What is Counselling in Colleges in Hindi – काउंसलिंग क्या है ?

अगर आपने कभी काउंसलिंग का नाम सुना है या अगर आप काउंसलिंग के लिए जा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगा । What is Counselling in Colleges in Hindi के इस आर्टिकल में मैं आपको काउंसलिंग, काउंसलर, इसका महत्व, प्रकार के अलावा अन्य जरूरी जानकारियां दूंगा । इसके आर्टिकल के अंत में आपको इस टॉपिक से जुड़े Frequently Asked Questions को भी कवर करूंगा ।

वर्तमान समय में लगभग सभी कॉलेजों में छात्रों द्वारा प्रवेश लेते समय काउंसलिंग की जाती है । इसके अलावा, कई कॉलेजों में काउंसलिंग regular basis पर भी होता है । इन दोनों के बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे । तो चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं:

What is Counselling in Hindi ?

Counselling को हिंदी में परामर्श या उपबोधन कहा जाता है । छात्रों को उनके शैक्षिक जीवन में सही निर्णय लेने, कैरियर से जुड़े मार्गदर्शन देने के लिए काउंसलिंग कराई जाती है । एक छात्र सही कैरियर विकल्प चुने, अपनी क्षमताओं के हिसाब से शिक्षण जारी रखे, यह काउंसलिंग का मुख्य उद्देश्य है ।

उदाहरण के तौर पर, आप सभी ने BHU यानि Banaras Hindu University के बारे में अवश्य सुना होगा । जब आप इसमें प्रवेश लेने की परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं तो आपको बुलाया जाता है । कई छात्र यह सोच कर डर जाते हैं कि उनसे मुश्किल विषय संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे । लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । वहां आपसे कुछ निम्नलिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं:

  • अपने बारे में बताएं ।
  • आप कौनसा कॉलेज ज्वाइन करना चाहेंगे और क्यों ?
  • क्या आपने किसी अन्य इंस्टीट्यूट में अप्लाई किया है ?
  • आप कौनसा कोर्स लेना चाहते हैं और क्यों ?

इस counselling की प्रक्रिया की मदद से छात्र को सही कॉलेज और कोर्स चुनने में मदद की जाती है । ज्यादातर बड़े universities या colleges में ही इस प्रक्रिया को किया जाता है । इसके अलावा, कॉलेज में एडमिशन के बाद भी काउंसलिंग की जाती है जिसके बारे में मैं आपसे आर्टिकल में आगे बात करूंगा ।

Counsellor क्या होता है ?

Counsellor को हिंदी में परामर्शदाता या सलाहकार कहा जा सकता है । ये काउंसलिंग करते हैं ताकि एक छात्र अपने शैक्षिक जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले ले सके । इसके अलावा, एक काउंसलर therapy देने का भी काम करता है लेकिन अगर शिक्षा के क्षेत्र में देखा जाए तो मुख्य रूप से एक काउंसलर का कार्य आपको सभी मार्गदर्शन प्रदान करना ही होता है ।

किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन लेने के दौरान और एडमिशन लेने के बाद भी काउंसलर की जरूरत पड़ती है । जहां इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेते समय काउंसलर सिर्फ छात्र को सही विषय, स्ट्रीम और कॉलेज लेने में मदद करते हैं तो वहीं छात्र जब एडमिशन ले लेता है तो इसके मानसिक स्वास्थ्य और अन्य शिक्षण संबंधित समस्याओं के लिए भी काउंसलर की जरूरत पड़ती है ।

Types Of Counselling in Hindi

अगर बात करें Types of counselling यानि काउंसलिंग के प्रकार की तो यह कुल मिलाकर 3 प्रकार का होता है । चलिए इन तीनों के बारे में संक्षेप में लेकिन आसान भाषा में समझते हैं ।

1. Guidance and Counselling

आर्टिकल में अबतक मैंने काउंसलिंग के बारे में जितनी जानकारी आपसे सांझा की है, वे सभी Guidance and Counselling की ही हैं । इसका मुख्य मकसद किसी भी छात्र को सही विषय, कॉलेज और कैरियर विकल्प चुनने में मदद करता है । ज्यादातर बड़े कॉलेजों में आपको एक Educational Counsellor आसानी से मिल जाता है जो right career choice लेने में आपकी मदद करता है ।

