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    Home – Import and Export Meaning in Hindi – आयात और निर्यात क्या है ?
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    Import and Export Meaning in Hindi – आयात और निर्यात क्या है ?

    Tomy JacksonBy Tomy Jackson9 February 2024Updated:9 February 2024No Comments11 Mins Read
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    Import and Export Meaning in Hindi
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    आपने अक्सर टेलीविजन में देखा या सोशल मीडिया पर Import और Export के बारे में सुना होगा । हालिया खबरों की बात करें तो भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया । लेकिन आपके मन में अक्सर यह प्रश्न उठता होगा कि आखिर ये आयात और निर्यात क्या होते हैं ? किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में इनकी क्या भूमिका है ? इंपोर्ट और एक्सपोर्ट क्यों जरूरी है ?

    इन सभी प्रश्नों का उत्तर आपको इस लेख में दिया जायेगा । न सिर्फ आपको Import and Export Meaning in Hindi की जानकारी दी जाएगी बल्कि आप यह भी जानेंगे कि वैश्वीकरण में यह किस प्रकार सहायक है । लेख के अंत में आपको उन उत्पादों के बारे में जानकारी दी जायेगी जिन्हें भारत निर्यात करता है और साथ ही आपको यह भी बताया जायेगा कि किन क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है ।

    Import and Export Meaning in Hindi

    Import and Export

    Import और Export को हिंदी में क्रमशः आयात और निर्यात कहते हैं । किसी भी उत्पाद को विदेश से अपने देश में लाने को आयात कहते हैं तो वहीं अपने देश की वस्तुओं या सेवाओं को दूसरे देश में भेजना निर्यात कहलाता है । ये किसी भी देश की अर्थव्यस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं ।

    इसे एक सामान्य से उदाहरण से समझते हैं । हमारे भारत देश से दुनियाभर में गेंहू बेचा जाता है यानि कोई वस्तु दुनिया के अन्य देशों को बेची जा रही है तो इसे हम निर्यात (Export) कहेंगे । दूसरी परिस्थिति में भारत अरब और पश्चिमी देशों से तेल खरीदकर अपने देश में लाता है तो उसे आयात (Import) कहेंगे । तो इस तरह आपको अच्छे से इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का अर्थ पता चल गया होगा ।

    कोई भी देश हर साधन संपन्न नहीं है इसलिए उसे किसी अन्य देश से वस्तुएं/सेवाएं खरीदनी ही पड़ती हैं । दुनिया का ऐसा कोई भी देश नहीं है जो पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो हालांकि आत्मनिर्भर बनने की राह पर भारत, चीन सहित कई अन्य देश चल रहे हैं । लेकिन फिर भी हर देश के पास सारे संसाधन मौजूद नहीं हो सकते हैं और इसलिए अन्य देशों पर निर्भरता जरूरी हो जाती है ।

    Benefits of Import – आयात का महत्व

    जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि वस्तुओं का आयात करना एक मजबूरी है । हर देश के पास सभी जरूरी संसाधन मौजूद नहीं हो सकते इसलिए उन्हें अन्य देशों पर निर्भर होना पड़ता है । लेकिन आयात के कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं ।

    1. बाजार में नए उत्पाद लाना

    आयात यानि Import की मदद से बाजार में नए उत्पादों को लाना आसान हो जाता है । इसे आसान उदाहरण से समझिए । भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी का जल्द ही व्यापक विस्तार होने वाला है जिसकी वजह से भारत एक drone hub बनेगा । अगर भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी में नयापन लाया गया तो इससे विदेशी व्यवसाय आकर्षित होंगे ।

    विदेशी ग्राहक सबसे पहले market research करेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि इस नई ड्रोन टेक्नोलॉजी को खरीदने वालों की संख्या कितनी है । इसके बाद वे भारत से ड्रोन अपने यहां आयात करेंगे और मार्केट में पेश करेंगे । यानि उन्हें नए उत्पाद मार्केट में उतारने के लिए उन उत्पादों को खुद बनाने की आवश्यकता नहीं है ।

