Listening Skills in Hindi – एक बेहतर श्रोता कैसे बनें ?

कहते हैं कि अच्छा श्रोता ( listener ) ही एक अच्छा वक्ता ( speaker ) होता है, इसलिए एक अच्छा वक्ता बनने के लिए आपका एक अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है । पर एक अच्छा श्रोता कैसे बनें ? एक अच्छा श्रोता बनने के क्या फायदे हैं ? इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों का जवाब आपको Listening Skills in Hindi के इस आर्टिकल में दिया जायेगा ।

आर्टिकल के अंत में मैं आपको एक Listening Skills Test भी दूंगा । इस टेस्ट की मदद से आप देख सकते हैं कि आप एक अच्छे श्रोता हैं या नहीं । इस क्षमता वाले लोग कार्यों और परियोजनाओं को समझने, सहकर्मियों के साथ मजबूत संबंध बनाने और समस्याओं को हल करने की अधिक संभावना रखते हैं ।

Listening Skills क्या है ?

Listening Skills को हिंदी में सुनने का कौशल भी कहा जाता है । सुनना संचार प्रक्रिया में संदेशों को सटीक रूप से प्राप्त करने और व्याख्या करने की क्षमता है । प्रभावी श्रवण कौशल होने का अर्थ है चर्चा किए गए विषय में रुचि प्रदर्शित करने और प्रदान की गई जानकारी को समझने में सक्षम होना ।

इस तरह आप समझ गए होंगे कि प्रभावी श्रवण कौशल क्या है । इसे एक आसान से उदाहरण से समझें, मान लीजिए कि आप अपने घर में बैठ कर कोई podcast सुन रहे हैं । आपके घर में हर तरफ से distracting voices आ रही हैं लेकिन आपकी सुनने की क्षमता या प्रभावी श्रवण कौशल ऐसा है कि आपका ध्यान सिर्फ अपने पॉडकास्ट पर है । आप पॉडकास्ट में बताई गई सभी बातों को ग्रहण कर पा रहे हैं ।

जब आप किसी नौकरी के लिए interview देने जाते हैं तो आपके Listening Skills का परीक्षण किया जाता है । यहां तक कि UPSC जैसी बड़ी परीक्षाओं में भी अभ्यर्थी में प्रभावी श्रवण कौशल को परखा जाता है । जब आपका श्रवण कौशल बेहतर होगा तो आप किसी भी प्रोजेक्ट वर्क पर ज्यादा प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेंगे ।

Benefits Of Listening Skills in Hindi

अभी तक आप अच्छे से Listening Skills के बारे में समझ चुके हैं । इसके Professional Life और Normal Life में बहुत फायदे हैं । चलिए प्रभावी श्रवण कौशल के फायदों के बारे में संक्षेप में समझते हैं ।

  • यह आपको ज्यादा प्रभावी बनाता है ।
  • यह दो व्यक्तियों के बीच विश्वास और मजबूत संबंध बनाता है
  • प्रभावी श्रवण कौशल की मदद से आपको हर महत्वपूर्ण जानकारी याद रहती है ।
  • आपको समस्याओं की पहचान करने या अनुमान लगाने में सक्षम बनाता है
  • यह कौशल किसी भी प्रकार के conflict को सुलझाने में आपकी मदद कर सकता है
  • किसी संस्था में यह Teamwork को बेहतर बनाता है ।

सुनने के कौशल का एक लाभ यह है कि यह भाषा में सुधार करता है । जैसा आप सुनते हैं, वैसा ही आप सीखते हैं । प्रभावी ढंग से सुनने के लाभों में से एक यह है कि यह आपकी उत्पादक क्षमता को बढ़ाता है ।

Types Of Listening Skills in Hindi

Types of listening skills की बात करें तो यह कुल मिलाकर 7 प्रकार का होता है । चलिए इन 7 प्रकारों के बारे में हम संक्षेप में उदाहरण सहित समझते हैं ।

1. Discriminative listening

Discriminative Listening का अर्थ यह भेदभाव, छुआछूत से जुड़ा हुआ बिल्कुल नहीं है । इसका अर्थ केवल संदेश के अर्थ को समझने के बजाय संदेश की ध्वनि की व्याख्या करना है । जैसे एक बच्चा जब पैदा होता है तो उसको किसी भी भाषा, शब्द या अक्षर की जानकारी नहीं होती है । लेकिन फिर भी अगर आप तेज और डांटने वाली आवाज में उससे बात करेंगे तो वह रोने लगता है ।