इसके अलावा आप चाहें तो ऑनलाइन पर भी काउंसलर की तलाश कर सकते हैं । हालांकि ये paid होते हैं जिसका अर्थ यह है कि आपको इनसे Counselling लेने के लिए पेमेंट करना होगा । यह पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप किस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने जा रहे हैं । अगर आप किसी deemed university में प्रवेश लेने जा रहे हैं तो आपको अच्छे काउंसलर मिलते हैं ।

लेकिन, कई ऐसे इंस्टीट्यूट भी हैं जहां कॉलेज की तरफ से काउंसलर नहीं दिए जाते हैं । इस परिस्थिति में आप ऑनलाइन काउंसलर की मदद से सही निर्णय ले सकते हैं । सही विषय या कॉलेज चुनने के अलावा, एक एजुकेशनल काउंसलर छात्र के family issues, bullying, transportation problems इत्यादि में भी मदद करते हैं ।

2. Vocational Counselling

Vocational Counselling का मुख्य मकसद किसी छात्र को सही career choice लेने में मदद करता है । इस प्रकार की काउंसलिंग का मुख्य मकसद किसी भी छात्र को उसकी इच्छानुसार नौकरी के लिए तैयार करना है । इसके लिए उन्हें सही दक्षताएं और योग्यताओं की जानकारी दी जाती है । इसे vocational rehabilition भी कहते हैं ।

इसे एक उदाहरण से समझिए, मान लेते हैं कि आप एक Data Analyst बनना चाहते हैं । इस परिस्थिति में एक काउंसलर आपको डाटा एनालिस्ट बनने के लिए जरूरी skill set, मार्केट की मांग और सही परामर्श देंगे । एक डाटा एनालिस्ट बनने के लिए Data Visualization, Data Cleaning, Machine Learning इत्यादि की जरूरत पड़ती है ।

आपके अंदर ये सभी skills और abilities हैं या नहीं, यह आपके लिए सही career choice है या नहीं, इस मार्केट में कदम रखना सही है या नहीं की पूरी जानकारी दी जाती है । इससे आपको सही कैरियर विकल्प चुनने में मदद मिलता है ।

3. Career Counselling

Career Counselling का मुख्य उद्देश्य छात्रों के साथ साथ पहले से कार्य कर रहे पेशेवरों का मार्गदर्शन करना होता है । एक Career Counsellor छात्रों को नया कैरियर ऑप्शन चुनने में मदद करता है तो वहीं जो पहले से ही नौकरी कर रहे हैं उन्हें career evaluation में मदद करते हैं ।

जो व्यक्ति पहले से ही नौकरी कर रहे हैं वे अपने काम से खुश हैं या नहीं, Work culture कैसा है इत्यादि प्रश्नों का सटीक उत्तर सोचने में भी कैरियर काउंसलर मदद करते हैं ।

Benefits of Counselling in Hindi

चलिए अब जानते हैं कि Counselling benefits क्या क्या हैं । हम संक्षेप में जानेंगे कि काउंसलिंग के क्या फायदे हैं ।

  • इसकी मदद से सही कैरियर विकल्प चुनने में मदद मिलता है ।
  • यह खुद को समझने में आपकी मदद करता है ।
  • इसकी मदद से आपको अपने strengths और weaknesses के बारे में पता चलता है ।
  • काउंसलिंग आपके दिमाग को शांत करता है और आपके सभी प्रश्नों का हल देता है ।
  • यह आपके व्यवहार को सुधारने में मदद करता है ।
  • इसकी मदद से career, study से जुड़े तनाव को कम करने में मदद करता है ।

Process of Counselling in Hindi

अब तक आप अच्छे से College Counselling meaning in Hindi समझ चुके हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि काउंसलिंग कैसे की जाती है ? इसके मुख्य रूप से 3 stages होते हैं । चलिए इन तीनों स्टेजेस के बारे में हम समझते हैं ।

1. Online Registration

Counselling Process में सबसे पहले Online Registration किया जाता है । मान लीजिए कि आपने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए परीक्षा दिया था । जब परिणाम घोषित हुआ तो आप उसमें उत्तीर्ण हुए । इसके बाद आपको काउंसलिंग, सीट एलॉटमेंट और कॉलेज के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा ।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत आपको अपनी पूरी जानकारी भरनी है । जिन भी details की मांग आपसे होगी, वे सभी जानकारियां सही सही भर दें । इसके साथ ही, आपको Course और College Preference भी इसी समय भरना होगा । आपको कौनसा कोर्स और कॉलेज अपने अंकों के आधार पर चाहते हैं, इसे भरकर अंत में Payment करना है ।