    2. उच्च गुणवत्ता की वस्तुएं

    Import Business का एक नियम है और वह है कि धंधा अच्छी गुणवत्ता पर चलता है । कोई भी उत्पादक (manufacturer) यह नहीं चाहेगा कि उसके उत्पाद घटिया किस्म के हों क्योंकि यह पूरा बाजार ही अच्छी गुणवत्ता के बल पर संचालित होता है । अगर वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं है तो फिर उत्पादक से भविष्य में कोई उत्पाद नहीं खरीदेगा इसलिए पूरी संभावना होती है कि आयात करने पर अच्छी गुणवत्ता की वस्तुएं मिलती हैं ।

    लेकिन अगर स्थानीय उत्पादन की बात करें तो उसमें कई खामियां होती हैं । स्थानीय उत्पादक उच्च गुणवत्ता के सामना बनाने से ज्यादा मुनाफे पर ध्यान देते हैं इसलिए व्यवसाय दूसरे देशों की तरफ अपना रुख करते हैं । भारत में बने सामान भले ही अच्छी गुणवत्ता के न हों लेकिन आयात किए गए सामानों की गुणवत्ता अच्छी होती है हालांकि इसके कुछ अपवाद (exceptions) भी हैं ।

    3. कम लागत

    Import और Export दोनों में यह खासियत होती है कि लागत कम लगती है और मुनाफा ज्यादा होता है । फिलहाल हम सिर्फ आयात यानि इंपोर्ट की ही बात करेंगे जिसमें कम लागत की आवश्यकता होती है । वर्तमान समय में कई व्यवसाय कोई भी उत्पाद खुद बनाने से ज्यादा बेहतर उन उत्पादों को आयात करना मानते हैं क्योंकि इसमें कम लागत लगती है ।

    एक उत्पाद को बनाने में नई तकनीक, मजदूर, कच्चा माल, आदि की जरूरत पड़ती है लेकिन बने बनाए माल को आयात करने में कम निवेश करना पड़ता है । आयात कभी भी फुटकर या खुदरा उत्पादों का नहीं किया जाता है बल्कि थोक पर ही सामान खरीदे जाते हैं । थोक में सामान खरीदने की वजह से उन्हें कम लागत में अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद आसानी से मिल जाते हैं ।

    Benefits of Export – निर्यात का महत्व

    आयात करने के फायदों के बाद अब हम जानेंगे कि Benefits of Export क्या क्या हैं । निर्यात करने का सबसे बाद फायदा यह होता है कि बेचने वाले को ज्यादा से ज्यादा फायदा होता है । एक देश के रूप में निर्यात का महत्व क्या है, इसके बारे में हम संक्षेप में समझेंगे ।

    1. जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान

    निर्यात का जीडीपी में योगदान किस प्रकार होता है, यह समझने से पहले संक्षेप में जानिए कि GDP यानि Gross Domestic Product क्या होता है ? जीडीपी का अर्थ होता है एक वर्ष के भीतर निर्मित वस्‍तुओं तथा उपलब्‍ध सेवाओं का कुल मूल्‍य । जो भी वस्तुएं भारत के बाहर निर्यात की जाती हैं, उन्हें सबसे पहले भारत में ही बनाया जाता है । इसलिए निर्यात के लिए निर्मित वस्तुएं भी जीडीपी में अपना योगदान देती हैं ।

    किसी देश द्वारा निर्यात यानि Export की मात्रा कितनी है, यह तय करता है कि उस देश का विकास दर कितना होगा । जीडीपी में निर्यात अपना योगदान देता है इसलिए यह सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास से जुड़ा होता है ।