इसके अलावा, वह सिर्फ आवाज सुनकर ही सबको पहचानने की कोशिश करता है । दूसरा उदाहरण देखते हैं, मान लीजिए कि आप हिंदी भाषी हैं और तमिलनाडु घूमने गए हैं । ऐसे में आपको उनके शब्द तो नहीं समझ आयेंगे पर उनके बोलने के तरीके, आवाज की गति और सुर की मदद से काफी कुछ समझ पाते हैं । Discriminative Listening की ही मदद से किसी व्यक्ति के उम्र, लिंग और भाव का पता लगाया जा सकता है ।

2. Sympathetic listening

Sympathetic listening का हिंदी अर्थ होता है सहानुभूतिपूर्ण श्रवण । आपको इसके नाम से ही समझ आ गया होगा कि यह सहानुभूति यानि भावनाओं से जुड़ा हुआ है । श्रोता वक्ता के द्वारा बोले गया शब्दों पर नहीं बल्कि भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करके संदेश की व्याख्या करने की कोशिश करता है ।

Sympathetic listening skills
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सहानुभूतिपूर्ण श्रवण यह दिखाने का हमारा तरीका है कि हम समझते हैं और परवाह करते हैं कि दूसरा व्यक्ति क्या कह रहा है । इसका उपयोग अक्सर संवेदनशील या व्यक्तिगत बातचीत के दौरान किया जाता है । उदाहरण के तौर पर, मान लेते हैं कि आपका दोस्त उदास है जिसे देखकर ही आप समझ जाते हैं और उससे इसके बारे में पूछते हैं ।

वह आपको अपनी परिस्थिति के बारे में बताता है कि उसके जीवन में क्या परेशानियां हैं । इस समय पर Sympathetic listening का प्रयोग करते हैं और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं । उसकी भावनाओं को समझते हुए उसे आप यथासंभव मदद करते हैं ।

3. Comprehensive Listening

जहां Descriminative listening skills में शब्द या भाषा का ज्ञान होना आवश्यक नहीं था लेकिन Comprehensive Listening में शब्दों की ही मदद से आवाज की व्याख्या की जाती है । इस परिस्थिति में श्रोता के पास शब्द भंडार होना चाहिए और उसे भाषा का सही ज्ञान होना जरूरी है ।

व्यापक श्रवण का अर्थ है केवल संदेश की ध्वनि की व्याख्या करने के बजाय संदेश के अर्थ को समझना । उदाहरण के तौर पर, अगर आप कोई TED Talk Show देखते हैं तो वक्ता की बातों को समझने के लिए आपके पास पहले से ही उन शब्दों और भाषा का ज्ञान होना जरूरी है । यह श्रवण कौशल आमतौर पर बचपन की शुरुआत से ही विकसित होना शुरू हो जाता है ।

4. Informational Listening

अगले स्थान पर Informational listening skills आता है जिसका हिंदी अर्थ है सूचनात्मक श्रवण । इसका इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं । उदाहरण की बात करें तो आप जब यूट्यूब पर Project File कैसे बनाएं पर वीडियो देखते हैं तो उसमें बताई गई सभी जानकारियों को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुनते हैं ।

यह इसलिए क्योंकि बताई जा रही सूचना या जानकारी को आप न सिर्फ सुनना बल्कि समझना भी चाहते हैं । सूचनात्मक श्रवण में श्रोता को पूरे concentration के साथ सब कुछ सुनना होता है । इसी listening skills की मदद से आप एक बेहतर श्रोता और फिर बाद में एक बेहतरीन वक्ता बनते हैं ।

किसी educational podcast को सुनते समय, रेडियो या टीवी पर आ रही खबरों को सुनते समय या किसी के द्वारा दी जा रही निर्देश को सुनने के लिए Informational listening का इस्तेमाल किया जाता है ।

5. Biased Listening Skills

हममें से ज्यादातर लोग वही सुनते हैं जो सुनना चाहते हैं । चलिए इसे एक आसान से उदाहरण से समझते हैं । जब हमें कोई नई recipe try करनी होती है तो हम तुरंत YouTube पर जाते हैं । जब कोई रेसिपी हमें पसंद आती है तो उसे देखने लगते हैं । लेकिन Vlogger सबसे पहले इस रेसिपी को बनाने के लिए सावधानियों पर बात करता है लेकिन हमारा ध्यान तो होता है इसे बनाने की विधि पर ।