2. Seat Allotment

Online Registration के उपरांत seat allotment कराया जायेगा । इसका एक अलग से रिजल्ट जारी होता है जिसमें सभी छात्रों को seats allot किए जाते हैं । यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आपने जिस भी कॉलेज या कोर्स को preference दी थी, जरूरी नहीं है की वहीं आपको मिले भी । आपके प्रवेश परीक्षा में मिले अंकों और अन्य फैक्टर्स के आधार पर सीट एलॉटमेंट की जाती है ।

अगर आप यूनिवर्सिटी द्वारा किए seat allotment से खुश नहीं हैं तो आप एडमिशन लेने का विचार छोड़ भी सकते हैं । कई बार ऐसा होता है कि आप जिस विषय से अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, वह विषय आपको नहीं मिलता है । कई बार आपने जिस कॉलेज को preference दी थी, वह कॉलेज भी नहीं मिलता है । लेकिन, अगर आपकी preference के हिसाब से ही आपको सब कुछ मिला है या आप seat allotment से खुश हैं तो अंतिम चरण है Reporting का ।

3. Reporting

Reporting का अर्थ है कि आपको जो कॉलेज allot किया गया है, वहां आपको निर्धारित दिनांक और समय पर उपस्थित रहना है । कई बार University के किसी डिपार्टमेंट में भी रिपोर्टिंग के लिए बुलाया जा सकता है । आपको Email या Message में दिनांक, समय और स्थान की जानकारी दे दी जाती है । आपको उस जगह पर अपने पूरे documents के साथ पहुंचना है ।

जरूरी सभी दस्तावेजों की जानकारी भी आपको यूनिवर्सिटी द्वारा दे दी जाती है । ध्यान रहे कि कोई भी डॉक्यूमेंट छूटना नहीं चाहिए । जैसे ही आप अपने सभी दस्तावेजों के साथ दिए स्थान पर रिपोर्ट करते हैं तो फिर शुरू होती है Counselling । इसके बारे में मैंने ऊपर विस्तृत जानकारी दे दी है । इस तरह आप समझ गए जिन्हें कि काउंसलिंग कैसे की जाती है ।

Frequently Asked Questions on Counselling

अब मैं आपसे काउंसलिंग से जुड़े महत्वपूर्ण और FAQs की बात करूंगा । ये सभी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हैं जिनका उत्तर आपको पता होना चाहिए ।

1. Online Counselling कैसे होती है ?

Online Counselling विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से की जाती है । काउंसलर और क्लाइंट के निश्चित समय निर्धारित करते हैं जहां दोनों एक दूसरे से वीडियो कॉल या चैटिंग के जरिए जुड़ते हैं । इसके बाद सवाल जवाब होता है ।

2. Eligible for counselling meaning in Hindi क्या है ?

Eligible for counseling का अर्थ होता है कि एक छात्र काउंसलिंग के लिए न्यूनतम पात्रता मापदंड को पूरा करता है या नहीं । उदाहरण के तौर पर, प्रवेश परीक्षा में कट ऑफ से ज्यादा अंक लाना काउंसलिंग के लिए eligible बनाता है ।

3. Counselling letter Meaning in Hindi क्या है ?

काउंसलिंग लेटर उस व्यक्ति या छात्र को भेजा जाता है जिसने प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है । प्रवेश परीक्षा के बाद एडमिशन, सीट एलॉटमेंट इत्यादि के लिए छात्र को पत्र द्वारा भी सूचित किया जाता है जिसमें काउंसलिंग की जगह, समय, दिनांक अंकित होता है ।

4. Open Counselling क्या है ?

जब पहले या मुख्य काउंसलिंग राउंड के बाद भी कॉलेज में सीट खाली रह जाती हैं, तब अन्य eligible candidates ओपन काउंसलिंग के लिए जा सकते हैं । यह एडमिशन लेने के लिए अंतिम राउंड का उपबोधन है ।

Conclusion

What is Counselling in Colleges in Hindi के इस आर्टिकल में आपने जाना कि काउंसलिंग क्या है, काउंसलिंग के प्रकार, फायदे, प्रक्रिया क्या है । इसके अलावा मैने इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को भी अंत में जोड़ा है । अगर आपके मन में इस विषय से जुड़े प्रश्न हैं तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं ।

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