    2. रोजगार में वृद्धि

    बात करें अगले benefit of export की तो इसकी वजह से रोजगार में वृद्धि होती है । परंतु कैसे ? चलिए आसान भाषा में समझते हैं । वस्तुओं को किसी अन्य देश एक्सपोर्ट करने के लिए सबसे पहले उसे अपने देश में ही बनाया जाता है । इसके बाद उसे विदेश में भेजने के लिए वाहनों पर लादना, उसकी पूरी देखरेख करना, वस्तुओं की गुणवत्ता की जांच करना आदि निर्यात की प्रक्रियाओं में कुशल लोगों की आवश्यकता पड़ती है ।

    यानि निर्यात की प्रक्रिया रोजगार में वृद्धि करती है । इसका दूसरा पहलू भी है और वह यह है कि जब सभी रोजगारों को उनका रुपया मिल जाता है तो वे उसे अपनी जरूरतों के हिसाब से खर्च भी करते हैं । यानि वे मांग और आपूर्ति में भी वृद्धि करते हैं और इससे दोबारा रोजगार का सृजन होता है । यानि यह एक चक्र की तरह चलता रहता है ।

    इससे तीसरी बात यह निकल कर आती है कि किसी भी देश में बेरोजगारी के दर को घटाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से निर्यात (Export) जरूरी होता है । निर्यात में गिरावट को आसन्न आर्थिक मंदी के शुरुआती संकेतक के रूप में माना जाता है ।

    3. देश की विदेशी मुद्रा में वृद्धि

    आपको यह तो पता होगा ही कि वर्तमान समय में दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्राओं में डॉलर की अपनी एक पहचान है । दुनिया में होने वाले ज्यादातर व्यापार डॉलर में ही किए जाते हैं हालांकि कुछ परिस्थितियों में सोने से भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार किया जाता है । यानि कि दुनिया के देशों को आयात – निर्यात के लिए डॉलर की जरूरत है । जब निर्यात किया जाता है तो डॉलर निर्यातक देश के मुद्रा भंडारण में शामिल होता जाता है ।

    विदेशी मुद्रा डॉलर की वृद्धि के लिए कुछ ही तरीके हैं और सबसे महत्वपूर्ण है निर्यात । ज्यादा से ज्यादा निर्यात करने से देश की विदेशी मुद्रा में वृद्धि होती है और उस विदेशी मुद्रा से आयात करने में आसानी होती है । अगर किसी देश के पास विदेशी मुद्रा खासकर कि डॉलर की कमी है तो इस परिस्थिति में वह देश बर्बादी की कगार पर पहुंच सकता है । वह देश विदेशी वस्तुओं को अपने देश में खरीदकर नहीं ला सकता है ।

    Top 10 products exported from India

    पिछले दशकों की तुलना में भारत एक बड़े निर्यातक देश के रूप में उभर रहा है । हमने शुरुआत में ही एक खबर का जिक्र किया था जिसमें भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया । यह भारत की उभरती शक्ति को दर्शाता है ।

    लेकिन ऐसे कौन कौन से उत्पाद हैं जो भारत से सबसे ज्यादा निर्यात किए जाते हैं यानि दूसरे देशों में भेजे जाते हैं ? चलिए देखते हैं Top products exported from India के इस टेबल में । इसमें सबसे पहले उन वस्तुओं की सूची दी गई है जिसे भारत से export किया जाता है इसके बाद निर्यात किए गए वस्तुओं के कुल मूल्य को भी उसके सामने लिखा गया है ।

    Exported ProductsTotal Worth (2021-2022)
    इंजीनियरिंग के सामान$111 billion
    पेट्रोलियम उत्पाद1.9 trillion Indian rupees
    रत्न और आभूषण$26 billion
    कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन$29.3 billion
    ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स1.83 Lakh Crore
    इलेक्ट्रॉनिक सामान$12,400 Million
    सूती धागे/कपड़े/हथकरघा उत्पाद$40 billion
    समुद्री उत्पाद$7,740 million
    प्लास्टिक और लिनोलियम$3.29 billion
    अनाज$5486.39 Million

