ गाय या बकरियां ही नहीं बल्कि मुर्गियां, मछली, बत्तख, सुअर और मधुमक्खियां भी आती हैं । इन सभी के बारे में हम आर्टिकल में आगे विस्तार से बात करेंगे । अब तक आप अच्छे से समझ चुके होंगे कि पशुपालन यानि एनिमल हसबेंडरी क्या है ।
पशुपालन का इतिहास ( History of Animal Husbandry )
पशुपालन का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत Neolithic revolution ( पहली कृषि क्रांति ) से मना जाता है । आदिमानव शुरुआती सभ्यताओं के समय भेड़ें, बकरियां और सुअर आदि का पालनपोषण किया करते थे । पहले के समय में इनका पालन बहुत ही कम होता था और लोगों का मुख्य मकसद अपना पेट भरना ही था ।
लेकिन, 18वीं शताब्दी के बाद से बड़े पैमाने पर पशुपालन होने लगा और इसे व्यवसाय से भी जोड़ दिया गया । मछली पालन से लेकर खरगोश पालन तक, सब कुछ किया जाने लगा लेकिन पशुपालन का तरीका पारंपरिक था जिससे कि मुनाफा कम होता था । लेकिन फिर परिस्तिथियां बदली और लोग इसके प्रति गंभीर होते गए । समय के साथ ही पशुपालन में बदलाव आए और लोगों को ध्यान कम लागत और ज्यादा मुनाफा पर गया ।
वर्तमान समय की बात करें तो अब पशुपालन से जुड़ी ढेरों अलग अलग प्रकार की मशीनें मार्केट में आ चुकी हैं । मछली पालन से लेकर दुग्ध उत्पादन तक, ज्यादातर कार्यों में आधुनिक मशीनों का उपयोग हो रहा है जिससे कि लागत कम हुआ है और मुनाफा बढ़ा है ।
पशुपालन का महत्व ( Importance of Animal Husbandry )
वर्तमान समय में पशुपालन का काफी महत्व है और जो लोग इसे सही ढंग से कर रहे हैं, वे काफी मुनाफा कमा रहे हैं । जहां पशुपालन यानि Animal Husbandry का महत्व पहले खुद के भरण पोषण का था तो वहीं इसे एक व्यवसाय के रूप में देखा जाने लगा है । पशुपालन से जुड़ा हर उत्पाद स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है जिसका सेवन हम रोजमर्रा के जीवन में करते हैं ।
उदाहरण की बात करें तो जो पशु दूध देते हैं उनकी वजह से न सिर्फ हमनें दूध मिलता है बल्कि अन्य दुग्ध उत्पाद का भी हम सेवन करते हैं । एनिमल हसबेंडरी सिर्फ दुधारू पशुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि मुर्गियां, मछलियां, मधुमक्खियां, बत्तख आदि भी इसके अंतर्गत आते हैं जिनसे हमें अंडे, मांस, शहद इत्यादि की प्राप्ति होती है । आप समझ गए होंगे कि पशुपालन का महत्व क्या है ।
पौष्टिक गुणों के लिहाज से देखा जाए तो अंडो और मांस में protein, iron, zinc, fats, Vitamin B12 जैसे अन्य पोषक तत्त्व मिलते हैं । इन पोशाक तत्वों का मनुष्य के विकास में काफी योगदान है और साथ ही मनुष्य को ताकत प्रदान करती है । खासकर कि मछलियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे Omega-3 Fatty Acid, DHA और Vitamin D मनुष्य के सतत विकास में सहायक होने के साथ, खुश रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं ।
पशुपालन के प्रकार ( Types of Animal Husbandry )
जिन्हें ऐसा लगता है कि Animal Husbandry का सिर्फ एक ही प्रकार है, और वह है Dairy Farming यानि दूध उत्पादन तो वे गलत हैं । दूध उत्पादन के अलावा अन्य ढेरों चीजें पशुपालन के अंतर्गत आती हैं जिनके बारे में मैंने विस्तार से आगे बात की है ।
1. Dairy Farming
एनिमल हसबेंडरी में सबसे पहले आता है Dairy Farming यानि दूध उत्पादन । भारत देश में बहुत ही बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन किया जाता है । Basic Animal Husbandry Statistics, DAHD&F, GoI के मुताबिक, वर्ष 2018-2019 में भारत में 187.7 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया गया था । यह आंकड़ा देख कर आप समझ सकते हैं कि भारत में डेयरी इंडस्ट्री कितना व्यापक पैमाने पर फैला हुआ है ।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है । दूध उत्पादन के बाद उसे कुछ प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है और फिर बाजार में उसकी बिक्री की जाती है । दही, मक्खन, क्रीम, पनीर जैसे ढेरों ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें दूध के इस्तेमाल से बनाया जाता है । डेयरी इंडस्ट्री में गाय, भैंस, बकरी और भेड़ें मुख्य रूप से आती हैं जिनसे दूध उत्पादन किया जाता है ।