ऐसे में हम instructions पर ध्यान नहीं देते हैं और वीडियो पूरी देखकर रेसिपी बनाना शुरू कर देते हैं । ऐसी परिस्थिति में ज्यादातर संभावना यह है कि आपका व्यंजन खराब बनेगा या कोई अन्य बड़ी गलती हो जायेगी । अर्थात हम किसी एक ही information को सुनने के लिए इतने biased यानि पक्षपाती ( झुके हुए ) हैं कि हमें किसी अन्य जानकारी से कोई मतलब नहीं रह जाता ।

यह सुनने की प्रक्रिया की वजह से समस्याएं उत्पन्न होती हैं और आधी अधूरी जानकारी ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच पाती है । ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति पहले से ही किसी एक particular information पर ध्यान केंद्रित करने का मन बना चुका है यानि Biased Listening Skills ।

6. Critical listening

Types of listening skills की सूची में अगला नाम Critical listening का है । इसका हिंदी अर्थ आलोचनात्मक श्रवण है यानि जब किसी सुनी जानकारी का आपको विश्लेषण करना पड़ता है तो उसे आलोचनात्मक श्रवण कहते हैं । अगर भारत के राजनीतिक परिदृश्य को देखें तो इस listening skill की काफी जरूरत है जहां political speeches का हर नागरिक को विश्लेषण करना चाहिए ।

आलोचनात्मक श्रवण में आप श्रोता के शब्दों को सिर्फ सुनते नहीं हैं बल्कि उसका अलग अलग मापदंडों पर तौलते भी हैं । किसी समस्या का समाधान करने या किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में आलोचनात्मक श्रवण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । जब आप वक्ता ( Speaker ) द्वारा कहे गए facts को सुनकर खुद से पूछते हैं कि क्या जानकारी सही है, स्पीकर के कहने का अर्थ क्या है ? और इन प्रश्नों का उत्तर खोजते हैं तो मतलब आप खुद को critical listening में engage कर रहे हैं ।

7. Empathetic or therapeutic listening

Empathetic or therapeutic listening का हिंदी अर्थ है सहानुभूतिपूर्ण या चिकित्सीय श्रवण । अब आप सोच रहे होंगे कि यह Sympathetic Listening से कैसे अलग है ? जब हम बात करते हैं सिम्पैथेटिक श्रवण की तो इसका अर्थ है कि सामने वाले व्यक्ति की भावनाओं को हम अपने दृष्टिकोण से समझने की कोशिश करते हैं । इसके बाद, आप सहानुभूति प्रकट करने के लिए कुछ शब्द भी बोलते हैं ।

लेकिन जब बात आती है एंपाथेटिक श्रवण की तो इसमें आप खुद को सामने वाले व्यक्ति की परिस्थिति में रखकर उसे समझने की कोशिश करते हैं । आप उसकी समस्या या परिस्थिति को उसके ही दृष्टिकोण से समझने की कोशिश करते हैं । यहां आमतौर पर, सहानुभूति प्रकट करने के लिए शब्दों का सहारा लेने की जरूरत नहीं होती है ।

जब आप अपने अभिभावक से किसी वस्तु को खरीदने के लिए कहते हैं और वे मना कर देते हैं । तो इस परिस्थिति में आप अगर उनके दृष्टिकोण से या उनकी जगह पर खुद को खड़ा करके उनके उत्तर की विवेचना करते हैं तो वह Empathetic Listening में आता है ।

What is active listening skills in Hindi

Active Listening का हिंदी अर्थ सक्रिय श्रवण होता है । सक्रिय श्रवण एक वक्ता पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने, उनके संदेश को समझने, जानकारी को समझने और सोच-समझकर जवाब देने की क्षमता है । जब आप अपनी कक्षा में होते हैं तो शिक्षक द्वारा दी जा रही जानकारी पर पूरा ध्यान केंद्रित करते हैं, सभी जानकारियां समझते हैं और किसी प्रश्न पूछे जाने की परिस्थिति में सोच समझकर जवाब देते हैं ।