    Top 8 products India imported

    जहां भारत Export के क्षेत्र में बाजी मार रहा है तो वहीं अभी भी भारत का आयात निर्यात से ज्यादा है । किसी भी देश के विकास के लिए जरूरी है कि उस देश का निर्यात आयात से ज्यादा हो । चलिए एक नजर डालते हैं इन उत्पादों पर जिन्हें भारत Import करता है ।

    Imported ProductsTotal Worth (may vary)
    कच्चा तेल$119.2 billion
    कीमती पत्थर1.39 trillion rupees
    इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद3.7 trillion Indian rupees
    भारी मशीनरी2.3 trillion Indian rupees
    जैविक रसायन$18.3 billion
    प्लास्टिक$19.26 Billion
    पशु और वनस्पति तेलRs 1,17,000 crore
    लोहा और इस्पात$11.68 Billion

    किन क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा ?

    अगर भारत दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरना चाहता है तो उसे ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करना होगा । आत्मनिर्भर भारत का मिशन सफल बनाने के लिए भारत को कई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है । इन क्षेत्रों में अगर भारत आत्मनिर्भर बन जाए और दुनिया को इन क्षेत्रों के उत्पाद import करने के बजाय export करे तो भारत की विकास दर में गजब की वृद्धि देखने को मिलेगी:

    • खाद्य प्रसंस्करण
    • जैविक खेती
    • लोहा
    • एल्यूमीनियम और कॉपर
    • कृषि रसायन
    • इलेक्ट्रानिक्स
    • औद्योगिक उपकरण
    • फर्नीचर
    • चमड़ा और जूते
    • ऑटोमोबाइल पार्ट्स
    • कपड़ा
    • मास्क, सैनिटाइज़र और वेंटिलेटर

    पूरी दुनिया ने वैश्विक महामारी को झेला है और जिस वक्त यह लेख लिखा जा रहा है, इस समय भी दुनिया के कई देशों में कोरोनावायरस के मामले सामने आ रहे हैं । लेकिन विपदा में अवसर भी आते हैं और भारत के समक्ष कई ऐसे अवसर हैं जिन्हें अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा किया जा सकता है ।

    भारत को import से ज्यादा export पर ध्यान केंद्रित करना होगा और उन क्षेत्रों में एक्सपोर्ट करना होगा, जिनमें मुनाफे का प्रतिशत ज्यादा हो । कृत्रिम बुद्धिमता, नई तकनीक, 5जी और 6जी टेक्नोलॉजी जाए कई ऐसे क्षेत्र हैं जो धीरे धीरे दुनिया में पैर पसार रहे हैं । इन क्षेत्रों में अगर भारत खुद को आत्मनिर्भर बना ले तो आने वाली सदियां भारत के नाम होंगी ।

    Conclusion On Import and Export in Hindi

    हमें उम्मीद है कि आप अच्छे से Import and Export Meaning in Hindi समझ गए होंगे । Export मतलब वे वस्तुएं जो किसी देश से विदेश भेजी जाती हैं और Import यानि वे वस्तुएं जो विदेश से देश में खरीद कर लाई जाती हैं । इसे सम्बन्धित अन्य सभी जरूरी पहलुओं पर आपको विस्तार से जानकारी दी गई है ।

    • वैश्वीकरण क्या है ?
    • NEFT, RTGS, IMPS और ECS क्या है ?
    • EPFO क्या है ?
    • Fixed Deposit Account क्या होता है ?
    • Bank Mitra कैसे बनें ?
    • Custom Duty और Excise Duty के बारे में
    • Conspiracy theory क्या है ?
    • B2B sales क्या है ?
    • Mass Communication in Hindi
    • Franchise क्या है ?
    • Ministry of Corporate Affairs in Hindi
    • Ministry of Housing and Urban Affairs in Hindi

    अगर आपके मन में आयत और निर्यात विषय पर कोई भी प्रश्न है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । आपको यह आर्टिकल कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें ।

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