पहले के समय में सिर्फ हाथों से दूध को निकलने का कार्य किया जाता था लेकिन अब मशीनों ने यह काम काफी आसान कर दिया है । जिन्होंने दूध उत्पादन का पूरा व्यवसाय किया है, उनके लिए हाथों से दूध निकालना आसान काम नहीं है इसलिए मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है । इसके साथ ही, पशुओं के रखरखाव और आहार पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है ताकि उनकी उत्पादकता बढ़ सके ।
2. Bee Farming
Bee Farming जिसे Apiculture और हिंदी में मधुमक्खी पालन भी कहते हैं, Animal Husbandry के ही अंतर्गत आता है । इसमें मधुमक्खियों को पाला जाता है ताकि उनसे शहद और वैक्स निकाल कर बाजार में बेचा जा सके । यह भारत की सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है PIB की एक रिपोर्ट के अनुसार, शहद का उत्पादन भारत में 76,150 मीट्रिक टन (2013-14) से बढ़कर 1,20,000 मीट्रिक टन (2019-20) हो गया है जो कि 57.58% की वृद्धि है ।
इससे साफ है कि भारत में मधुमक्खी पालन में वृद्धि देखने को मिली है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र के मुनाफे को देखते हुए, मधुमक्खी पालन कर रहे हैं । न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी शहद और वैक्स की भारी मांग है । मधुमक्खी पालन से सिर्फ किसानों का फायदा ही नहीं हो रहा है बल्कि इसकी वजह से कृषि की उत्पादकता भी बढ़ती है और इसका कारण है Pollination यानि परागण ।
सबसे अच्छी खबर यह है कि भारत में अगर आप bee farming करते हैं तो आपको भारत सरकार की तरफ से 35% subsidy भी दिया जायेगा । अगर आपको यह सब्सिडी मिलती है तो समझ लीजिए कि आपको अपने जेब से बस 5% ही खर्च करने की जरूरत होगी । इसके लिए अगर आप बैंकों से लोन लेते हैं तब भी आपको सब्सिडी दी जायेगी ।
3. Poultry Farming
Animal Husbandry के अंतर्गत ही Poultry Farming यानि मुर्गी पालन भी आता है । इसमें न सिर्फ मुर्गियों को बल्कि बत्तख और अन्य अंडे देने वाले पक्षी भी आते हैं जिनका सेवन किया जाता है । इन पक्षियों का रखरखाव और आहार की पूरी व्यवस्था की जाती है ताकि उनकी उत्पादकता बढ़ सके । अंडे और मांस दोनों के लिए पोल्ट्री फार्मिंग की जाती है ।
मुर्गीपालन व्यवसाय अगर आप करते हैं तो आपको काफी फायदे मिल जाते हैं और आप कम लागत में इस व्यवसाय को आगे ले जा सकते हैं । इसे करने के लिए आपको काफी ज्यादा जगह की जरूरत बिल्कुल नहीं पड़ती है और आपको सिर्फ उनको खरीदने और खिलाने पर विशेष खर्च करने की आवश्यकता पड़ती है ।
आप बहुत ही छोटे पैमाने पर इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं । इसमें आपको किसी प्रकार का लाइसेंस बनवाने की भी जरूरत नहीं है, आपका बिजनेस जब काफी बड़ा हो जायेगा तो आप अन्य प्रकार के रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं । भारत सहित अन्य देशों में भी मांसाहार लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है इसलिए आपको marketing वगैरह पर भी ज्यादा खर्च नहीं करना होगा ।
4. Aquatic Farming
Animal Husbandry के अंतर्गत चौथे स्थान पर Aquatic Farming आता है जिसे Pisciculture भी कहते हैं । हिंदी में इसे जलीय खेती या मछलीपालन भी कह सकते हैं । इसमें मुख्य रूप से मछलियों का ही पालन पोषण किया जाता है और उनके मांस को बेचा जाता है । भारत सहित अन्य देशों में seafood consumption काफी बढ़ा है और अनुमान लगाया जा रहा है कि मनुष्य के consumpti का 62% भोजन अब seafood होगा ।
इससे आप समझ सकते हैं कि यह इंडस्ट्री आगे जाकर ज्यादा बड़ी होगी और अगर आप एक्वाटिक फार्मिंग करते हैं तो आपको काफी मुनाफा होगा । मछलीपालन में निवेश ज्यादा करना पड़ता है लेकिन निवेश के साथ साथ आपको काफी मुनाफा भी होता है । आपको एक अच्छी water body जैसे तालाब या चौड़े कूवें की जरूरत पड़ेगी ।
हालांकि, आप tanks और open nets वगैरह बनवा सकते हैं । इसके बाद आपको मछलियों के आहार और रखरखाव पर विशेष ध्यान देना होगा । आपको पता होना चाहिए कि किस प्रजाति की मछलियां ज्यादा उत्पादक होती हैं, उन्हें कैसे तापमान में रखना चाहिए और अन्य जरूरी जानकारियां ।
पशुपालन कैसे करें ? ( How to do animal husbandry )
