आपने अक्सर Pre Matric शब्द सुना होगा । सरकारी शिक्षण संस्थाओं में सरकार भी छात्रों को प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक के आधार पर वर्गीकृत करती है । इसके अलावा लोग भी Educational Qualification के बारे में पूछते समय इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं । ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्री मैट्रिक क्या है ?
इसके साथ ही Pre Matric और Post Matric के बीच क्या अंतर है ? आप इनमें से किस वर्ग के छात्र हैं ? आप भविष्य में कौनसे कोर्स या नौकरियां कर सकते हैं ? आदि सभी प्रश्नों का जवाब इस लेख में दिया गया है । अगर आप विस्तार से इस विषय पर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो अंत तक जरूर पढ़ें ।
Pre Matric क्या होता है ?
Pre Matric ऐसे छात्रों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिन्होंने अभी तक दसवीं कक्षा की परीक्षा नहीं दी है या दसवीं कक्षा उत्तीर्ण नहीं की है । आमतौर पर कक्षा 9वीं और 10वीं को प्री मैट्रिक कहा जाता है । कक्षा 10वीं को मैट्रिक कहा जाता है जिसके आधार पर छात्रों का वर्गीकरण किया जाता है ।
उदाहरण के तौर पर National Scholarship Portal के मुताबिक, कक्षा 1 से कक्षा 10 तक के छात्र छात्राओं को Pre Matric Scholarship दिया जाता है । तो वहीं सरकार कक्षा 11 और उससे ऊपर के सभी छात्रों को Post Matric Scholarship देती है । इस तरह आप समझ सकते हैं कि कक्षा दसवीं को ही आधार बनाकर छात्रों को दो हिस्सों में वर्गीकरण किया जाता है ।
Post Matric क्या होता है ?
Post Matric ऐसे छात्रों के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है जिन्होंने दसवीं कक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है और वे कक्षा 11वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं में अध्ययनरत हैं । आमतौर पर कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक की श्रेणी में रखा जाता है । इसके अलावा ITI, B.Com., B.Sc., जैसे कोर्स कर रहे छात्रों को भी इसी श्रेणी में स्थान दिया जाता है ।
उदाहरण के तौर पर अगर आप कक्षा 11वीं में अध्ययन कर रहे हैं तो आप Post Matric हैं । प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक का सिलेबस, पठन पाठन आदि एक दूसरे से भिन्न होता है । इसके अलावा अगर छात्र चाहे तो प्री मैट्रिक के पश्चात Diploma Courses कर सकता है जैसे Polytechnic, ITI आदि ।
Difference Between Pre Matric and Post Matric
Pre Matric और Post Matric के बीच कुछ बुनियादी अंतर हैं जिन्हें आपको समझ लेना चाहिए । तो चलिए नीचे दिए टेबल की मदद से समझते हैं कि इनके बीच क्या अंतर है ।
Pre Matric | Post Matric |
---|---|
कक्षा 9वीं और 10वीं | कक्षा 11वीं और 12वीं |
पाठ्यक्रम कम होते हैं | भारी भरकम पाठ्यक्रम |
शिक्षण का स्तर माध्यम | शिक्षण का स्तर उच्चतम |
कक्षाएं रोज फिजिकल मोड में संचालित होती हैं | फिजिकल मोड में कक्षाओं का संचालन लेकिन डिस्टेंस लर्निंग की भी सुविधा |
कोर्स और कैरियर के कम विकल्प | कोर्सेज और कैरियर के ढेरों विकल्प |
Career and Courses after Pre Matric
Pre Matric यानि कक्षा 10वीं या उससे पहले के छात्रों के पास कम विकल्प मौजूद होते हैं । छात्रों के पास मुख्य रूप से 2 से 3 विकल्प ही होते हैं । इनके पास पहला विकल्प यह होता है कि वे अपनी स्कूली शिक्षा को जारी रखें और 11वीं कक्षा में दाखिला कराएं । उनके पास दूसरा विकल्प है कि वे कोई Diploma Course जैसे Polytechnic करें जिन्हें दसवीं कक्षा के पश्चात किया जाता है ।
इसके अलावा छात्रों के पास तीसरा विकल्प यह है कि वे SSC MTS या ऐसे सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करें जिनमें न्यूनतम योग्यता दसवीं कक्षा उत्तीर्ण हो । हालांकि ऐसे काफी कम नौकरियां ही हैं जिन्हें कक्षा दसवीं के बाद किया जा सकता है ।
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दूसरे होते हैं Post Matric जिनके पास ढेरों कोर्स और कैरियर विकल्प होते हैं । 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात ये छात्र अपने मनपसंद के किसी भी क्षेत्र को चुन सकते हैं । Bachelor of Fine Arts से लेकर B.Tech (Biotechnology) तक सैंकड़ों ऐसे कोर्सेज हैं जिन्हें छात्र कर सकता है । इसके अलावा छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कर सकता है जैसे SSC CHSL, UPSSSC, Banking, Railway ।
कक्षा 12वीं को उत्तीर्ण करने के पश्चात एक छात्र Skill Development की मदद से अच्छी नौकरी कर सकता है या खुद का कोई काम शुरू कर सकता है । उदाहरण के तौर पर Blogging के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के पश्चात छात्र खुद की वेबसाइट शुरू कर सकता है और घर बैठे पैसे कमाना शुरू कर सकता है ।
Scholarship for Pre Matric & Post Matric
भारत सरकार हर वर्ष छात्रों को Pre Matric और Post Matric के श्रेणी में बांट देती है । इसके बाद उन्हें उनकी कक्षा के हिसाब से छात्रवृत्ति दी जाती है । प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप उन्हीं छात्रों को दी जाती है जो गरीब है और जिन्हें शिक्षा जारी रखने में समस्या आ रही है । इसी आधार पर पोस्ट मैट्रिक के छात्रों को भी Scholarship दी जाती है ।
अगर आप प्री मैट्रिक या पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप प्राप्त करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको National Scholarship Portal के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा । यहां आप Registration Process पूरा करने के पश्चात Scholarship Registration Form को प्रिंट कर सकते हैं ।
इसके बाद आपको जरूरी सभी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, अभिभावक का आय प्रमाण पत्र आदि के साथ स्कूल प्रशासन से सम्पर्क करना होगा । इसके बाद स्कूल प्रशासन अन्य जरूरी कदम उठाएगा और अगर आप eligible होंगें तो आपको छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा ।
Conclusion
उम्मीद है कि आपको Pre Matric Meaning in Hindi समझ आ गया होगा । प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक में कुछ बुनियाद अंतर होते हैं । प्री मैट्रिक में जहां कम सिलेबस और पढ़ाई का बोझ होता है तो वहीं पोस्ट मैट्रिक में सिलेबस भी ज्यादा हो जाता है और पढ़ाई का बोझ भी बढ़ जाता है । अन्य अंतरों को ऊपर समझाया गया है ।
अगर आपके मन में विषय से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप कॉमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं । इसके साथ ही अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर करना न भूलें ।