इसे ही सक्रिय श्रवण कहा जाता है । अगर आप अपने listening skills को बेहतर करना चाहते हैं तो आप active listening का अभ्यास जरूर करें । एक्टिव लिसनिंग में न सिर्फ आपको सुनना होता है बल्कि आमतौर पर जवाब भी देना होता है । इसलिए सबसे पहले दी जा रही जानकारी पर आपको पूरा ध्यान केंद्रित करके ध्यान से सब कुछ सुनना चाहिए ।

Tips To Improve Listening Skills in Hindi

आप Listening Skills पर अबतक दी गई जानकारी पढ़कर इसके महत्व के बारे में काफी कुछ जान चुके होंगे । इसके महत्व को समझते हुए आप नीचे दिए tips follow करके श्रवण कौशल को सुधार सकते हैं । ये Tips हैं:

  • वक्ता यानि स्पीकर द्वारा दी जा रही जानकारी की मन में तस्वीर बनाएं ।
  • स्पीकर से eye contact करने की कोशिश करें ।
  • वक्ता से ऐसे प्रश्न पूछें जिसका उत्तर हां या ना में हो । ऐसे प्रश्नों को open questions कहते हैं ।
  • सिर्फ सुने नहीं बल्कि समझते हुए सुनें ।
  • वक्ता को बोलते समय बीच में न टोकें ।
  • अगर स्पीकर द्वारा बोली जा रही आपको गलत भी लग रही हो तो भी उसे ध्यानपूर्वक सुनें और बीच में न टोकें ।
  • किसी जानकारी को सुनते समझते समय ध्यान भंग करने वाले लोगों या चीजों से दूरी बनाएं ।
  • नियमित योग करें जिससे श्रवण कौशल बेहतर बनता है ।

Listening Skills Test in Hindi

अगर आप अपने Listening Skills को Test की मदद से बेहतर करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए साइट पर अवश्य जाएं । यहां आपको बिल्कुल मुफ्त में listening skills test मिलता है । जैसे ही आप नीचे दिए लिंक पर जायेंगे, यहां आपको एक YouTube Video मिलेगा और उसके ठीक नीचे interactive worksheet दिया गया है ।

आपको सबसे पहले YouTube Video की सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक सुनना है और फिर वर्कशीट में दिए प्रश्नों का उत्तर देना है । इससे आप अपने श्रवण कौशल को काफी हद तक सुधार सकते हैं । यह Listening Skills Test in Hindi है । इसके ठीक नीचे मैंने अंग्रेजी भाषा के लिसनिंग स्किल्स टेस्ट भी दिया है जिसे आप दे सकते हैं ।

Conclusion

अगर आप किसी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं और एक बेहतर वक्ता यानि Speaker बनना चाहते हैं तो आपको Listening Skills बेहतर करना चाहिए । हमारे जीवन में कई ऐसी समस्याएं सिर्फ इसलिए भी हैं क्योंकि हम सुनते नहीं है, ध्यानपूर्वक सुनते नहीं हैं । आप अपने श्रवण कौशल को कैसे बेहतर कर सकते हैं, इसका हिंदी और अंग्रेजी में टेस्ट, इसके प्रकार इत्यादि प्रश्नों का उत्तर मैंने आपको दे दिया है ।

अगर आपके मन में इस विषय से संबंधित कोई अन्य प्रश्न है तो उसे आप नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं । आपको यह आर्टिकल कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताएं । आर्टिकल helpful लगा हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।

2 thoughts on “Listening Skills in Hindi – एक बेहतर श्रोता कैसे बनें ?”

  1. Humko yah Nahin Samajh Mein Aaya ki Sar log bolate Hain bahuviklpi prashn Rahega aur ismein bahut बड़ा-बड़ा question hai to Kaise Ham Karen ki vahan per Pass Ho Jaaye

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    • आपकी बात का कॉन्टेक्स्ट तो साफ समझ नहीं आ रहा है । लेकिन अगर आप श्रवण कौशल से संबंधित किसी परीक्षा से संबंधित यह प्रश्न पूछ रही हैं तो आपको सुझाव दिया जाता है कि आर्टिकल को एक से दो बार पढ़ें, जरूरी बिंदुओं का नोट्स बनाएं । बहुविकल्पीय प्रश्न इन्हीं से निकाल कर पूछे जाते हैं । इस तरह आप परीक्षा को पास कर सकती हैं ।

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