अब आप अच्छे से जान चुके हैं कि पशुपालन यानि Animal Husbandry क्या है, इसके फायदे क्या हैं और यह कितने प्रकार का होता है । अब अगर आप एनिमल हसबेंडरी में हाथ आजमाना चाहते हैं तो आपको क्या करना चाहिए ? चलिए जानते हैं ।
- सबसे पहले तय करें कि आप Animal Husbandry के अंतर्गत आने वाले किस फार्मिंग को करना चाहते हैं ।
- इसके बाद आपको उस क्षेत्र से जुड़ी हर जरूरी जानकारी इकट्ठी करनी है ।
- तीसरा कदम आपका होगा अपने क्षेत्र में प्रतियोगिता को समझने का, ज्यादा competition आपके बिजनेस के लिए अच्छा नहीं होगा ।
- इसके बाद आपको एक सही जगह का चुनाव करना चाहिए, जहां आबादी अच्छी खासी हो ।
- आपके इस बिजनेस में लगने वाले पूरे खर्च का ब्यौरा तैयार करें ।
- हमेशा छोटे से शुरुआत करें ताकि आपको फीडबैक मिल सके ।
ऊपर दिए गए सभी steps को आप फॉलो करें ताकि आप अपने व्यवसाय को आगे तक ले जा सकें । एक बात ध्यान रखें कि आपको किसी भी प्रकार का बिजनेस शुरू करने से पहले market research जरूर कर लेना चाहिए । मार्केट रिसर्च से आपको पता चलता है कि कितने लोग आपके बिजनेस के प्रति उत्साही हैं, आपका बिजनेस चलेगा या नहीं, competition कितना है और बिजनेस को शुरू करने के लिए perfect place कौनसी होगी ।
Animal Husbandry Success Stories
अब आप अच्छे से जान चुके हैं कि Animal Husbandry क्या है और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर भी मैंने आपको दे दिया है । अब चलिए कुछ success stories भी जान लेते हैं ताकि अगर आपी इस फील्ड में आना चाहें तो आपको motivation मिल सकें ।
1. Sudha Poultry Farm
सबसे पहली कहानी है Sudha Poultry Farm की है जिसे मुंबई के एक दंपत्ति सुचिता पाटिल और सुनील पाटिल ने मिलकर शुरू किया । शुरुआत इन्होंने काफी छोटे से की थी, जैसे जैसे इनका बिजनेस बढ़ता गया इन्होंने अपने operations को भी बढ़ाया । लेकिन, अचानक से मार्केट में bird flu ने कदम रखा और सब बरबाद हो गया । बर्ड फ्लू की वजह से कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली ।
इस वजह से उन्होंने layer farming करने की शुरुआत की, पहले उन्होंने broiler poultry farm से शुरुआत की थी । आज उनके पास 5,000 से भी ज्यादा पोल्ट्री बर्ड्स हैं जो साल भर अंडे देती हैं जिन्हें बेचकर वे काफी मुनाफा कमाते हैं । अब वे अपने ऑपरेशन को आगे ले जाना चाहते हैं और उन्होंने बैंकों से लोन लिया था, उसे भी चुका दिया है ।
2. Santosh Sharma
क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि कोई अपनी 85,000 रूपए की नौकरी छोड़ कर Dairy Farming की शुरुआत कर सकता है ? जी हां, यह बिल्कुल सच है । झारखंड के संतोष शर्मा जी ने अपनी बेहतरीन नौकरी जिसमें उन्हें 85,000 रूपए मिलते थे, उसे छोड़कर डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की और आज वे हर वर्ष 2 करोड़ रुपए कमाते हैं ।
उन्होंने झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने बिजनेस की शुरुआत करके न सिर्फ एक वर्ष में 2 करोड़ रूपए कमाया बल्कि उन्होंने आसपास के आदिवासियों को नौकरी भी दी । उनका कहना है कि उन्हें इस कार्य को करने का inspiration हमारे देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री एपीजे अब्दुल कलाम जी की वजह से मिली ।
Animal Husbandry Explain in Hindi – Conclusion
Animal Husbandry Explain in Hindi के इस आर्टिकल में आपने जाना कि एनिमल हसबेंडरी क्या होती है, इसका क्या महत्व है, इसके कुल कितने प्रकार हैं और कैसे करें । पशुपालन से जुड़ी 2 सफल कहानियां भी मैंने आपसे सांझा किया है जिसे पढ़कर आपके अंदर भी उत्साह जगा होगा । इस फील्ड में जाने से पहले जरूरी है कि आप इंटरनेट और इसमें कार्यरत लोगों से पहले पूरी जानकारी ले लें ।
अगर आपके मन में एनिमल हसबेंडरी से जुड़े प्रश्न हैं तो आप उन्हें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । आपको अगर यह आर्टिकल हेल्पफुल लगा हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों से शेयर करें और उन्हें यह महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने का मौका प्रदान करें । आप कॉमेंट करके अपनी कोई राय/सुझाव भी दे सकते हैं ।